बलौदाबाजार जिले में चोरी के आरोप में नाबालिग बच्चों को तालिबानी सजा ! : चोरी करने गए नाबालिग जब पकड़ में आये, तो रस्सी से बांधकर युवकों ने रातभर पीटा, वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने किया मामला दर्ज, राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की टीम भी पहुँची

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 02 सितंबर 2022

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के कसडोल थाना में चोरी करने गए नाबालिगों को बांधकर पीटने का मामला सामने आया है । आजाद देश में ऐसी घटना कम ही देखने को मिलती है कि जब कोई इस तरह की सजा किसी मासूमों को दे । लेकिन, इस पूरे मामले में ताज्जुब की बात यह रही कि चोरी करने गए तीन नाबालिग बच्चों को चार युवकों ने न सिर्फ पीटा बल्कि इसका वीडियो भी बनाया । वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि तालिबानी सजा तीन नाबालिगों को कुछ युवक दे रहे हैं । यह पूरा मामला बलौदाबाजार जिले के कसडोल थाना का हैं, जहां कसडोल नगर पंचायत में ही तीन नाबालिग मासूम बच्चों को गुटका चोरी के इल्जाम में रस्सी से रात भर बांधकर कुछ दबंगों ने जमकर पिटाई कर दी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है । बताया जा रहा है कि उन लोगों ने इन मासूम बच्चों को पहले तो रस्सी से रात भर बांध कर रखा और पट्टे और डंडों से जमकर पिटाई की जिससे बच्चों को काफी चोटें आई हैं । फिर, उसके बाद बच्चों को सुबह छोड़ दिया गया । जिसके बाद वे तीनों मासूम बच्चे जैसे-तैसे कर अपने घर तक पहुंचे और अपने घर के चौखट लांग कर अंदर गए, वैसे ही दबंगो ने उन मासूम बच्चों को घर से मारते घसीटते हुए थाने ले गए। थाना प्रभारी ने चोरी के आरोपी तीन नाबालिगों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें बाल सुधार गृह भेजा गया ।

 

 

 

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गौर से देखिए इस वीडियो को यह वही वीडियो है जो तालिबानी सजा के रवैया को साफ तौर पर दर्शा रहा है और कैसे इस वीडियो में छोटे-छोटे 10 वर्षीय मासूम बच्चों को रस्सी से बांधकर रातभर खुले आसमान के नीचे रखा गया और उन बच्चो की जमकर पिटाई की गई । उसके बाद सुबह होते ही उन बच्चों को छोड़ दिया गया और छोड़ने के बाद घर से फिर घसीटते हुए थाने ले जाकर उन तीनों मासूम बच्चों के ऊपर एफ.आई.आर. दर्ज करवा दिया गया और मासूम बच्चों को जेल भेज दिया गया ।

 

सवाल जो पुलिस पर खड़े होते हैं

यहां पर सवाल यह खड़ा हो रहा है कि इतना कुछ हो जाने के बावजूद भी पुलिस की टीम द्वारा मारपीट करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? वीडियो वायरल होने के बाद यह बात साफ तौर पर दिख रही है कि बच्चों को तालिबानी सजा दी गई है, तो फिर उनके डॉक्टरी मुलाहजा में यह बात सामने कैसे नहीं आई? और अगर जब नाबालिगों ने अपनी बात पुलिस के सामने रखी, तो पुलिस ने उसी समय कार्रवाई क्यों नहीं की? क्या यह वीडियो वायरल नहीं होता तो पुलिस कोई भी कार्रवाई नहीं करती? सवाल बाहत सारे और गम्भीर है । जो बता रहे हैं कि पुलिस ने इस मामले में कितनी गम्भीरता दिखाई है । बताया गया कि 1 बच्चे के नाक पर किसी धारदार हथियार से हमला करने जैसा गंभीर चोट है ।

इस मामले में एक नाबालिग बच्चे जिसके ऊपर चोरी का आरोप है, उसकी बूढ़ी दादी चीख-चीख कर कह रही है कि कैसे उसके आंखो के सामने उसके पोते को उन दबंगों द्वारा पीटते हुए बीच गलियों में घसीट कर थाना ले जाएगा । जब बूढ़ी दादी ने अपने पोते के बचाव में उन युवकों का विरोध किया, तो वे दबंग बूढ़ी दादी के ऊपर ही बरस पड़े और बूढ़ी दादी को भी पट्टे से जमकर पिटाई कर दी ।

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इस मामले में कसडोल थाना प्रभारी आशीष सिंह राजपूत ने कहा कि वीडियो वायरल होने के बाद बांधकर मारने वाले युवकों के ऊपर मामला दर्ज कर लिया गया है और जल्द ही गिरफ्तारी भी हो जाएगी ।

आपको बताते चले कि इस मामले को लेकर आज राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की टीम भी महासमुंद के बाल सुधार गृह पहुँची थी । बाल सुधार गृह जाकर जब टीम ने बच्चों को देखा था उनके शरीर पर बेल्ट के निशान थे । बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की सदस्य पुष्पा पाटले ने बताया कि बच्चों को बहुत ही बेदर्दी से मारा गया है । बच्चों के शरीर में चोट के काफी निशाना है ।

अब देखना होगा कि इस मामले में जिले के पुलिस कप्तान संज्ञान लेकर क्या कार्रवाई करते हैं?

 

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