प्रमोद मिश्रा
खैरागढ़, 17 अप्रैल 2022
छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस बड़ी जीत की ओर आगे बढ़ रही है । दोपहर 1:30 बजे तक 14वें राउंड की गिनती पूरी हो चुकी है जिसमें कांग्रेस की प्रत्याशी यशोदा वर्मा 14076 वोटों से आगे चल रही है । दूसरे नंबर पर बीजेपी के प्रत्याशी कोमल जंघेल हैं । विधानसभा उपचुनाव में 21 राउंड की गिनती होनी है । धीरे-धीरे यह स्पष्ट होता जा रहा है कि कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव में जीत हासिल करने वाली है । चुनाव में कांग्रेस पार्टी के पक्ष में जाते रुझान को देखते हुए प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में भी आतिशबाजी की जा रही है साथ ही खैरागढ़ में भी कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल देखा जा रहा है ।
खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में इस बार खैरागढ़ को जिला बनाने की घोषणा काफी महत्वपूर्ण रही है और इसी को कांग्रेस पार्टी का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है ।
खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के शुरुआती रुझान आने के साथ ही नया जिला बनाने की प्रशासनिक तैयारी शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि सरकार ने सामान्य प्रशासन और राजस्व विभाग के अफसरों को रविवार को भी काम पर बुला लिया है। कोशिश हो रही है कि शाम तक जिला गठन का शुरुआती नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाए। इसमें नए जिले की सीमा आदि पर दावा-आपत्ति भी मंगाने की प्रक्रिया भी शामिल होगी।
खैरागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस ने बकायदा घोषणापत्र जारी किया था। इसमें पहला ही वादा नए जिले का था। इस जिले का नाम ‘खैरागढ़-छुईखदान-गंडई’ होने वाला है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने चुनावी जनसभाओं में यह वादा बार-बार दोहराते रहे हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया था, 16 अप्रैल को खैरागढ़ में कांग्रेस का विधायक बनेगा और 17 अप्रैल को ‘खैरागढ़-छुईखदान-गंडई’ नया जिला बन जाएगा। कांग्रेस का पूरा प्रचार अभियान इस जिले के इर्द-गिर्द केंद्रित रहा।
अब जब यह साफ हो चला है कि कांग्रेस उम्मीदवार यशोदा वर्मा की जीत के सामने बड़ी चुनौती नहीं बची है, सरकार पर वादे को समयबद्ध ढंग से पूरा करने का दबाव है। वैसे कांग्रेस नेताओं का कहना है, इस मामले में सरकार ने अधिकारियों के साथ बैठक कर नए जिले की सीमा आदि पर पहले ही चर्चा कर ली है। 24 घंटे के भीतर जिला बनाने का वादा था। जीत की औपचारिक घोषणा के 24 घंटे के भीतर यह वादा पूरा कर दिया जाएगा।
कैसे बनता है कोई नया जिला
नए जिले के गठन का अधिकार पूरी तरह राज्य सरकार के पास होता है। वह किसी क्षेत्र को नया जिला घोषित कर सकती है। सामान्य तौर पर इसे एक कार्यकारी आदेश के जरिए गठित किया जाता है। शुरुआत में प्रस्तावित जिले की सीमाओं आदि विवरण के साथ राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित होती है। इसपर नागरिकों से दावा-आपत्ति मंगाया जाता है। इसकी सुनवाई के बाद जिला गठन की अधिसूचना जारी होती है।
तीन हिस्सों में बंट जाएगा राजनांदगांव
खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के नया जिला बनने से पुराना राजनांदगांव जिला तीन हिस्सों में बंट जाएगा। इसी जिले में एक नया जिला मोहला-मानपुर-चौकी भी प्रस्तावित है। बताया जा रहा है, अभी राजनांदगांव जिले का क्षेत्र 8 हजार 70 वर्ग किलोमीटर है। प्रस्तावित मोहला-मानपुर-चौकी जिले में अम्बागढ़ चौकी, मोहला और मानपुर तहसीलें चली जाएंगी। वहीं खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में खैरागढ़ और छुईखदान तहसीलों के साथ डोंगरगढ़ तहसील का भी कुछ हिस्सा शामिल हो सकता है। मूल राजनांदगांव जिले में चार तहसीलें राजनांदगांव, डोंगरगढ़, डोंगरगांव और छुरिया शामिल रहेंगी