आरवीओटी स्टेंटिंग : NHMMI ने किया 13 वर्ष के लड़के का RVOT स्टेंटिंग … 9 वर्ष पहले भी किया जा चुका है इस तरह की बीमारी का यहां इलाज

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भूपेश टांडिया

रायपुर 9 दिसंबर 2021

 

 

 

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना ओडिशा के तहत जन्मजात हृदय रोग की रोकथाम व उपचार कार्यक्रम के लिए बाह्य हृदय जाँच शिविर
बलांगीर ओडिशा के एक 13 वर्षीय लड़के की स्क्रीनिंग की गई । बलांगीर में इको कार्डियोग्राफी स्क्रीनिंग के उपरांत मरीज में टेट्रालॉजी ऑफ फेलोट (दिल के दो निचले हिस्से के बीच बड़ा छेद और फेफड़ो की नस का गंभीर रूप से सिकुड़ना) पाया गया। NHMMI रायपुर में
दोबारा स्क्रीनिंग करने पर, यह पाया गया कि बच्चा तुरंत ओपन हार्ट सर्जरी के लिए योग्य नहीं है।
बच्चा काफी बीमार था, ऑक्सीजन लेवल
केवल 60% था और वह अच्छी तरह से विकसित (वजन – 20 किलो था जबकि 13 साल की उम्र में लगभग 45 किलो होना चाहिए ) भी नहीं हो पा रहा था।

 

इसलिए फेफड़ों में रक्त की आपूर्ति बढ़ाकर ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने की जरूरत थी।
इस उम्र में बीटी शंट जैसी सर्जरी हाई रिस्क वाली होती है और बाद में करेक्टिव सर्जरी के जोखिम को बढ़ा देती है। इसलिए आरवीओटी के स्टेंटिंग (एक स्टेंट के साथ दिल और फेफड़ों के बीच एक कनेक्शन बनाने की योजना बनाई गई। हालांकि, इस तरह की प्रक्रिया एक बहुत ही दुर्लभ प्रक्रिया थी जिसमें सावधानीपूर्वक योजना और विशेषज्ञ के कौशल और टीम वर्क की आवश्यकता होती है। इस प्रक्रिया के लिए कोई स्टेंट भी मार्केट में उपलब्ध
नहीं है। इसलिए शरीर के अन्य स्थानों (पेरिफेरल स्टेंट) का इस्तेमाल किया गया था। ये जटिल सर्जरी 25 नवंबर को हमारे अस्पताल में की गई। प्रोसीजर डॉ सुमंत शेखर पाढ़ी (वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट) और डॉ किंजल बख्शी (वरिष्ठ बाल हृदय रोग विशेषज्ञ) द्वारा किया
गया था। डॉ राकेश चंद/डॉ नीलिमा दास द्वारा दिए गए एनेस्थीसिया की क्रिया के तहत यह किया गया था। प्रोसीजर के तुरंत बाद ऑक्सीजन
लेवल 60% से बढ़कर लगभग 90% हो गई। प्रोसीजर के 48 घंटे बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई। यह राज्य में की गई इस तरह की दूसरी प्रक्रिया थी। पहला ऐसा हमारे अस्पताल में भी लगभग 9 साल पहले भी इसी कुशल टीम द्वारा किया गया था।

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यह ओडिशा के किसी बच्चे में किया गया ऐसा पहला मामला है। एनएचएमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल रायपुर के फैसिलिटी निदेशक नवीन शर्मा ने कहा, अब एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में इस तरह की सर्जरी की जाती है जो बहुत दुर्लभ है। एनएच एमएमआई नारायणा को छत्तीसगढ़ के एक विश्वसनीय हृदय केंद्र के रूप में जाना जाता है, अब हमने छत्तीसगढ़ के लोगों की अधिक सेवा करने के लिए अपने नैदानिक दक्षता को बढ़ाया है। उन्होंने इस सफल सर्जरी के लिए पूरी कार्डियक साइंसेज टीम को भी बधाई दी।

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