प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 22 मार्च 2022
छ. ग. राज्य संविदा विद्युत कर्मचारी संघ के बैनर तले आज अनिश्चित कालीन आंदोलन के 13वें दिन छत्तीसगढ़ की धरना स्थल रायपुर में एक जुट होकर पॉवर कंपनी प्रबंधन के कुनीति एवं राज्य शासन के जालशाजी के विरुद्ध अपने एकता का प्रदर्शन कर शोषण एवं अत्यचार से मुक्ति का मांग कर रहे हैं। आंदोलन के 13वें दिन संविदा कर्मियों ने कपड़ा उतार कर कम्पनी प्रबंधन व शासन के उदासीनता का विरोध करते हुए सड़कों पर उतर कर जोरदार प्रदर्शन किया और अपना गुस्सा जाहिर किया। सरकार ठेका प्रथा बन्द करने कि बात करता है और पॉवर कम्पनी ठेका में 2300 व्यक्ति का भर्ती ठेकेदारों के माध्यम से करवा रहे हैं, जबकि ऊर्जा मंत्री स्वयं माननीय मुख्यमंत्री जी हैं और उन्हीं के विभाग में ठेका प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है। बिजली कम्पनी में संविदा कर्मियों के तो जान जा ही रहे हैं, अब ठेका कर्मियों के हत्या की भी शाजिस कम्पनी प्रबंधन कर रहा है, बिना कोई समाजिक सुरक्षा तय किये हुए।
23 मार्च को संविदा कर्मी करेंगे मुख्यमंत्री निवास घेराव
1 माह 4 दिन से आंदोलनरत विद्युत संविदा कर्मी 23 मार्च को मुख्यमंत्री निवास घेराव करने निकलेंगे जिसमे प्रदेश भर से 2500 संविदा कर्मी एवं उनके परिजन शामिल होंगे। विद्युत विभाग के युवा संविदा कर्मी मुख्यमंत्री से मुख़ातिर होने और अपने मांग पूरा करने के लिए विशाल रैली निकलेंगे।
संविदा विद्युत संघ के प्रतिनिधि निकले जनता के बीच भीख मांगने
10 मार्च से संविदा कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मंडल एवं सदस्य जनता के बीच पहुंच कर भीख मांग कर जनता तक संविदा कर्मियों के दुःख दर्द को पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। जनता के आंखों में संविदा कर्मियों के वेदनाओं को सुन पानी छलक आ रहे हैं, जनता भी पॉवर कम्पनी के साथ ही सरकार को भी कोश रहें हैं और विद्युत संविदा कर्मियों को नियमित कर सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं।
संविदा विद्युत कर्मचारी संघ का द्विसूत्री मांग
1. रिक्त पदों पर कम्पनी में कार्यरत विद्युत संविदा कर्मियों को नियमित नियुक्ति दिया जाए।
2. विद्युत दुर्घटनाओं में शहीद संविदा कर्मियों के परिवार को अनुकम्पा नियुक्ति दिया जाए।
पॉवर कम्पनी में लाइन परिचारक संविदा कर्मियों को 2 वर्ष में नियमित करने का रहा है परम्परा
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कम्पनी में लाइन परिचारक संविदा कर्मियों को दो साल के संविदा/परिवीक्षा अवधि पूर्ण करने पर नियमित करने का परम्परा रहा है। किन्तु कांग्रेस सरकार के आने के बाद इस परम्परा पर रोक लग गया है। संविदा कर्मी 2 वर्ष में नियमित हो जाने के उम्मीद से अपने जान जोखिम में डाल कर काम करने के लिए इस विभाग में आ जाते हैं। किंतु आये दिन उनके साथ विद्युत दुर्घटनाएं हो जाते हैं, जिसमें सैकड़ों लोगों के अंग भंग हो गए हैं और 25 से अधिक संविदा कर्मियों का निधन हो गया है। इसलिए विद्युत संविदा कर्मी अपने नियमितीकरण और अनुकम्पा नियुक्ति का मांग कर रहे हैं। जिस कारण संविदा कर्मी शासन तक अपनी बातों को पहुँचाना चाहते हैं। लेकिन शासन भी आंख कान मूंदे हुए है और इधर एक तरफ विद्युत संविदा कर्मियों के जान बारी बारी से जा रहा है।