प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 10मार्च 2022
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा जारी किए गए बजट पर विपक्ष लगातार हमलावर नजर आ रही है । विपक्ष का कहना है कि इस बजट में ऐसा कुछ भी नहीं जिसकी तारीफ की जाए । कांग्रेस सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर सीए ब्रांच रायपुर के पूर्व अध्यक्ष ,पूर्व सलाहकार महालेखाकार व भाजपा आर्थिक प्रकोष्ठ के प्रदेश सह सयोजक सीए अमित चिमनानी ने कहा कांग्रेस सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया बजट इस बात की पुष्टि करता है कि कांग्रेस के चुनाव के वक़्त जो वादे जनता से घोषणा पत्र के माध्यम से किये थे वो उन्होंने कूड़ेदान में फेंक दिया है 4 साल से लंबित वादों को लेकर कोई प्रावधान बजट में नही है।
अमित चिमनानी ने कहा कि बेरोजगार युवाओं के 9 हज़ार करोड़ के बेरोजगारी भत्ते,किसानों के 2 वर्षो के बोनस,संपति कर माफ, सभी को 20 लाख का इलाज मुफ्त देने वाली यूनिवर्सल हेल्थ स्किम ,हाथियों के आतंक से बचाने लेमरू प्रोजेक्ट सहित किये गए कई वादों के लिए बजट में एक फूटी कौड़ी का प्रावधान नही है। यह बजट युवाओ के भविष्य को अंधकार में डालने वाला बजट है युवाओ के स्किल डेवलपमेंट के लिए।निःशुल्क ट्रेनिंग,आदिवासी व सुदूर अंचल के इलाकों के बच्चों की उच्च शिक्षा,युवाओ के रोजगार के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान नही किये गए है।
सीए अमित चिमनानी ने कहा छतीसगढ़ को न ही कोई बड़ा अस्पताल मिलने जा रहा है न ही सरकारी अस्पतालों के उन्नयन व सुविधाओ को बेहतर करने के प्रावधान बजट में है इलाज के लिए गरीब आदमी को भटकना ही पड़ेगा। प्रदेश में महिलाओ के साथ अपराध बड़ी संख्या में बढ़े है उनकी सुरक्षा की व्यवस्था भी यह बजट करता नही दिख रहा।
अमित चिमनानी में तंज कसते कहा कि बजट दिशाहीन सा दिखाई पड़ता है प्रदेश में रोजगार बढाने की बात तो की गई परंतु आधारभूत संरचना मजबूत करने के लिए कोई खास प्रावधान नही है।इससे प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को गहरा झटका लगा है। पर्यटन स्थल विकसित करने भी कोई खास योजना सामने नही आई।
एक तरफ मध्यप्रदेश ने अपने बजट में कर्मचारियो के महंगाई भत्ते को बढ़ाकर केंद्र के बराबर 31% कर दिया वही छतीसगढ़ के बजट में इस पर कोई घोषणा नही की गई है।
सीए अमित ने कुछ आकड़ो प्रस्तुत करते हुए कहा कि सरकार ने प्रति व्यक्ति आय 3 वर्षो में 16 हज़ार रु बढ़ाई है परंतु प्रति व्यक्ति कर्जा लगभग 24 हज़ार रु बढ़ गया है।
इस बजट में भी 16 हज़ार 500 करोड़ रु कर्ज लेने की बात की गई है। राज्य सरकार का बजट खुद के पैरों पर नही खड़ा है बल्कि केंद्र और कर्ज पर निर्भर ज्यादा है 1 लाख 4 हज़ार में लगभग 60 प्रतिशत केंद्र व कर्जे से आने वाला है। 8 हज़ार 600 करोड़ रु केवल ब्याज व अन्य अदायिगो में चला जायेगा यह जनता के हक का पैसा है उन्हें इसका लाभ मिलना था।
अमित चिमनानी ने कहा कि कुल मिलाकर इस बजट में प्रदेश के विकास,आम आदमी के जीवन मे बेहतरी, बुनियादों सुविधाओ के विस्तार को लेकर कुछ नही है और वादा खिलाफ सरकार का यह वादा खिलाफी करने वाला बजट है ।