नर्सिंग में ZERO नंबर वाले अभ्यर्थियों का प्रवेश नहीं VIDEO : स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने जीरो अंक वाले को एडमिशन देने पर जताई असहमति, टी एस ने कहा : ‘कई संस्थाओं में नर्सिंग के बच्चों को इंजेक्शन लगाना नहीं आता था…छत्तीसगढ़ की जनता को उच्च स्तर का इलाज दिलाना पहली प्राथमिकता’

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 30 नवंबर 2022

छत्तीसगढ़ में नर्सिंग कॉलेजों में एडमिशन का ख्वाब देख रही तमाम अभ्यर्थियों के लिए बहुत जरूरी और महत्वपूर्ण खबर है । क्योंकि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने साफ कर दिया है कि नर्सिंग कॉलेजों में ‘0’ नंबर वाले अभ्यर्थियों की भर्ती नहीं होगी । ऐसे में कहा जा सकता है कि इस बार नर्सिंग की बहुत सारी सीटें खाली रहने वाली है ।

 

 

 

दरअसल, व्यापम द्वारा लिए गए प्री बीएससी नर्सिंग भर्ती परीक्षा में प्रदेश से महज 228 अभ्यर्थी ही पात्र हो पाए थे । उसके बाद लगातार अभ्यर्थियों की मांग थी कि उन्हें 12वीं के आधार पर एडमिशन दिया जाए । लेकिन, स्वास्थ्य मंत्री ने यह साफ कर दिया कि वह स्वास्थ्य विभाग में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं ले सकते हैं । स्वास्थ्य मंत्री का कहना था कि हमारे सचिव ने कई संस्थाओं में जहां नर्सिंग की छात्राएं अभ्यास करती हैं वहां जाकर देखा है और सामने यह आया है कि नर्सिंग की कई छात्राओं को इंजेक्शन लगाना भी नहीं आता है ।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जब जीवन और मरण से संघर्ष करता है, तब अस्पताल पहुंचता है और अगर ऐसे में उनको सही इलाज नहीं मिल पाएगा तो फिर इसका जिम्मेदार कौन होगा?

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मेरे हिसाब से 0 अंक वाले को एडमिशन नहीं दिया जाएगा, मैं इस पर पूरी तरीके से असहमत हूँ । हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 15 से 20 अंक वाले अभ्यर्थियों को एडमिशन दिया जा सकता है । स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता को उच्च स्तर की स्वास्थ्य सुविधा देना मेरा प्रथम लक्ष्य है और मैं इसी को लेकर आगे कार्य कर रहा हूं ।

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आपको बता दे कि प्रदेश में बीएससी नर्सिंग की 6 हजार सीटें हैं, लेकिन इसमें एडमिशन के लिए गए टेस्ट में महज 228 छात्र ही पात्र हुए हैं। इंडियन नर्सिंग काउंसिल यानी आईएनसी के नियमानुसार एडमिशन हुआ तो बाकी सीटें खाली रह जाएंगी। सीटें खाली न रह जाए इसलिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आईएनसी को पत्र लिखकर परसेंटेज के बजाय परसेंटाइल से एडमिशन देने की अनुमति मांगी है ।

आईएनसी ने अनुमति तो दी, लेकिन हिंदी व अंग्रेजी वर्जन वाले पत्र के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। अंग्रेजी वर्जन के पत्र में परसेंटाइल व हिंदी वर्जन वाले पत्र में परसेंटेज से ही अनुमति देने की अनुमति दी है। इस भ्रम को दूर करने के लिए डीएमई कार्यालय ने आईएनसी को दाेबारा पत्र लिखा है। प्रदेश में 8 सरकारी समेत 108 के आसपास नर्सिंग कॉलेज हैं। व्यवसायिक परीक्षा मंडल व्यापमं ने इसके लिए परीक्षा आयोजित की थी।

इसके लिए 40 हजार ने फार्म भरे थे। 33 हजार छात्रों ने परीक्षा दी, जिसमें केवल 228 छात्र पात्र हुए। दरअसल जनरल केटेगरी के छात्रों के लिए 50 प्रतिशत, एसटी, एससी व ओबीसी केटेगरी के छात्रों के लिए 40 प्रतिशत व दिव्यांगों के लिए 45 फीसदी अंक अनिवार्य है।

इतने कट आफ मार्क्स आने पर ही बीएससी नर्सिंग में एडमिशन के लिए पात्र है। लगातार दूसरा साल है कि इस तरह की परिस्थिति बनी है। ऐसे में डीएमई कार्यालय ने आईएनसी को पत्र लिखना उचित समझा। उम्मीद की जा रही है कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल से परसेंटेज के बजाय परसेंटाइल से एडमिशन की अनुमति मिल जाएगी।

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विधायक ने लगाया था आरोप

रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह ने सीएम भूपेश बघेल के नाम पत्र लिखकर प्रदेश में जारी नर्सिंग प्रवेश की पोल खोल दिया है। कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश के शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग में भर्राशाही चल रही है। इस कारण 2700 नर्सिंग सीटों पर प्रवेश नहीं हो पा रहे। इसके लिए उन्होंने विभागीय अफसरशाही को जिम्मेदार ठहराया है। बता दें कि बृहस्पति सिंह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के काफी करीबी विधायक माने जाते हैं। वे स्वास्थ मंत्री टीएस सिंहदेव को लेकर तल्ख रहते हैं। राजनीतिक रूप से उनकी सरकार में शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह से भी पटरी नहीं खाती। पत्र में इन्हीं दो मंत्रियों के विभाग को जिम्मेदार ठहराया गया है। राजनीतिक पंडित इसके मायने निकाल रहे हैं।

छात्राएं दर-दर भटक रही 

बृहस्पति सिंह ने यहां तक आरोप लगाया कि स्वास्थ विभाग के अफसर इन बच्चों को प्रवेश न देकर उनके हाथ में कलम की जगह बंदूक थमाना चाहते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री बघेल को लिखे अपने पत्र में यह भी कहा है कि इस तरह से अगर प्रवेश दिया जाता है तो इससे राज्य सरकार पर किसी तरह का वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। प्रवेश के लिए 12वीं पास छात्राएं दर-दर भटक रही हैं। विधायक ने कहा कि इस संबंध में मेरी जानकारी में बात आई तो मैं  आपसे यह अनुरोध कर रहा हूं।

 

 

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