शैलष सिंह
तिल्दा-नेवरा,01 अप्रैल 2022
रायपुर जिला, तिल्दा विकासखंड क्षेत्रांतर्गत ग्राम पंचायत परसदा सीमा तिल्दा – सरोरा पहूंच मार्ग पर संचालित उद्योग हाईटेक स्पंज एवं पांवर प्राइवेट लिमिटेड के क्षमता विस्तार को लेकर जनसुनवाई का घोर विरोध हुआ । जनसुनवाई में शरीक ग्रामीणों ने जनसुनवाई की स्थगन की मांग जनसुनवाई की आरंभिक दौर से ही करते रहे,जानकारो का माने तो यह पहली मामला है जहां के जनसुनवाई मे पंचायत प्रतिनिधियों ने भी जमकर विरोध किया ।
जनसुनवाई को लेकर क्षेत्रवासियो ने उद्योग प्रबंवन एवं पीठासीन अधिकारी पर कुटनीती का भी आऱोप लगाया । जनसुनवाई में महज खिलाफत की नाद सुनाई दिया । घोर विरोध के चलते समय कालिन पर जनसुनवाई को कुछ समय के लिए स्थगीत कर दिया गया । तत्पश्चात, सुनवाई के विषय पर परिवर्तन कर लगभग दोपहर दो बजे जनसुनवाई की पुनः शुरुआत की गई ,जिनका भी क्षेत्रवासियो एवं प्रभावित ग्रामीणों ने एक स्वर मे विरोध किया ,तथा संयंत्र प्रबंधन एवं पीठासीन अधिकारी पर कुटनीतिज्ञ चाल का आरोप लगाते हुए कहा कि दोपहर विराम के पश्चात शुरू की गई जनसुनवाई में मुद्दा पर परिवर्तन किया गया , जिस विषय को लेकर क्षेत्रवासियो को पूर्व में किसी भी प्रकार के माध्यम से अवगत नहीं करायी गई है उस विषय को लेकर सुनवाई किया जा रहा था जिसका भी खुलकर विरोध हुआ।
आयोजित जनसुनवाई में दोपहर पश्चात प्रोजेन्डा में परिवर्तन कर दिया गया ,इस विषय पर क्षेत्रिय जनों का आरोप है कि सुबह 10.30 से आयोजित जनसुनवाई में हाईटेक स्पंज एवं पांवर प्राइवेट लिमिटेड के क्षमता विस्तार को लेकर पर्यावरण स्वीकृति का मुद्दा था ,जिनका घोर विरोध हुआ ,दोपहर पश्चात उसी मंच पर नवीन उद्योग मेसर्स नंदन स्मेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड के बेनर को लेकर जनसुनवाई की शुरुआत की गई जिनका भी पूरे के पूरे उपस्थित क्षेत्रिय जन विरोध किया , ग्रामीणों का कहना था इस विषय को लेकर ग्रामीणों को अवगत ही नहीं कराया गया है ,इन मुद्दों के जनसुनवाई पर पंचायत प्रतिनिधियों के अलावा पूरे ग्रामीणों के विरोधी स्वर गूंजे ,ऐसा कोई भी जनमानस नहीं निकला जो उद्योग विस्तार एवं नवीन उद्योग स्थापना का समर्थन किया हो ।
नवीन उद्योग मेसर्स नंदन स्मेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड की दुसरी दफा सुनवाई
मेसर्स नंदन स्मेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना को लेकर यह दुसरी दफे की जनसुनवाई रहा जिनका भी घोर विरोध रहा ,इसके पहले भी पिछले सत्र में क्षेत्रिय वासियों ने जनसुनवाई के दौरान इस उद्योग के स्थापना का घोर विरोध करते हुए प्रशासन को जनसुनवाई को ही निरस्त करने को मजबूर कर दिया था । और फिर वही स्थिती की पुनरावृत्ति हुयी ।