छत्तीसगढ़ : IAS अफसर और IFS अफसर में क्यों छिड़ी है विवाद?, आखिर क्यों विधायक बोले : “CM हाउस में करूँगा IFS अफसर की शिकायत”, पढ़ें इस खबर में

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प्रमोद मिश्रा

कोरबा/रायपुर, 14 फरवरी 2022

छत्तीसगढ़ के ऊर्जा नगरी कहे जाने कोरबा में पदस्थ जिला कलेक्टर(IAS) और जिला वनमण्डलाधिकारी(IFS अफसर के बीच में इन दिनों विवाद छीड़ गया है । विवाद की वजह लोक कल्याण में होने वाले काम और उसमें आ रहे सरकारी दांव_- पेंच है । दरअसल, जिला कलेक्टर रानू साहू ने एकलव्य आवासीय विद्यालय और खेल मैदान के लिए कटघोरा वन मंडल से छह हेक्टेयर जमीन आवंटित करने को लेकर जिला वनमण्डलाधिकारी शमा फारूकी को कहा था । लेकिन शमा फारूकी ने सरकारी नियमों का हवाला देते हुए जमीन आवंटित करने से मना कर दिया । बताया जा रहा है कि इस मामले में कोरबा कलेक्टर और डीएफओ के बीच हुई तू तू मैं-मैं हो गई और मामला गर्मा गया है ।

 

 

 

जानकारी के मुताबिक डीएफओ ने मंत्री मो.अकबर से मिलकर इस पूरे मामले की शिकायत की है । डीएफओ ने अपनी शिकायत में कहा है कि कलेक्टर रानू साहू ने जमीन आवंटित नहीं किए जाने पर बोरिया बिस्तर समेटने तक की धमकी दी है । चर्चा है कि यह मामला IFS एसोसिएशन तक जा सकता है । कहा जा रहा है ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो यह सुनिश्चित करने की मांग भी एसोसिएशन की ओर से की जा सकती है ।

आपको बताते चले कि बीते 17 दिसंबर को कलेक्टर कार्यालय की ओर से कटघोरा वन मंडल की डीएफओ शमा फारूकी को पत्र लिखकर एकलव्य आवासीय विद्यालय, बालक छात्रावास, कन्या छात्रावास, जल आपूर्ति हेतु पाइप लाइन लगाने, खेल मैदान और आवासीय परिसर के लिए कुल छह हेक्टेयर जमीन आवंटित किए जाने की मांग की गई थी । डीएफओ ने नियमों का हवाला देते हुए जमीन देने से मना कर दिया, जिसके बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग में कलेक्टर और डीएफओ के बीच इस मसले पर बातचीत हुईबम बताते हैं कि ऐसे ही एक मामले में सरगुजा में आवंटित किए गए जमीन का उदाहरण देकर अलग-अलग टुकड़ों में जमीन दिए जाने की बात कहीं गई, जिस पर डीएफओ ने पूर्व में जारी नियमों का हवाला देते हुए जमीन आवंटित किए जाने की अड़चनों का जिक्र किया । बात यही बिगड़ी और कलेक्टर-डीएफओ के बीच तनातनी के हालात बन गए । बताया जा रहा है कि कलेक्टर ने डीएफओ से यह भी कहा कि वह एसडीओ को चार्ज देकर 15 दिनों की छुट्टी पर चली जाए । एसडीओ के जरिए यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. इस पर डीएफओ ने कहा कि, एसडीओ की रिपोर्ट के आधार पर जमीन नहीं दिए जाने का निर्णय लिया गया है ।

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वन मंत्री से की गई शिकायत में यह बात सामने आई है कि कलेक्टर ने डीएफओ से यह तक कह दिया कि इस मामले में उनकी बात सीएम हाउस तक हो चुकी है । बावजूद इसके डीएफओ नियमों के हवाले से टस से मस नहीं हुई । आरोप है कि कलेक्टर ने डीएफओ को बोरिया बिस्तर समेटने तक की चेतावनी दे दी । इस चेतावनी के बाद डीएफओ ने वन मंत्री से मुलाकात कर पूरी घटना का ब्यौरा दिया है । इस बीच वन महकमे की ओर से लैंड मैनेजमेंट संभाल रहे अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील मिश्रा ने नया निर्देश जारी कर स्पष्ट किया है कि एक हेक्टेयर से ज्यादा वन भूमि का आवंटन ना किया जाए ।

विधायक ने भी जताई आपत्ति

विधायक मोहित केरकेट्टा ने भी इस मामले में कहा हैं कि अगर वनमण्डलाधिकारी, एकलव्य विद्यालय के लिए जमीन आंवटित नहीं करतर है तो इसकी शिकायत वे सीएम से करेंगे । मोहित केरकेट्टा का कहना है कि जब बात बच्चों के भविष्य को लेकर हैं, तो आखिर वनमण्डलाधिकारी को आपत्ति क्यों है..?

इस मामले में राजनीति आने के बाद लग रहा है कि कुछ दिनों में जमीन आवंटित हो जाएगी । बहरहाल, प्रदेश में IAS अफसर और IFS अफसर के बीच विवाद की चर्चा प्रदेश में हो रही है ।

 

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