प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 23 अप्रैल 2022
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित बूढ़ातालाब धरनास्थल पर बीते 44 दिनों से दो सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे विद्युत संविदा कर्मचारियों पर पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज किया गया है । इस लाठीचार्ज में 15 संविदा कर्मियों को चोटें आई हैं तो वहीं 40 से अधिक संविदाकर्मियों को हिरासत में लेकर जेल में डाल दिया गया है । आपको बताते चलें कि पुलिस ने धरना स्थल पर लगे पंडाल को भी उखाड़ दिया है ।
आपको बताते चले कि लाठीचार्ज की घटना आज सुबह की है । इस मामले पर विद्युत संविदा कर्मचारी संघ के सदस्य ने कहा कि हम अपने प्रदेश के मुखिया से मिलकर अपनी बात उनतक रखना चाह रहे थे लेकिन पुलिस ने हमें बीच रास्ते में रोका और हमपर लाठीचार्ज किया ।
इस मामले को लेकर बीजेपी नेताओं ने भी प्रदेश सरकार और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है । केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह, देवजीभाई पटेल,अमित साहू ने ट्वीट कर पुलिस प्रशासन द्वारा कोई गए लाठीचार्ज पर सवाल उठाया है ।
ये पुलिस जो घसीट के युवाओं को मार रही है ये छत्तीसगढ़ पुलिस है! जिनको मार रही है वो नक्सली-आतंकी नहीं, शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे संविदा विद्युत कर्मी हैं!
छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र की हत्या रोज होती है।
"भूपेश की गुंडा पुलिस"!#CG_With_विद्युतसंविदा_कर्मचारीसंघ @INCIndia @HMOIndia pic.twitter.com/aVripWFhwE— Renuukaa Sinngh (Modi Ka Parivar) (@renukasinghbjp) April 23, 2022
वहीं इस मामले में पुलिस ने भी बयान जारी कहा है कि विद्युत संविदाकर्मियों के द्वारा कल शाम बिना अनुमति रैली निकाल घेराव किए जाने की कोशिश को रोकने के लिए पुलिस बल द्वारा स्मार्ट सिटी कार्यालय के पास रोका गया था। आंदोलनकारी वहीं सड़क पर बैठ गए। समझाने के काफ़ी प्रयास के बाद भी नही माने। रात भर रोड बाधित कर के सड़क पर बैठ गए जिससे आने जाने वालों को काफ़ी परेशानी हुई।
पिछले 44 दिनों से अपनी नियमितिकरण की मांग को लेकर आंदोलन पर डटे विद्युत संविदा कर्मचारियों पर पुलिस ने बरसाई लाठियां,
इस तरह खत्म किया गया प्रदर्शन। pic.twitter.com/rIANosRLcN
— Media24 News Channel (@media24newsrpr) April 23, 2022
आज सुबह आंदोलनकारी उग्र प्रदर्शन नारेबाज़ी करते हुए अलग अलग टुकड़ों में होकर शासकीय संस्थान के घेराव का प्रयास करने लगे जिसे पुलिस बल द्वारा रोका गया। बिना अनुमति आंदोलन कर रहे लोगों को खदेड़ा गया। कुछ मुख्य लोगों को गिरफ़्तार कर जेल परिसर ले ज़ाया गया है। आवागमन बाधित करने का अपराध दर्ज़ किया गया है विद्युत संविदाकर्मियों के द्वारा लगभग 1 माह से धरना किया जा रहा है जिसमें उनकी माँगों को लेकर CSPDCL के अधिकारियों एवं प्रशासन के अधिकारियों से कई बार चर्चा हो चुकी है।
उल्लेखनीय है क़ि, संविदा कर्मियों की 5 में से 3 माँग पर कार्यवाही करते हुए, संविदा वेतन बढ़ाना, कार्य के दौरान दुर्घटना में उपचार व्यय की प्रतिपूर्ति, मृत्यु के स्तिथि में मुआवज़ा सम्बन्धी माँग मानी जा चुकी है तथा क्रियान्वयन आदेश भी जारी हो चुका है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश में नियमितिकरन की प्रक्रिया निरस्त की गयी है, जिससे संघ को बैठक कर अवगत भी कराया गया तथा हड़ताल समाप्त करने का अनुरोध भी किया गया। संघ को यह भी बताया गया कि, श्रम न्यायालय द्वारा भी हरताल को अवैध घोषित करते हुए पुनः कार्य पर उपस्थित होने के निर्देश संघ एवं सम्बंधित को दिए गए हैं।
फिर भी इनके द्वारा उग्र आंदोलन कर बार बार व्यवस्था बिगाड़ी जा रही है। अलग अलग दिन 5 बार इनके द्वारा सड़क पर बैठ कर आवागमन बाधित किया गया है जिससे आसपास के रहने वालों में काफ़ी आक्रोश भी है।