महासमुंद :- अविश्वास प्रस्ताव पर सम्मिलन से पहले भाजपा को लगा बड़ा झटका, 2 पार्षद हुए कांग्रेस में शामिल

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गोपीकृष्ण साहू, 25 जून 2022, महासमुंद

महासमुंद :- नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्राकर के विरुद्ध 10 कांग्रेस पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है। चार जुलाई को सम्मिलन की तिथि निर्धारित है। इससे पहले भाजपा को दोहरा झटका लगा है। भाजपा के दो पार्षद सरला गोलू मदनकार व कमला बरिहा ने शनिवार सुबह विधायक निवास जाकर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है। दोनों ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि वार्ड में विकास कार्य नहीं हो रहा था। जिससे क्षुब्ध होकर उन्होंने पार्टी छोड़ी और कांग्रेस प्रवेश किया है।

दोनो पार्षदों के भाजपा छोड़ने से कांग्रेस मजबूत हो गई है। 30 सदस्यीय परिषद में अब कांग्रेस के निर्दलीय सहित 15 सदस्य हैं। जबकि निर्दलीय सहित भाजपा के पास 14 पार्षद हैं। एक पार्षद आम आदमी पार्टी की है, जो फिलहाल कांग्रेस खेमे के साथ है।

 

 

 

बता दें कि महासमुंद नगर पालिका के भाजपा पार्षद प्रकाश चन्द्राकर अध्यक्ष हैं। वहीं कांग्रेस पार्षद कृष्णा चंद्राकर उपाध्यक्ष हैं। कानूनविदों के अनुसार यदि सम्मिलन में सभी 30 पार्षद पहुंचे और मतदान किया तो अविश्वास प्रस्ताव में प्रकाश को नपाध्यक्ष की कुर्सी बचाने 11 मत चाहिए, जबकि कांग्रेस को अविश्वास प्रस्ताव पारित कराने 21 मत चाहिए। कांग्रेस जोड़तोड़ में लगी है। जिसका ताजा उदाहरण शनिवार सुबह विधायक निवास में देखा गया जब भाजपा के दो पार्षद पार्टी छोड़ कांग्रेस प्रवेश कर लिए। कांग्रेस अब 16 की संख्या में है, 21 पार्षद के लिए उसे अब भी पांच पार्षद चाहिए।
प्रकाश गुट की थी,सरला मदनकार वार्ड 14 की पार्षद सरला मदनकार के पति गोलू मदनकार नपाध्यक्ष प्रकाश चन्द्राकर के अत्यंत करीबी थे। उनके पक्ष में पड़ने वाले वोटो में पहला नाम इन्ही का लिया जाता था। जबकि वार्ड पांच की पार्षद कमला बरिहा पूर्व विधायक डा विमल चोपड़ा की कट्टर समर्थक मानी जाती रही हैं। डा विमल ने ही कमला बरिहा को वार्ड पांच से भाजपा पार्षद के लिए टिकट दिलाई और चुनाव अभियान में प्रचार भी किया। दोनों के पार्टी छोड़ने भाजपा पार्षद दल चिंता में है।

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कांग्रेस में विधायक कर रहे अगुवाई, भाजपा के बड़े नेता गायब
अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस को विजय दिलाने को लेकर कांग्रेस की कमान विधायक विनोद चन्द्राकर थामे हुए हैं। पूरे पार्षद गुटीय राजनीति से परे होकर, एकजुटता के साथ उनके निर्देश पर काम कर रहे हैं। वहीं पालिकाध्यक्ष की कुर्सी बचाने भाजपा से अबतक कोई बड़े नेता सक्रिय नजर नहीं आ रहे है। पूर्व राज्यमंत्री पूनम चन्द्राकर, पूर्व विधायक डा विमल चोपड़ा, भाजपा जिलाध्यक्ष रूपकुमारी चौधरी, जिला महामंत्री प्रदीप चन्द्राकर अबतक इस मोर्चे पर सामने नजर नहीं आये।

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