ब्रेकिंग : हुई क्लिनिकल लीगल एजुकेशन प्रोग्राम की शुरुआत…हाईकोर्ट के जस्टिस भादुड़ी ने दिये विधि के विद्यार्थियों को टिप्स…साझा किये महत्वपूर्ण अनुभव

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प्रमोद मिश्रा, 2 अप्रेल, 2022 | रायपुर

छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े और सबसे पुराने विधि के महाविद्यालय जे. योगानन्दम शासकीय छत्तीसगढ़ महाविद्यालय, रायपुर में क्लिनिक्ल वैल्यू एडेड प्रोग्रमम का उद्घाटन उच्च न्यायालय बिलासपुर के न्यायाधीश गौतम भादुड़ी ने किया।

 

 

 

जे. योगानन्दम शासकीय छत्तीसगढ़ महाविद्यालय, रायपुर में सम्प्पन इस क्लिनिक्ल वैल्यू एडेड प्रोग्राम की शुरुवात परम्परा अनुसार सरस्वती वंदना से हुई। छात्रा वर्षा तिवारी ने इसे बहुत ही गरिमा पूर्ण तरीके से पूरा कर कार्यक्रम को एक उच्च स्तर दिया। क्लिनिक्ल वैल्यू एडेड प्रोग्राम के उद्घाटन अवसर पर उपस्थित सभी अतिथिगणों का परिचय प्रोफेसर दिनेश मालवीय ने दिया।

 

Photo : मीडिया को कार्यक्रम की जानकारी देते जस्टिस गौतम भादुड़ी

विधि विभाग की प्रमुख डॉ. विनीता अग्रवाल ने उदबोधन दिया। विभाग प्रमुख विधि ने सभी से मुखातिब होते हुए सभी को अवगत कराया कि क्लिनिक्ल वैल्यू एडेड प्रोग्राम आज की तरीक में इतना महत्वपूर्ण क्यों है? क्योकि क्लिनिक्ल वैल्यू एडेड प्रोग्राम में आज के परिपेक्ष्य में सभी महत्वपूर्ण प्रासंगिक प्रैक्टिकल एप्रोच को सम्मिलित लिया गया है।

 

उन्होंने बताया कि आज जे. योगानन्दम शासकीय छत्तीसगढ़ महाविद्यालय रायपुर, विधि के संकाय में इतना महत्पूर्ण क्यों बन गया है? क्योकि आज इस महाविद्यालय में विधि का रिसर्च सेंटर बन गया है और पीएचडी करने वाले शोधार्थी की संख्या भी लगातार बढ़ रही है, जो इस रिसर्च सेण्टर की उपलब्धि है।

 

Photo : कार्यक्रम में उपस्थित लोग

कार्यक्रम के बाद विधि विभाग की छोटी सी झांकी का प्रदर्शन भी किया गया, जिसमें विधि विभाग की गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया।

इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें छात्र छात्राओं ने अपने नृत्य से समां बांध दिया। वहीं बेमेतरा के नवगवां समूह ने पंथी नृत्य से सभी का दिल जीत लिया।

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स्टूडेंट्स ने किया न्यायमूर्ति से प्रश्न

कार्यक्रम के अंतिम भाग में विधि के विद्यार्थियों के साथ जस्टिस का सीधा संवाद था, जिसमें अनेक छात्रों ने प्रश्न पूछे। विधि विभाग अंतिम वर्ष के छात्र अनुराग लाल, विशाल, रागिनी सोनी, ख्याति सोनी, ज्योति शुक्ला, प्रिया, अर्चना, रूचि शर्मा, तेमन दास, प्रीती वर्मा, प्रतिभा, सुमीत, आशीष, अनामिका, अमित, ऐश्वर्या, अनूप शर्मा ने जस्टिस भादुड़ी से सवाल पूछे।

Photo : कार्यक्रम में उपस्थित हुए विद्यार्थी

‘बिना जंग कोई लड़ाई नहीं जीती जाती’

इस कार्यक्रम के अध्यक्षीय उदबोधन हेतु जे. योगानन्दम शासकीय छत्तीसगढ़ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अमिताभ बेनर्जी ने महत्वपूर्ण बातों का जिक्र किया कि कोई भी जंग बिन ज्ञान और न्याय के नहीं जीती जाती है। उन्होंने बेंजामिन फ्रेंकलिन की महत्वपूर्ण बातों का भी जिक्र किया कि बिना ज्ञान और शिक्षा के हमारी जीवन यात्रा अधूरा है।

 

 

इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रायपुर न्यायालय के सत्र न्यायाधीश अरविन्द कुमार वर्मा ने कोर्ट के व्यावहारिक पक्ष का जिक्र बड़ी बेबाकी के साथ किया और बताया की स्पीकिंग आर्डर शीट कैसे बनाया जाता है?

 

 

जस्टिस भादुड़ी ने किया विद्यार्थियों को मोटिवेट

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उच्च न्यायलय बिलासपुर के न्यायाधीश गौतम भादुड़ी ने अपने उद्बोधन में बहुत ही महत्वपूर्ण बातों को विधि के छात्रों के बीच रखा। उन्होंने बताया कि जीवन के यथार्थ को वास्तविकता से कैसे जोड़कर चलें? विधि के ज्ञान को कैसे और कब इस्तेमाल करे और कब नहीं करें?

उन्होंने कहा कि विधि के विद्यार्थी जब तक क्लीनिकल लर्निंग की प्रक्रिया को नहीं जानेंगे, तब तक वो व्यवहारिक ज्ञान और विधि की समझ विकसित नहीं कर पाएंगे। उच्च न्यायालय बिलासपुर के न्यायाधीश गौतम भादुड़ी ने विधि के विद्यार्थियों को अनौपचारिक चर्चा में अवगत कराया कि आज कभी भी कोर्ट में ऐसे तथ्य प्रस्तुत न करें, जिससे आपके फेस वैल्यू कम हो। उन्होंने कहा कि जिन तथ्यों को आप साबित नहीं कर सकते हो, ऐसे फैक्ट भी प्रस्तुत न करें, तो ही अच्छा है।

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न्यायाधीश गौतम भादुड़ी ने अपनी बात को विवेकानंद जी दृष्टांतों के माध्यम से समझने का प्रयास किया और अपने अनुभव साझा किए।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. भूपेंद्र करवन्दे ने किया। कार्यक्रम का समापन विधि विभाग के डॉ. सुरेंद्र कुमार के द्वारा आभार प्रदर्शन के साथ किया गया। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन अतिथि प्राध्यापक नीलांजन गांगुली ने किया।

 

 

 

क्या है क्लिनिकल वैल्यू एडेड प्रोग्राम?

क्लिनिकल वैल्यू एडेड प्रोग्राम विधि की नई परिकल्पना है, जिसमें विधि के ज्ञान को वास्तविक रूप में परिणित करने की एक अनूठी आयाम है। जिसमें विधि के विभिन्न्य ज्ञाताओं को आहूत कर के उनके अनुभव को विद्यार्थियों से बांटा जाता है। इस प्रोग्राम में 30 घंटो का एक समग्र कार्यक्रम बनाया गया है, जिसमें सभी विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा, साथ ही विद्यार्थियों को न्यायिक व्यवस्था से किस तरह से सामंजस्य स्थापित करना है? उसकी जानकारी भी दी जाएगी।

 

 

 

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