राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन : प्रदेश में धान खरीदी की तारीख बढ़ाने भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन…प्रदेश सरकार को उग्र आंदोलन की दी है चेतावनी

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भूपेश टांडिया

 

 

रायपुर 18 जनवरी 2021

प्रदेश में धान खरीदी को अब केवल कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं ऐसे में प्रदेश के बहुत सारे किसान अभी भी पूरी तरह से धान मंडियों में नहीं भेज पाए हैं। इसकी वजह यह है की बेमौसम बारिश का होना साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा 1 महीने की देरी से धान की खरीदी करने का शुरुआत किया जाना।

धान खरीदी की तारीख को और बढ़ाने को लेकर के ‘भारतीय जनता किसान मोर्चा’ ने छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके को ज्ञापन सौंपा है।

भाजपा किसान मोर्चा ने ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हुए कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार के द्वारा धान खरीदी एक माह विलंब से प्रारंभ किया गया। जिससे राज्य सरकार के किसानों के प्रति उदासीनता की वजह से प्रदेश भर के किसान परेशान हैं।

शासन द्वारा धान खरीदी हेतु मात्र 2 माह दिसंबर और जनवरी की समय सीमा नियत की गई है। जिसमें गत 28-29 दिसंबर और जनवरी के दूसरे सप्ताह में बेमौसम बारिश होने के कारण खरीदी प्रभावित हो गई है।जिससे प्रदेश भर के लगभग एक तिहाई से ज्यादा किसान अभी तक अपनी उपज की बिक्री नहीं कर पाए हैं। चूंकि धान खरीदी हेतु समय बहुत कम मात्र 9 दिन बचा है, ऐसी स्थिति में किसानों को धान बिक्री के लिए परेशान होना वाजिब है और उससे परेशान होकर किसान अपने धान को औने-पौने दर पर विक्रय करने हेतु मजबूर हो रहे हैं।

किसानों की परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए किसान मोर्चा ने राज्यपाल से मांग की है कि धान खरीदी की समय सीमा में एक माह की अतिरिक्त वृद्धि किए जाने हेतु सरकार को निर्देशित करने के साथ ही बेमौसम बारिश के कारण रबी फसलें चना, सरसों, लाख-लाखड़ी आदि को भारी नुकसान होने के कारण किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें व्याप्त हो गई है।

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राज्य सरकार भू राजस्व संहिता की धारा (6-4) के तहत राज्य सरकार प्रभावित किसानों को मुआवजा दिए जाने की तत्काल घोषणा करे एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के क्षति का आंकलन करा कर मुआवजा दिलाने का कार्य किया जाए।

चालू रबी फसल के लिए किसानों को यूरिया, डीएपी, पोटाश जैसे खाद के लिए भटकना पड़ रहा है सभी खादो की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का भी आग्रह किया गया है। इसके साथ ही ज्ञापन में कहा गया है कि शासन द्वारा निर्धारित धान खरीदी नीति के अनुसार उपार्जन केन्द्रों से धान का उठाव समयावधि में नहीं हो रहा है। नियमानुसार बफर लिमिट से ज्यादा धान भंडारित होने पर 72 घंटे के अंदर परिवहन किए जाने की अनिवार्यता है।

किंतु उसका पालन वर्तमान सरकार द्वारा विगत 3 वर्षो से नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण भारी शोर्टेज आने से सहकारी समितियों की आर्थिक स्थिति दिन प्रति दिन कमजोर होती जा रही है।

सरकार को धान खरीदी नीति के अनुसार धान का उठाव किए जाने हेतु निर्देशित करने की मांग की गई है। साथ ही कहा गया है कि उपरोक्त सभी मांग 10 दिवस के अंदर यदि राज्य सरकार पूर्ण नही करती है तो पूरे प्रदेश भर में भाजपा किसान मोर्चा पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करेगी।

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