प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 29 मार्च 2022
छत्तीसगढ़ के 36 स्कूलों को 12 कैटेगरी में सम्मान दिया गया । यह सम्मान SRM यूनिवर्सिटी के द्वारा बेस्ट स्कूल ऑफ द ईयर के तौर पर 36 स्कूलों को सम्मानित किया गया । राज्य के जो स्कूल शिक्षा, खेल, इनोवेशन जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में अच्छा काम कर रहे हैं उन्हें सम्मानित करने के मकसद से होटल सयाजी में बेस्ट स्कूल ऑफ द ईयर 2121 अवॉर्ड फंक्शन रखा गया।
समारोह में 12 कैटेगिरी में 36 स्कूलों को सम्मानित किया गया। इसमें सीबीएसई, आईसीएसई और सीजी बोर्ड के सरकारी और निजी स्कूल शामिल रहे। केंद्रीय विद्यालय वन, केंद्रीय विद्यालय टू और जवाहर नवोदय विद्यालय माना को अच्छी शिक्षा के लिए बेस्ट गवर्नमेंट स्कूल के खिताब से नवाजा गया। स्टूडेंट्स के ओवरऑल डेवलपमेंट के लिए बेस्ट स्कूल का खिताब राजकुमार कॉलेज, डीपीएस रायपुर और केपीएस डूंडा को दिया गया। छात्रों में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए स्कूल कैंपस में 100 से ज्यादा बाल शहीदों की कहानी के साथ बाल शहीद वाटिका बनाने वाले द ग्रेट इंडिया स्कूल काे पैट्रियॉटिज्म यानी देशभक्ति की कैटेगिरी में सम्मानित किया गया। समारोह में एसआरएम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर वीएस राव बतौर चीफ गेस्ट मौजूद रहे। महापौर एजाज ढेबर, महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक बतौर विशेष अतिथि शामिल हुईं।
इस मौके पर शिक्षाविद् प्रोफेसर बाबू, प्रोफेसर देसीकन सहित अन्य मौजूद रहे। समाराेह में ऑल राउंड डेवलपमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर, को-करिकुलर एक्टिविटी, संस्कार जैसी कैटेगिरी में भी स्कूल प्रिंसिपल्स काे सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के लिए शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह ने वीडियो मैसेज भेजा, उन्होंने स्कूलों को क्वालिटी एजुकेशन पर फोकस करने के लिए प्रेरित किया।
अवॉर्ड खरीदे नहीं जाते, मेहनत से हासिल किए जाते हैंं
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एसआरएम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर वीएस राव ने स्कूलों को क्वालिटी एजुकेशन देने और प्रैक्टिकल पर ज्यादा फोकस करने कहा। उन्होंने बताया, अब इंफ्रास्ट्रक्चर भी प्रैक्टिकल एजुकेशन को ध्यान में रखकर बनाए जाने की जरूरत है। क्लासरूम में नॉर्मल सिटिंग के बजाय 360 डिग्री में घूमने वाली चेयर होनी चाहिए, ताकि क्लासरूम को तुरंत डिस्कशन रूम में तब्दील किया जा सके। उन्होंने अवाॅर्ड हासिल करने वाले स्कूलों का हौसला बढ़ाते हुए कहा, जब बिना पैसे लिए सम्मान मिले तो समझिए कि ये आपकी मेहनत का नतीजा है। आज के दौर में जो अवॉर्ड पैसे देकर खरीदे जाते हैं, वो किसी काम के नहीं। सही मायने में अवॉर्ड खरीदे नहीं जाते, बल्कि मेहनत से हासिल किए जाते हैं।
लड़कों को महिलाओं का सम्मान करना सिखाना होगा
महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा, समाज बदल रहा है। समाज को सही दिशा में आगे बढ़ाने के लिए नई पीढ़ी को बेहतर परवरिश देना जरूरी है। हर स्कूल में लड़कियों को अनिवार्य रूप से मार्शल आर्ट सिखाना चाहिए। इससे किसी भी विपरीत परिस्थितियों में वे अपनी रक्षा खुद कर सकेंगी। वहीं, लड़कों के लिए खासतौर पर स्कूल में कुकिंग कॉम्पिटीशन रखना चाहिए। इससे समाज में पॉजीटिव चेंजेस आएंगे। इसी तरह हमें बच्चों को, खासतौर पर लड़कों को हर महिला का सम्मान करना सिखाना होगा। जब हम उन्हें घरों में काम करने वाली महिला से लेकर उच्च पदों पर आसीन महिला तक का सम्मान करना सिखाएंगे तो महिलाओं के खिलाफ होने वाले क्राइम में भी कमी आएगी।
शिक्षा के साथ संस्कार भी जरूरी
महापौर एजाज ढेबर ने कहा, शिक्षा तब तक अधूरी है जब तक बच्चा संस्कारित न हो। पैरेंट्स के साथ ही ये स्कूलों की भी जिम्मेदारी है कि वे विषय का ज्ञान देने के साथ ही बच्चों को संस्कार भी सिखाएं। बड़ों का सम्मान करना, घर के साथ ही शहर साफ रखना जैसी बातें भी बच्चों को सिखानी चाहिए।