प्रमोद मिश्रा/ गोपीकृष्ण साहू, रायपुर, 25 जुलाई, 2022
छत्तीसगढ़ में विधानसभा का मानसून सत्र जारी है। विकास योजनाओं का खाका लेकर सरकार रोजाना विभिन्न मंत्रियों के माध्यम से विकास की संचालित योजनाओं की जानकारी विपक्ष के साथ प्रदेश की जनता को दे रही है, पर रायपुर के चमचमाती सड़कों से मिलों दूर ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाली सड़कें भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। अधिकारियों की लापरवाही और ठेकेदारों की सुस्ती का आलम यह है कि हाल ही में भानुप्रतापपुर में बन रही एक सड़क ने सिस्टम की नाकामी और लापरवाही का बड़ा उदाहरण प्रस्तुत किया है।
ताजा मामला कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर के ग्राम मंगहूर से करकापाल का है। जहां ग्राम मंगहूर से करकापाल तक 5.20 किमी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क का निर्माण लागत 321.12 लाख रुपए से किया गया। इस सड़क की गारंटी 5 वर्ष की थी, लेकिन यह नवनिर्मित सड़क 10 दिन बाद ही उखड़ने लग गई है। इतना ही नहीं डामरीकरण सड़क में दरार पड़ गई और धंस गई है, जो सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता की पोल खोल दिया है। यह सड़क की गुणवत्ता इस बात को उजागर कर रही कि ठेकेदार ने शासन और प्रशासन मंत्री ग्राम सड़क योजना विभाग के नियम गाइड लाइन को दरकिनार कर सड़क निर्माण किया है।
इस पूरे मामले को लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा की सड़क निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की जड़ें बन चुके हैं। ये पूरा फिक्सिंग का कार्य है, इसलिए ठेकेदार पर अधिकारी दबाव नहीं बना पाते, क्योंकि अधिकारी चाहते हैं आनन फानन में काम हो जाए, पेमेंट हो जाए। ये पूरा मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष ने मांग की है कि इस मामले में संबंधित ठेकेदार से वसूली होनी चाहिए। वहीं सम्बन्धित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क के अधिकारी के संरक्षण में 03 करोड़ 12 लाख के लागत से ग्राम करकपाल-मंगहुर तक बनाये गए खराब सड़क की सीईओ रायपुर से शिकायत की गई है। वहीं सड़क निर्माण में हुई व्यापक रुप से भर्राशाही से स्थानीय ग्रामीण नाराज़ हैं। इस मामले में जनपद सदस्य नागसाय तुलवी, सरपंच मानिक कड़ियाम, ग्रामीण पुनीत राम कड़ियाम,पुनीत तुलावी,हीरु राम जाड़े,तुलसी टेकाम,मनी राम उइके,सराधु उइके,जमन सिंह तुलावी,सुकलु राम तुलावी,बसन्त सलाम,मुकेश गावड़े,राय सिंह तुलावी,समदेर पुडो,श्याम लाल कोमरा,बिसेन पुडो,सावजी उसेण्डी सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि अथक प्रयास व मांग के बाद गांव तक पक्की सड़क बनी थी, जो गुणवत्ताहीन अधिकारी के कमिशनखोरी के चलते मात्र 10 दिनों में सड़क कई जगहों से धराशाही हो गया है। सड़क निर्माण कार्य कि सूक्ष्मता से जांच कार्यवाही की मांग की गई है।
ग्रामीणों के साथ ही छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर एसोसियेसन के अध्यक्ष बीरेश शुक्ला का कहना है कि सड़क निर्माण कार्य शासन के संबंधित विभाग के कर्मचारी या अधिकारी मौके पर उपस्थित नहीं रहते हैं। जिसके कारण इस तरह की गुणवत्ताविहीन कार्य की आशंका बनी रहती है। शुक्ला बताते हैं कि बस्तर में अधिकारी लम्बे समय से जमे हुए रहते हैं और बड़े कार्यों तक की मॉनिटरिंग में रुचि नहीं दिखाते, नतीजतन भ्रष्टाचार के ऐसे मामले सामने आते हैं। उन्होंने कहा है कि इस मामले में ठेकेदार के साथ संबंधित अधिकारियों पर भी सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।