शहीद संतराम साहू को सम्मान : कसडोल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नाम अब होगा ‘शहीद संतराम साहू’ के नाम से, विधायक शकुंतला साहू के प्रयास के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया आदेश

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 24 अगस्त 2022

बलौदाबाजार जिले के कसडोल के शहीद संतराम साहू को एक बार फिर कांग्रेस सरकार ने बड़ा सम्मान दिया है । विधायक और संसदीय सचिव शकुंतला साहू के प्रयास से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कसडोल का नाम अब ‘शहीद संतराम साहू’ के नाम से रखा जाएगा । विधायक की इस पहल से शहीद संतराम साहू का परिवार काफी खुश है । परिवार के लोगों ने कहा कि जिस प्रकार उनके लाडले ने शहीद होकर कसडोल के नाम को अमर कर दिया, ठीक उसी प्रकार विधायक ने कसडोल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नाम ‘शहीद संतराम साहू’ कराकर शहीद संतराम साहू का नाम भी हमेशा के लिए अमर कर दिया । आपको बताते चले कि शहीद होने के 12 साल बाद शहीद संतराम साहू के प्रतिमा का अनावरण हुआ था । विधायक के इस कार्यों की तारीफ भी काफी हो रही है ।

 

 

 

विधायक शकुंतला साहू ने कहा कि जो काम शहीद संतराम साहू ने किया है, वो अविस्मरणीय है । मेरा प्रयास है कि जिन्होंने अपने प्राण की बलिदानी देश सेवा में दी हो उनके सम्मान में कुछ अच्छा कार्य किया जाए । शकुंतला साहू ने कहा कि मेरा प्रयास था कि शहीद संतराम साहू के नाम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नाम हो जो अब जाकर सफल हुआ है ।

आपको बताते चले कि 12 जुलाई 2009 को राजनंदगांव जिले के मदनवाड़ा में पुलिस- नक्सली मुठभेड़ के दौरान एसपी बीके चौबे सहित 29 जवान शहीद हो गए थे । उस 29 जवानों में एक जवान संतराम साहू भी थे, जो कसडोल के रहने वाले है । संतराम की शहादत ने कसडोल का नाम अमर कर दिया और आज भी शहीद संतराम नगर वासियों के दिलों में बसे हैं । शहीद संतराम की शहादत के 13 साल पूरे हो हो गए हैं ।

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आदेश की कॉपी

शहीद संतराम साहू लोगों के दिलों में हैं मौजूद

19 मई 2007 को संतराम के लिए सबसे बड़े खुशी का दिन था । संतराम पुलिस की परीक्षा पास कर राजनादगांव के लिए रवाना हुए । राजनादगांव में संतराम की पहली पोस्टिंग हुई । इस दिन संतराम के परिजनों के साथ-साथ नगर वासी भी काफी खुश थे । शहीद संतराम की पोस्टिंग करीब साल भर तक राजनादगांव जिला मुख्यालय में थी, जिसके बाद एक साल की ट्रेनिंग के लिए मैनपाट चले गये । ट्रेनिंग खत्म होते ही संतराम की ड्यूटी कुछ दिनों के लिए विधानसभा में लगा दी गई । विधानसभा की ड्यूटी खत्म होते ही शहीद संतराम एक महीने की छुट्टी लेकर अपने घर कसडोल आए संतराम काफी दिनों बाद अपने परिवार से मिलकर काफी खुश थे । एक महीने घर में छुट्टी बिताने के बाद 29 जून 2009 को संतराम अपने डयूटी के लिए रवाना हो गए । इसके बाद 12 जुलाई 2009 को संतराम मदनवाड़ा मुठभेड़ में शहीद हो गए । संतराम शहीद होकर अमर हो गये ।

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