प्रमोद मिश्रा
बलौदाबाजार/रायपुर, 08 फरवरी 2022
बलौदाबाजार जिले के रवान में स्थापित अंबुजा सीमेंट की तीसरी इकाई की स्थापना के लिए छत्तीसगढ़ पर्यावरण मंडल द्वारा 9 फरवरी को जनसुनवाई का आयोजन रखा गया है । इस जनसुनवाई का विरोध करते हुए कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर ने इस जनसुनवाई को नियम के विरुद्ध बताते हुए कलेक्टर से जनसुनवाई को स्थगित करने की मांग की है । हितेंद्र ठाकुर ने कहा कि अंबुजा सीमेंट संयंत्र से होने वाले प्रदूषण के कारण आसपास की भूमि बंजर हो रही है साथ ही लोगों के सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है । संयंत्र द्वारा खदान में पत्थर तोड़ने खदान के लिए किये जाने वाले बारूदी विस्फोट से लेकर संयंत्र में चिमनियों से निकलने वाले धुंए और बारीक कण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
सीमेंट फैक्टरी के आसपास उड़ती धूल से होने वाली बीमारियों और वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कोई सजग नजर नहीं आ रहा है ।फैक्टरी से होने वाले नुकसान और बीमारियों को लेकर जिला प्रशासन से लेकर सीमेंट प्रबंधन भी संवेदनशील नजर नहीं आता है । आपको बताते चले कि फैक्टरी से निकलने वाले महीन धूल के कण से खेतों को भी भारी नुकसान हो रहा है । जिले के कुकुरदी,ढनढनी, करमनडीह, पिपराही आदि क्षेत्रों में नवीन माइंस की स्थापना कर कन्वेयर बेल्ट द्वारा पत्थरों को ढोया जा रहा है,जिससे होने वाले ध्वनि प्रदूषण से सभी ग्रामवासी परेशान हैं । संयंत्र में मशीन का उपयोग ज्यादा किया जा रहा है, इस वजह से रोजगार के अवसर भी कम रहे हैं ।
छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा लाइमस्टोन का प्रचुर मात्रा में दोहन कर अन्य राज्यों में क्लीनकर बनाकर भेजा जा रहा है, वहां सीमेंट तैयार किया जा रहा है । आपको बताते चले कि छत्तीसगढ़ शासन को भी अपेक्षाकृत खनिज रॉयल्टी जीएसटी एक्साइज ड्यूटी का भी नुकसान हो रहा है।
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर ने संयंत्र की तीसरी इकाई जन सुनवाई पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा है कि सीमेंट संयंत्र गुपचुप तरीके से जनसुनवाई कर स्थानीय लोगों की उपेक्षा और उनके अधिकारों का हनन करता है । हितेंद्र ठाकुर ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 9 फरवरी को जनसुनवाई का आयोजन किया गया तो आसपास के ग्राम वासियों तथा कांग्रेस पार्टी द्वारा जनसुनवाई के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा ।
क्या कहना है सीमेंट प्रबंधन का?
इस मामले में सीमेंट प्रबंधन का बात किया गया तो उन्होंने कहा कि संयंत्र में ध्वनि एवं वायु प्रदूषण के बारे में स्थापित मानकों का ही पालन किया जा रहा है । समय-समय पर इसकी जांच भी की जाती है । संयंत्र में कार्यरत कर्मचारियों में 80% स्थानीय लोगों को रोजगार पर रखा गया है । नई इकाई की स्थापना से राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी ।