भूपेश बघेल झीरम मामले में मुंह की खाने के बाद कुर्सी छोड़ें- डॉ. रमन सिंह

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गोपी कृष्ण साहू , 11 मई 2022, रायपुर

रायपुर:- भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि यदि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल में जरा सी भी नैतिकता बाकी है तो झीरम मामले में मुंह की खाने के बाद कुर्सी छोड़कर किसी ऐसे कांग्रेस नेता को जनता से किये गए वादे पूरे करने का मौका दें, जो इस लायक हो। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि झीरम घाटी कांड की जांच के लिए नए आयोग की कार्रवाई पर रोक लगाने का हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश भूपेश बघेल सरकार के लिए बड़ा झटका है।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा झीरम मामले में राज्य सरकार द्वारा गठित नए आयोग की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है। पुराने आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक किये बिना ही सरकार ने नया आयोग बना दिया था। उन्होंने सवाल किया है कि कांग्रेस सरकार आखिर किसे बचाने की कोशिश कर रही है।

 

 

 

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि झीरम घाटी मामले में कांग्रेस और खास तौर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुरू से ही राजनीति कर रहे हैं। इस मामले में कांग्रेस नेताओं के बयान उन्हें स्वयं संदेह के दायरे में लाते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे तब से ही झीरम के सबूत जेब में रखकर घूमने का दावा करते थे। क्या वजह है कि साले 3 साल से मुख्यमंत्री रहते हुए भी उन्होंने यह सबूत जेब से निकालकर पेश नहीं किये। क्या वजह है कि कांग्रेस के नेता कांग्रेस के ही सम्माननीय नेताओं की नक्सली हमले में नृशंस हत्या को लेकर गंभीर नहीं हैं। क्या कारण है कि वह इस मामले की जांच करने वाले आयोग की रपट को सार्वजनिक किए बिना ही नए आयोग का गठन करने के लिए बेताब हो गए। कांग्रेस की सारी गतिविधियां संदिग्ध हैं। कांग्रेसी नहीं चाहते कि झीरम का सच सामने आए। वह किसे बचाना चाहते हैं, क्यों बचाना चाहते हैं और पुराने आयोग की रपट से अथवा उसके किसी अंश से उन्हें आखिर क्या दिक्कत है कि रिपोर्ट को जाहिर किए बिना ही भूपेश बघेल को नए आयोग के गठन का ऐलान करना पड़ा। भाजपा हमेशा से यह चाहती है कि झीरम कांड की सच्चाई सबके सामने आए। लेकिन कांग्रेस के लोग ही इस सच्चाई को सामने आने से रोकने के लिए नई नई तरकीब खोजते हैं। अब हाईकोर्ट ने भूपेश बघेल सरकार द्वारा गठित नए आयोग की कार्रवाई पर रोक लगा दी है तो भूपेश बघेल की सच्चाई भी खुद-ब-खुद सामने आ गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को नैतिकता के आधार पर तत्काल अपनी कुर्सी छोड़ देना चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं करते तो यह कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व का धर्म है कि वह भूपेश बघेल को हटाकर कांग्रेस के दिवंगत नेताओं की आत्मा के साथ न्याय करे।

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