प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 13 नवंबर 2021
देश की राजधानी (नई दिल्ली) में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है । दिल्ली – एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने काफी नाराजगी जताई है । कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगले दो-तीन दिनों में हालात को बेहतर बनाने के लिए आपातकालीन कदम उठाए जाएं । अगर जरूरी हो तो दिल्ली में कुछ दिनों के लिए लॉकडाउन लगाने पर भी विचार हो। केंद्र
सरकार ने आश्वासन दिया कि संबंधित राज्यों से बात कर तात्कालिक कदम उठाए जाएंगे । इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी ।
हर साल अक्टूबर-नवंबर के महीने में दिल्ली में होने वाले प्रदूषण को लेकर पिछले साल आदित्य दुबे नाम के छात्र ने याचिका दाखिल की थी । याचिका में पंजाब-हरियाणा में फसल अवशेष यानी पराली जलाए जाने समेत तमाम कारणों को गिराया गया था । पिछले साल हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस समस्या से निपटने में केंद्र और राज्य सरकारों की नाकामी को देखते हुए जिम्मा अपने पूर्व जज जस्टिस मदन बी लोकुर को सौंपने की बात कही थी । तब केंद्र सरकार ने एक 15 सदस्य आयोग का गठन किया और कोर्ट से अनुरोध किया कि वह किसी पूर्व जज को ज़िम्मा न सौंपे । कोर्ट ने इस अनुरोध को मान लिया, लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी दिल्ली में स्थिति वैसी ही बनी हुई है ।
हम एक राज्य को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहे हैं- सॉलिसिटर जनरल
कोर्ट के इस रुख से रक्षात्मक मुद्रा में आए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वह किसी एक वर्ग या किसी एक राज्य को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहे हैं । बाकी मुद्दों पर भी काम किया जा रहा है । मेहता ने सभी प्रश्नों का उत्तर देने के लिए सोमवार तक का समय मांगा ।
इस पर चीफ जस्टिस ने कहा स्थिति ऐसी है कि आपातकालीन कदम उठाना जरूरी हो गया है ।हम चाहते हैं कि अगले दो-तीन दिनों में स्थिति सुधारी जाए । AQI स्तर 500 के पार हो गया है, वह नियंत्रण में आए । अगर इसके लिए दिल्ली में कुछ दिनों का लॉकडाउन लगाना जरूरी हो, तो उस पर भी विचार हो । केंद्र के वकील ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण आयोग की आज ही आपातकालीन बैठक बुलाई गई है । इसमें सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे ।तेज़ कदम उठाए जाएंगे और जल्द स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की जाएगी । सुप्रीम कोर्ट ने उनके इस आश्वासन को रिकॉर्ड पर लेते हुए सुनवाई सोमवार 15 नवंबर के लिए टाल दी ।