प्रमोद मिश्रा
बिलासपुर, 22 मई 2022
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के विधायक शैलष पांडे एक बार फिर मंच छोड़कर कार्यक्रम के बीच में ही चले गए । दरअसल, ऐसा वाकया पहली बार देखबे को नहीं मिला हैं। बल्कि, बिलासपुर में बार-बार ऐसी तस्वीर देखने को मिल ही जाती है । दरअसल, बिलासपुर के विधायक शैलेष पांडे जिला प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां मंच में सही जगह नहीं मिलने पर विधायक गुस्सा गए और अपनी कुर्सी छोड़ कार्यक्रम के बीच में ही निकल गए ।
विधायक के बीच में ही कार्यक्रम छोड़कर जाने से बिलासपुर की जनता के साथ उनके कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी देखी गई । बिलासपुर के रहवासियों का कहना था कि जब विधायक को हमने अपने मताधिकार से चुना है और इतने बड़े शहर का प्रतिनिधित्व की जिम्मेदारियों करने दिया । फिर, जिला प्रशासन क्यों बार-बर उन को अपमानित करने में लगा रहता है?
दरअसल, बिलासपुर जिले में राजीव गांधी किसान न्याय योजना कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें विधायक शैलेश पांडेय को बुलाया गया था, लेकिन यहां उन्हें कार्ड और मंच पर सम्मानजनक स्थान नहीं मिलने से विधायक नाराज हो गए। उन्होंने अपेक्स बैंक अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर और संसदीय सचिव रश्मि सिंह से नाराजगी जाहिर करते हुए कार्यक्रम छोड़कर बाहर चले गए।
बाहर आने के बाद विधायक पांडेय ने कहा कि बार-बार मुझे कार्यक्रम में बुलाकर जिला प्रशासन के अधिकारी अपमान करते हैं। शनिवार को भी मुझे कार्यक्रम में बुलाया गया, कार्ड में सम्मानजनक स्थान नहीं मिला, मंच में कुर्सी नहीं लगी थीं और मैं कार्यक्रम में अपमानित महसूस कर रहा था। इसलिए मैं अपने आत्मसम्मान की रक्षा करते हुए कार्यक्रम से दूरियां बना लिया। अब तो आलम यह हो गया है कि जिला प्रशासन के आला अधिकारियों का आदत हो गया है मेरा अपमान करने की और मेरी भी आदत हो गई है अपमान सहने की।
क्या है बड़ी वजह?
दरअसल, विधायक शैलेष पांडे लोगों की समस्याओं को लेकर लगातार जिला प्रशासन के अधिकारियों से भिड़ते नजर आते हैं । लिहाजा यह माना जा सकता है कि विधायक शैलेष को यह लगता है कि वह तरजीह जिला प्रशासन के कार्यक्रम में नहीं मिल पाती जिनके वे हकदार है । ऐसे में सवाल यह उठता है कि चुने हुए विधायक का अपमान करना क्या जनता का अपमान नहीं है?
कोरबा में भी यही आलम
कोरबा में मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी लगातार कोरबा जिले की कलेक्टर रानू साहू के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते रहते हैं । जयसिंह अग्रवाल ने तो सीएम से भी कलेक्टर की शिकायत की बात की । लेकिन, अभी तक कोरबा की कलेक्टर को नहीं हटाया गया । ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि मौजूदा सरकार में क्या एक मंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र के कलेक्टर को भी नहीं हटा सकते?