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मुर्मू या यशवंत? : सुबह 11 बजे से होगी वोटों की गिनती शुरू, द्रौपदी मुर्मू का जीतना तय, 25 को शपथ

प्रमोद मिश्रा

नई दिल्ली, 21 जुलाई 2022

आज शाम तक यह तय हो जाएगा कि देश की अगली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू होगी । राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान हो चुका है। आज दोपहर 11 बजे से संसद भवन में मतगणना शुरू होगी। एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू, जबकि विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा उम्मीदवार हैं। मुर्मू की जीत की संभावना काफी ज्यादा है। यदि वह जीत हासिल करती हैं, तो देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बन जाएंगी। आइए जानते हैं कि अगर द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बनती हैं तो यह भाजपा के लिए आगामी चुनावों में किस तरह फायदेमंद हो सकता है।

 

आदिवासी प्रभाव वाली सीटों पर नजर

राष्ट्रपति पद के लिए भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू को बहुत सोच-समझकर उम्मीदवार बनाया है। असल में मुर्मू के बहाने भाजपा की निगाह देशभर की आदिवासी सीटों पर है। अगर बीते चुनावों की बात करें तो छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में आदिवासी प्रभावित सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा था। कांग्रेस ने शिड्यूल्ड ट्राइब्स के लिए रिजर्व 128 सीटों में से 86 पर जीत हासिल की थी। केवल गुजरात की बात करें तो 2017 के चुनावों में कांग्रेस ने शिड्यूल्ड ट्राइब्स के लिए आरक्षित 27 सीटों पर भाजपा की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया था। उसने यहां पर 15 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा को 9 सीटों पर जीत मिली थी। बता दें कि गुजरात में अगले दिसंबर में चुनाव होने वाले हैं वहीं, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 2023 में चुनाव होंगे। यहां भाजपा द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी का फायदा उठाना चाहेगी।

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कुछ ऐसा है आदिवासी प्रभाव वाले सीटों का हाल

राजस्थान की बात करें तो यहां पर 25 एसटी आरक्षित सीटों में से कांग्रेस ने 13 और भाजपा ने आठ जीती थीं। छत्तीसगढ़ में एसटी के लिए रिजर्व 29 सीटों में से कांग्रेस के खाते में 27 सीटें गई थीं। बाकी दो सीटें भाजपा ने जीती थीं। अगर देशभर की बात करें तो 97 आदिवासी प्रभाव वाली सीटों जिनमें उड़ीसा में 24, झारखंड में 28, महाराष्ट्र में 14, तेलंगाना में 9, आंध्र प्रदेश में 7 और कर्नाटक में 15 सीटें हैं, यहां भाजपा के पास केवल 4 विधायक हैं। झारखंड में भाजपा ने 2020 में बाबूलाल मरांडी की पार्टी में वापसी इसीलिए हुई थी, क्योंकि यहां पर गैर आदिवासी रघुबर दास का प्रयोग फेल हो गया था। छत्तीसगढ़ में भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बदले कोई आदिवासी चेहरा सीएम पद के लिए प्रोजेक्ट करना चाह रही है।

शाम तक आ सकते हैं परिणाम

गौरतलब है कि देश के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो जाएगा। 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति शपथ लेंगे। सभी राज्यों से मतपत्र संसद भवन लाए जा चुके हैं। चुनाव अधिकारी संसद के कमरा संख्या 63 में मतगणना के लिए तैयार हैं। इस कक्ष में मतपत्रों की 24 घंटे कड़ी सुरक्षा की जा रही है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी राज्य सभा के सचिव जनरल पीसी मोदी गुरुवार को मतगणना की निगरानी करेंगे। शाम तक चुनाव परिणाम घोषित किए जाने की संभावना है।

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