प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 22 अगस्त 2022
महंगाई भत्ता(DA) और गृह भाड़ा भत्ता(HRA) बढ़ाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के कर्मचारी संगठन आज से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। दावा है कि, इस हड़ताल में 96 कर्मचारी-अधिकारी संगठन शामिल हो रहे हैं। हड़ताल की वजह से अगले कुछ दिनों तक स्कूलों में पढ़ाई, न्यायिक प्रक्रिया, राजस्व मामलों के निपटारे से लेकर सामान्य सरकारी कामकाज ठप हो जाने का खतरा मंडरा रहा है। आंदोलन को लेकर सरकार भी सख्ती के मूड में है। कलेक्टरों को वैकल्पिक व्यवस्था से कामकाज जारी रखने को कहा गया है।
आंदोलन की अगुवाई कर रहे संगठन छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने बताया, फेडरेशन दो सूत्री मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलित है। इसमें केन्द्र के समान देय तिथि से 34% महंगाई भत्ता एरियर्स सहित एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता देने की मांग शामिल है। पिछले दिनों संगठन ने पांच दिनों के लिए हड़ताल किया था। तब अधिकारियों के साथ दो दौर की बातचीत में मांगों को माने जाने पर सहमति बन चुकी थी। बाद में सरकार ने ऐसे संगठनों को बातचीत के लिए बुला लिया जो आंदोलन में शामिल ही नहीं थे। उसके बाद 6% महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी हो गया। यह बहुत कम है और अधिकांश कर्मचारियों को यह स्वीकार नहीं है। ऐसे में प्रदेश के 96 कर्मचारी संगठनों ने 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। इसमें न्यायिक सेवा अधिकारी-कर्मचारी संघ और कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ भी शामिल हो रहा है। प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब न्यायालयों के कर्मचारी किसी हड़ताल में शामिल हो रहे हों।
कमल वर्मा ने कहा, यह हड़ताल मांगों के पूरा होने तक जारी रहेगा। फेडरेशन का दावा है कि इस हड़ताल में प्रदेश के चार लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी शामिल होंगे। इसकी वजह से प्रशासनिक और न्यायिक कामकाज पूरी तरह ठप हो सकता है। हड़ताली अधिकारी-कर्मचारी जिला और ब्लॉक मुख्यालयों पर भी धरना देंगे। रायपुर के धरना स्थल पर हड़ताल जारी रहने तक सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक धरना और सभा की योजना है।
इन कार्यालयों पर पड़ेगा बड़ा असर
कलेक्टर कार्यालय, राजस्व विभाग, तहसील कार्यालय, जिला न्यायालय, लोक निर्माण विभाग, खनिज, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्कूल शिक्षा, कोषालय, स्वास्थ्य, सिंचाई, नवा रायपुर अंतर्गत समस्त संचालनालय एवं इंद्रावती भवन, लोक सेवा आयोग, परिवहन विभाग, जनपद पंचायत, कृषि विभाग, वन विभाग, समाज कल्याण विभाग सहित 52 विभिन्न विभागों पर बड़ा असर पड़ सकता है। कई आयोग एवं मंडलों में भी काम ठप होने की संभावना है।
हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगा सकती है सरकार
इधर सरकार में उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से सूचना आ रही है कि फिलहाल सरकार कर्मचारी संगठनों से सख्ती से निपटने के मूड में है। कई संगठनों से बातचीत की जा रही है। दावा है कि कई संगठनों ने हड़ताल से खुद को पीछे खींच लिया है। सरकार आज से होने जा रही हड़ताल का नेतृत्व कर रहे कुछ गुटों पर कार्रवाई कर सकती है। सरकार के पास एस्मा लगाने का भी विकल्प मौजूद है।
कलेक्टरों को संविदा और रिटायर कर्मचारियों को लगाने का निर्देश
हड़ताल का प्रभाव कम करने के लिए भी तैयारी तेज है। सरकार ने सभी कलेक्टरों को इसके लिए निर्देश दिए हैं। कलेक्टरों से संविदा और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के जरिए व्यवस्था सुचारु रूप से चलाने के निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है, बाढ़ और बारिश की स्थिति में प्रशासन का मुस्तैद रहना आवश्यक है। ऐसे में वैकल्पिक व्यवस्था कर ली जाए।
90 फीसदी स्कूलों में पढ़ाई पर असर
फेडरेशन के दावा है कि उनके साथ शिक्षा विभाग से जुड़े 19 संगठन हड़ताल पर रहेंगे । इससे प्रदेश की 90 फीसदी स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होगी । पिछले दिनों हुई हड़ताल से भी सरकारी स्कूलों में व्यापक असर देखने को मिला था ।