• पुण्य कमाने की बात कहकर लोगों को बनाता था बेवकूफ
• आरोपी युवक ने की 2 लाख रुपए की धोखाधड़ी
प्रमोद मिश्रा
दुर्ग, 05 अप्रैल 2023
छत्तीसगढ़ के दुर्ग पुलिस ने एक ऐसे आरोपी को अपने कब्जे में लिया है जो लोगों को काले मोती देने की बात कह कर ठगी करता था । अभी तक आरोपी लोगों से लगभग 2 करोड़ रुपए का ठगी कर चुका था । चॉइस सेंटर में रिश्वत देकर फर्जी दस्तावेज के आधार पर उसने गुमाश्ता लाइसेंस बनाया। इसी के जरिए ऑफिस खोला और धोखाधड़ी की। उसने बताया कि वह पुण्य पाने के लिए रोज दुकानों से कई कबूतर खरीदकर उन्हें उड़ा देता था।
दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने जब मुख्य आरोपी सानू कुमार पिता विजय कुमार (24) और उसके ड्राइवर संजय कुमार से पूछताछ की तो उन्होंने पूरे फ्राड के बारे में बताया। पहले उसने दुर्ग आते ही एक रिक्शा चलाने वाले को रोजाना छोड़ने और ले जाने के लिए बुक किया। इसके बाद उसका आधार कार्ड लेकर दिल्ली से फर्जी आधार कार्ड बनवा लिया। इसी आधार पर उसने नई सिम लेने के साथ ही चॉइस सेंटर से 7 हजार देकर गुमाश्ता लाइसेंस बना लिया।
एसपी के मुताबिक सामान्य रूप से गुमाश्ता बनवाने में 4-5 सौ रुपए का खर्च आता है। अधिक रकम देने पर अधिकारी के पास बिना गए ही गुमाश्ता बन गया। इससे आरोपी शहर के बीच अपना कार्यालय खोल पाया और लोगों के साथ करोड़ों की ठगी कर पाया। फर्जी गुमाश्ता बनाने के मामले में निगम के कई अधिकारी पुलिस की रडार में आ गए हैं। इसके साथ ही चॉइस सेंटर की भी जांच करेगी।
हर दिन उड़ाता 100 से अधिक कबूतर, गाय को खिलाता था चावल
आरोपी सानू कुमार ने बताया कि वो शाकाहारी है। गरीब महिलाओं से ठगी के पैसों से वो रायपुर में लग्जरी फ्लैट लेकर रहता था। एक थार खरीदा था। उससे रोजाना दुर्ग अप डाउन करता था। इसके बाद स्टेशन रोड जाकर कबूतर की दुकान से हर दिन 100 से अधिक कबूतर खरीदता था और उन्हें वहीं उड़ा देता था। इसके उसने डेढ़ लाख से अधिक के कबूतर पुण्य कमाने के लिए उड़ा दिए। इसके साथ ही वो हर दिन गाय को 25 किलो चावल भी खिलाता था।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
आरोपी सानू कुमार ने दुर्ग के इंदिरा मार्केट में होमग्रोन कॉरपोरेशन कंपनी नाम से एक ऑफिस खोला। सानू ने ऑफिस में 20 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति की। उसने अखबार के साथ अपनी कंपनी का प्रचार करने के लिए पंपलेट्स बांटे। उसने दावा किया कि कंपनी के द्वारा काला मोती और धागा दिया जायेगा। लोगों को माला बनाकर लाना है। माला बनाकर वापस करने पर उन्हें कंपनी से 3500 रुपए दिया जाएगा।
काला मोती लेने के लिए लोगों को कंपनी में रजिस्ट्रेशन करना होता था, जिसकी फीस 2500 रुपए थी। इतना ही नहीं हर रजिस्ट्रेशन के पीछे 400 रुपए का कमीशन भी था। पहले महीने उसने माला बनाकर देने वालों को रिटर्न दिया। लोगों को लगा कि वो फ्राड नहीं है। इससे वहां 8 हजार से अधिक महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया। इस तरह जब सानू कुमार ने दो करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कर ली तो वह दफ्तर में ताला लगाकर भाग गया।