CG में डायरिया से छात्रा की मौत का मामला : स्किल डेवलपमेंट सेंटर पर FIR, निगम ने कराया हॉस्टल बंद, लग सकता है बड़ा जुर्माना

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■ अभी भी 39 से ज्यादा छात्राओं का चल रहा इलाज

■ डायरिया से एक छात्रा की हुई थी मौत

प्रमोद मिश्रा

 

 

 

भिलाई, 03 अगस्त 202व

भारत सरकार द्वारा संचालित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयूजीकेवाई) में बड़ा गोल-माल सामने आया है। नेहरू नगर के रस्तोगी नर्सिंग कॉलेज प्रबंधन द्वारा संचालित जिस स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट में डायरिया से एक छात्रा की मौत हो गई और 39 से ज्यादा बीमार हैं, उसे सेंटर की अनुमति तो बालोद व अन्य जिले के युवाओं को हुनरमंद बनाने के नाम पर मिली है, जबकि सेंटर भिलाई के नेहरू व स्मृति नगर में संचालित किया जा रहा है। यही नहीं यह भी पता चला है कि यहां बालोद, बस्तर के साथ ही झारखंड व बिहार के भी स्टूडेंट होने की जानकारी मिली है।

ऐसा करने से संचालक स्थानीय जिला स्तरीय अधिकारी के रेगुलर निगरानी से बचने के साथ ही राज्य स्तरीय कमेटी की आखों में भी धूल झोंकने में सफल हो जाता रहा है। क्योंकि केंद्र और राज्य की कुल पांच स्तरीय कमेटी, एक छात्रा की मौत से पहले सेंटर की कभी भी कोई खामी नहीं पकड़ पाई थी।

मौत के बाद ढेर सारी खामियों के आधार पर सेंटर को मिले पांचों प्रोजेक्ट पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। इन प्रोजेक्ट में दाखिल सभी स्टूडेंट को इलाज के बाद उनके घर भेजने के निर्देश दे दिए गए हैं। यहीं नहीं निगम प्रशासन ने संचालक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी भी कर ली है।

एनआरएलएम लगाएगा 50 लाख रुपए की पेनाल्टी

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डीडीयूजीकेवाई मूलत: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यक्रम का एक हिस्सा है। इस कार्यक्रम के नियम अनुसार किसी संस्था की शिकायत सही पाए जाने पर एकमुश्त 50 हजार और प्रोजेक्ट कॉस्ट का 2 % पेनाल्टी लगाने का प्रावधान है।

हॉस्टल मालिक पर भी 15 लाख तक जुर्माना लगाया जाएगा

रस्तोगी नर्सिंग कॉलेज ने अपने स्किल डेवलमेंट इंस्टीट्यूट के बच्चों के लिए जो हॉस्टल बताया था। वह निगम की जांच-पड़ताल में हॉस्टल की बजाय आवासीय घर मिला है। उसके कमरे और वॉश रूम आदि हॉस्टल मानक अनुसार नहीं थे।

इधर निगम ने दिया नोटिस, बच्चों को कराया शिफ्ट

प्रोग्राम संचालक के विरुद्ध एफआईआर की तैयारी के साथ ही निगम प्रशासन ने स्मृति नगर में संस्था द्वारा संचालित सभी हाॅस्टल बंद करा दिया। इस संदर्भ में निजी आवास को हॉस्टल में तब्दील करने वाले के साथ ही प्रोग्राम संचालक को हॉस्टल बंद करने नोटिस दी है। नोटिस मिलते ही संचालक ने वहां रह रहे स्टूडेंट को शिफ्ट कराना शुरू कर दिया। देर रात तक शिफ्टिंग की यह प्रक्रिया जारी रही।

24 घंटे में दूसरी बार पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम मंगलवार को दूसरी बार हाई-टेक अस्पताल और हॉस्टल पहुंची। पहले अस्पताल में भर्ती मरीजों से मुलाकात की। उसके बाद हॉस्टल में जाकर आरओ व रहने के इंतजाम देखा। टीम में डीएमओ डॉ. सीबीएस बंजारे शामिल रहे।

भिलाई के महापौर ने क्या कहा?

भिलाई के महापौर नीरज पाल ने कहा कि यह बड़ी लापरवाही है। हमने हॉस्टल की व्यवस्था दुरुस्त करने नोटिस दिया है। इसके लिए तीन दिन का समय दिया है। तब तक बच्चों को अच्छी जगह शिफ्ट करने कहा है जहां अच्छी खाने-पीने व रहने की अच्छी व्यवस्था हो। आवासीय क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने के लिए भी अलग से नोटिस जारी किया गया है।

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