प्रमोद मिश्रा
नेशनल डेस्क, 21 फरवरी 2022
बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले में आखिरकार बिहार के चर्चित नेता लालू यादव को 5 साल की सजा सुना दी गई । दरअसल, चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले (डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी) में बिहार के पूर्व CM और RJD सुप्रीमो लालू यादव को सोमवार को 5 साल की सजा सुनाई गई। उन्हें 60 लाख का जुर्माना भी भरना होगा। रांची में CBI के विशेष जज एसके शशि ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सजा का ऐलान किया। फिलहाल लालू रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं।
लालू समेत 38 दोषियों को इस केस में कोर्ट ने 15 फरवरी को दोषी करार दिया था। अधिवक्ता का कहना है कि सजा की आधी अवधि पूरी हो गई है इसलिए लालू को हाईकोर्ट से जमानत मिलने की उम्मीद है।
इधर, सजा के ऐलान के पहले लालू की तबीयत और बिगड़ गई। उनका ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल बढ़ गया। सुबह लालू यादव का ब्लड शुगर 160 पहुंच गया जो सामान्य स्थिति में खाली पेट में 110 होना चाहिए। दूसरी ओर उनका ब्लड प्रेशर 150/ 70 पहुंच गया है। डॉक्टर ने बताया की सजा की सुनवाई होने से पहले लालू यादव रात से ही काफी तनाव में थे। इस कारण उनका बीपी और ब्लड शुगर अनियंत्रित हुआ।
डोरंडा ट्रेजरी घोटाला आखिर है क्या?
डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के इस मामले में पशुओं को फर्जी रूप से स्कूटर पर ढोने की कहानी है। यह उस वक्त का देश का पहला मामला माना गया जब बाइक और स्कूटर पर पशुओं को ढोया गया हो। यह पूरा मामला 1990-92 के बीच का है। CBI ने जांच में पाया कि अफसरों और नेताओं ने मिलकर फर्जीवाड़े का अनोखा फॉमूर्ला तैयार किया। 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से कथित तौर पर स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया, ताकि बिहार में अच्छी नस्ल की गाय और भैंसें पैदा की जा सकें। पशुपालन विभाग ने 1990-92 के दौरान 2,35, 250 रुपए में 50 सांड़, 14,04,825 रुपए में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदीं।