कलिंगा विश्वविद्यालय द्वारा “भारतीय संस्कृति और शिक्षा की आधुनिक चुनौतियाँ” पर हुआ दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, विश्व के चर्चित व्याख्याताओं ने शिक्षा और संस्कृति के महत्व पर डाला प्रकाश

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प्रमोद मिश्रा

नया रायपुर,03 मई 2022

कलिंगा विश्वविद्यालय शिक्षा संकाय ने 2 और 3 मई 2022 को “भारतीय संस्कृति और शिक्षा की आधुनिक चुनौतियाँ विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (नवीन शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन के विशेष संदर्भ में) का आयोजन किया। सम्मेलन हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन एवं ऑफलाइन) पर आयोजित किया गया था। सम्मेलन में भाग लेने वाले गणमान्य व्यक्ति थे : डॉ. सुरेश चंद्र शुक्ला (शरद आलोक)- निदेशक स्पील दर्पण, ओस्लो नॉर्वे से। डॉ. राज हीरामन- प्रोफेसर महात्मा गांधी संस्थान मॉरीशस, उन्होंने शिक्षा पर संस्कृति के प्रभाव पर अपना पेपर प्रस्तुत किया।

 

 

प्रोफे. के एस डहरिया – कुलपति अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल, उन्होंने भारतीय संस्कृति, व्यवासिक शिक्षा और भाषा (नई शिक्षा नीति के सुंदर माई) पर अपना व्याख्यान दिया। डॉ. संदीप अवस्थी- प्रोफेसर भागवत विश्वविद्यालय जयपुर, उन्होंने एनईपी 2020 के सकारात्मक

और नकारात्मक प्रभावों पर अपना पेपर प्रस्तुत किया। डॉ. हंसा शुक्ला- प्रधानाचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको, भिलाई ने “नवीन शिक्षा नीति 2020” और नई तालीम में सामंत पर अपना पेपर प्रस्तुत किया। डॉ. के एम भंडारकर- प्रोफेसर और शिक्षक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष जिन्होंने ने शिक्षक शिक्षा पर बात की।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि एनसीटीई एनआरसी के अध्यक्ष डॉ. बनवारी लाल नाटिया थे। उन्होंने नवीन शिक्षा नीति 2020 के अनुसार शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम का कार्यान्वयन पर अपना उद्बोधन दिया। उन्होंने अपने समापन उद्बोधन में यह भी कहा कि कलिंगा विश्वविद्यालय जैसे निजी संस्थानों को प्रोत्साहित करना आवश्यक है जो शिक्षक शिक्षा को बढ़ावा दे रहे हैं और शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।

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अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर और शोध विद्वानों ने भी भाग लिया जिन्होंने सम्मेलन में अपना पेपर प्रस्तुत किया। उदघाटन और समापन समारोह का संचालन शिक्षा संकाय के डीन डॉ. हर्षा पाटिल द्वारा किया गया ।

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का संयोजन डॉ. रंजीता सिंह और आयोजन समिति सदस्य प्रीति कुमारी, मिस एम. गायत्री, उमंग शर्मा एवं डॉ. संजीव यादव द्वारा सफलतापूर्वक किया गया।

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