स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छी खबर : श्री मेडिशाइन हॉस्पिटल,रायपुर में AVN क्लीनिक की हुई शुरुआत, पढ़िये क्या है AVN और कैसे होगा बेहतर उपचार?

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 23 नवंबर 2021

स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही श्री मेडिशाइन हॉस्पिटल,रायपुर में मध्यभारत के पहले AVN एवस्कुलर नेक्रोसिस व रिग्रो क्लीनिक की शुरुआत हुई है । हड्डी रोगों व जॉइंट रिप्लेसमेंट के लिए छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित मेडिशाइन हॉस्पिटल,रायपुर के डायरेक्टर डॉ सुशील शर्मा ने एवस्कुलर या आस्टियो नेफ्रोसिस बीमारी जो 18 से 45 वर्ष की आयु के पुरुषों में होती है, इसके बारे में बतलाते हुए कहा कि AVN का प्रमुख   कारण मध्यभारत में सिकासेल डिसीस के मरीज की अधिक संख्या, जिसके कारण कुल्हे के हड्डी में खून का दौरा कम होने के कारण(AVM), हाल ही में हुई कोरोना महामारी में स्टीराइड इंजेक्शन के अत्यधिक उपयोग, शराब का सेवन या धूम्रपान या हड्डियों की चोट आदि से होता है ।डॉ सुशील शर्मा ने बताया कि कुले की हड्डी को प्रभावित करती है, हड्डियों में रक्त का भाव कम होने और रुकने से एवीएन(AVN) होता है,जिसमें उत्तक मर जाते हैं और हड्डियों का पतन शुरू होता है ।

 

 

 

AVN क्लीनिक

डॉ सुशील शर्मा ने बताया कि नियमित गतिविधियों जैसे बैठने, खड़े होने और चलने में दर्द होता है, जो बाद में लंगड़ाना पैर के छोटे होने या अर्थराइटिस में बदल सकता है, AVN की पहचान शुरू में एक्सरे व MRI द्वारा संभव है ।

डॉ सुशील शर्मा ने जानकारी दी कि इसका इलाज पेन किलर,रेस्ट,विटामिन डी और और बाईस्फानेट्स द्वारा होता है। डॉ शर्मा ने बताया कि हड्डी के दबाव को बाहर लाने या कम करने हेतु ड्रील होल किया जाता है और सारे मृत ऊतकों को निकाल लिया जाता है ।
डॉ सुशील शर्मा ने बताया कि ड्रील होल को भरने की विधियों में भी बुला फीबुलर स्टूट ग्राफ्ट, स्टेम सेल्स या बोनमैरो से आस्टियोब्लास्ट को लैब में उगाया(रिग्रो) जाता है, जिसे मरीज के हिप ज्वाइंट में इंजेक्ट किया जाता है । इस तकनीक से मरीज की हड्डियों में ऊतक फिर जीवित हो जाते हैं ।

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जानकारी देते डॉ सुशील शर्मा

डॉ सुशील शर्मा ने बताया कि आस्टियोब्लास्ट (रिग्रो) तकनीक जो कुछ समय पहले तक मुंबई, दिल्ली जैसे महानगरों के हॉस्पिटल में उपलब्ध थी,अब मध्य भारत में पहली बार श्री मेडिशाइन
हॉस्पिटल में प्रारंभ हो चुकी है। एवस्कूलर नैक्रोसिस की प्रारंभिक अवस्था, निदान व उपचार के लिए महत्वपूर्ण है ।
जिसे आधुनिक तकनीक द्वारा मिनिमल इंवेस्टीव सर्जरी व स्टेमसेल आस्टियोब्लास्ट द्वारा ठीक किया जा सकता है और हिप रिप्लेसमेंट की बड़ी सर्जरी को टाला जा सकता है साथ ही मरीज के प्राकृतिक जोड़ों को बचाया जा सकता है ।

श्री मेडिसिन हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जन एवं डायरेक्टर डॉ राजेश जैन ने बताया कि मध्य भारत का यह पहला अस्पताल है जहां हाईपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी एवं एवं कैथलैब की सुविधा जल्द ही श्री मेडिशाइन अस्पताल में स्थापित किया जाएगा ।

जानकारी देते डॉ राजेश जैन

 

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