15 May 2025, Thu 7:16:29 PM
Breaking

CG में सरकार की अनोखी पहल : राज्य के 121 नगरीय निकायों में ’कृष्ण कुंज’ के लिए हुआ स्थल का चयन, कृष्ण जन्माष्टमी से पीपल, बरगद जैसे सांस्कृतिक महत्त्व के वृक्षों का होगा रोपण

प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 16 अगस्त 2022

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय क्षेत्रों में ’कृष्ण कुंज’ विकसित किए जाएंगे। कृष्ण कुंज में बरगद, पीपल, नीम और कदंब जैसे सांस्कृतिक महत्व के जीवनोपयोगी वृक्षों का रोपण किया जाएगा । मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को ’कृष्ण कुंज’ विकसित करने के लिए वन विभाग को न्यूनतम एक एकड़ भूमि का आबंटन करने के निर्देश दिए हैं। अब तक राज्य के 121 स्थलों को ’कृष्ण कुंज’ के लिए चिन्हांकित कर लिया गया है। वृक्षारोपण की तैयारी भी बड़ी उत्साह के साथ की जा रही है। इस कृष्ण जन्माष्टमी से पूरे राज्य में ’कृष्ण कुंज’ के लिए चिन्हित स्थल पर वृक्षों का रोपण प्रारंभ किया जाएगा।

 

पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण ये पेड़ जैव विविधता और इकोसिस्टम के लिए भी अहम हैं। जहां एक तरफ प्राकृतिक औषधि के रूप में नीम को सर्वाेत्तम माना गया है, तो वहीं बरगद को ऑक्सीजन का खजाना भी कहा जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार पीपल के वृक्ष पर सभी देवी-देवताओं का वास होता है। यानी कि यह कई गुणों से भरपूर है। लेकिन शहरीकरण के दौर में हमारे यह सांस्कृतिक धरोहर कहीं खोते जा रहे हैं। शहरों में पेड़-पौधों को बचाने, बेहतर इकोसिस्टम को विकसित करने और सांस्कृतिक महत्व के इन पेड़ों को फिर से गुलज़ार करने की मुहिम छत्तीसगढ़ में शुरू की जा रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ‘कृष्ण-कुंज’ योजना के उद्देश्यों को लेकर कहा कि, “वृक्षारोपण को जन-जन से जोड़ने, अपने सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और उन्हें विशिष्ट पहचान देने के लिए इसका नाम ‘कृष्ण-कुंज’ रखा गया है। विगत वर्षों में शहरीकरण की वजह से हो रही अंधाधुंध पेड़ों की कटाई से इन पेड़ों का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है। आने वाली पीढ़ियों को इन पेड़ों के महत्व से जोड़ने के लिए ‘कृष्ण-कुंज’ की पहल की जा रही है।”

सांस्कृतिक विविधताओं से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ का हर एक पर्व प्रकृति और आदिम संस्कृति से जुड़ा हुआ है। इनके संरक्षण के लिए ही यहां के तीज-त्यौहारों को आम लोगों से जोड़ा गया और अब ‘कृष्ण-कुंज’ योजना के माध्यम से इन सांस्कृतिक महत्व के पेड़ों को सहेजने की अनुकरणीय पहल हो रही है। जो आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर कल की ओर ले जाएगी और एक नए छत्तीसगढ़ के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएगी।

Share
पढ़ें   CM का भोपाल दौरा रद्द : खराब मौसम के कारण भोपाल नहीं जा सके CM, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़ेंगे बैठक में, केंद्रीय गृहमंत्री लेंगे मध्य परिषद की बैठक

 

 

 

 

 

You Missed