राहुल को बचाना है : NDRF की टीम ने टनल बनाने का काम किया शुरू, SECL की टीम भी मौके पर रेस्क्यू के लिए पहुँची, जल्द ही मिलेगी अच्छी खबर

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प्रमोद मिश्रा

जांजगीर, 12 जून 2022

छत्तीसगढ़ के जांजगीर- चांपा जिले में बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में फंसे राहुल को बचाने की जद्दोजहद पिछले 46 घंटे से जारी है। 10 साल का यह बच्चा राहुल करीब 48घंटे से 50 फीट गहरे गड‌्ढे में फंसा हुआ है। इस बीच रोबोटिक्स तरीके से उसे निकालने की कोशिशों को झटका लगा है। राहुल को रोबोट के जरिए बाहर निकालने का पहला प्रयास विफल हो गया है। इसके बाद एक्सपर्ट की टीम दोबारा कोशिश कर रही है। वहीं NDRF की टीम ने सुरंग बनाकर राहुल तक पहुंचने का अभियान शुरू कर दिया है।

 

 

रोबोट के जरिये प्रयास करता अहीर

राहुल को बचाने के लिए गुजरात से रोबोटिक्स इंजीनियर महेश अहीर को बुलाया गया है। उन्होंने रोबोट के जरिए राहुल को बाहर निकालने का प्रयास किया, पर कीचड़ और पानी के चलते सफल नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि अभी तक महेश ने जिन बच्चों को रोबोट के जरिए रेस्क्यू किया है, उनमें सभी की उम्र 3 से 5 साल के बीच थी। ऐसे में 10 साल का राहुल बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। अब मौके पर SECL की रेस्क्यू टीम भी पहुंच गई है। साथ ही टनल को लेकर चर्चा की जा रही है।

जिला प्रशासन ने आपात स्थिति से निपटने के इंतजाम शुरू कर दिए हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहित उनकी टीम मौजूद है। मौके पर ऑक्सीजन सिलेंडरों की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा दो एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड भी मौजूद है। वहीं अतिरिक्त JCB, पोकलेन ,हाइवा भी मंगाए गए हैं। कोरबा और झारखंड से भी खदान एक्सपर्ट और कई मशीनें ड्रिल और अन्य कार्य के लिए मंगाई गई है। बताया जा रहा है कि अब टनल ही बच्चे को निकालने का एकमात्र सहारा बची है।

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रोबोट में बदलाव किए गए, पर फायदा नहीं हुआ

बच्चे को बचाने के लिए गुजरात से रोबोटिक्स इंजीनियर महेश अहीर मौके पर पहुंचे हैं। महेश ने अपने लैपटॉप से रोबोट को कंट्रोल कर नीचे उतारा, लेकिन उसे फिर बाहर निकाल लिया गया। रोबोट से मिली जानकारी के हिसाब से बदलाव किया जा रहा है। कुछ सामान की खरीदारी के लिए बाजार भेजा गया था। इसके बाद फिर से रोबोट को अंदर डालने का प्रयास किया गया, पर सफल नहीं हो सका।

अब तक 60 फीट से ज्यादा खुदाई की गई

इससे पहले NDRF ने बोरवेल के ठीक बगल में 60 फीट से ज्यादा की खुदाई की है। अब 5 फीट की खुदाई के बाद टनल बनाने का काम शुरू किया जाना था। हालांकि इस खुदाई में एक चट्‌टान बड़ी बाधा बन गई है। इसके कारण टनल बनाने में देरी हो रही है। मौके पर मौजूद मशीनरी पूरी नहीं पड़ रही है। इसे देखते हुए बड़े रॉक ब्रेकर मंगाए गए हैं। गड्ढे में फंसे बच्चे को नुकसान न हो, इसके लिए खुदाई का काम मैन्युअली किया जा रहा है। स्थिति ठीक होने पर JCB की मदद ली जाएगी। इसके कारण समय लग रहा है। टनल बनाकर उसमें सीमेंट के स्लैब डाले जाएंगे।

इनकी मदद से राहुल को बचाने का प्रयास

राहुल को सुरक्षित निकालने के लिए सेना के मेजर गौतम सूरी के साथ ही 4 सदस्यीय टीम भी जुटी हुई है। इसके अलावा 4 IAS, 2 IPS, 5 एडिशनल SP, 4 SDOP, 5 तहसीलदार, 8 TI और 120 पुलिसकर्मी, EE (PWD), EE (PHE), CMHO, 1 सहायक खनिज अधिकारी, NDRF के 32, SDRF से 15 और होमगार्ड के जवान मौजूद हैं। वहीं एक स्टोन ब्रेकर, 3 पोकलेन, 3 जेसीबी, 3 हाइवा, 10 ट्रैक्टर, 3 वाटर टैंकर, 2 डीजल टैंकर, 1 हाइड्रा, 1 फायर ब्रिगेड, 1 ट्रांसपोर्टिंग ट्रेलर, तीन पिकअप, 1 होरिजेंटल ट्रंक मेकर और 2 जेनरेटर का उपयोग किया जा रहा है। दो एम्बुलेंस भी तैनात की गई है।

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SECL की टीम भी पहुँची

एसईसीएल खदान कुसमुंडा और मानिकपुर, मनेन्द्रगढ़ से रेस्क्यू टीम भी पहुची हुई है। अंडरग्राउंड खदान में अचानक होने वाली दुर्घटनाओं के समय राहत और बचाव करने वाली यह टीम कई उपकरणों के साथ पहुची हुई है और प्रशासन के निर्देशन में काम कर रही है। ऑफिसर इंचार्ज जी पी शुक्ला कुसमुंडा खदान रेस्कयू स्टेशन कोरबा के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम मौजूद है। मनेन्द्रगढ़ खदान से श्रीकांत राव भी रेस्कयू के लिए है। इन टीम के सदस्यों ने खदान में अचानक ऊपर की छत को धसने से बचाने, गैस रिसाव को रोकने जैसे कार्य किया हुआ है ।

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