Chhattisgarh: आम लोगों के प्रति व्यवहार में बदलाव लाए पुलिस, हाईकोर्ट ने DGP को सर्कुलर जारी करने का दिया आदेश

छत्तीसगढ़

प्रमोद मिश्रा, रायपुर 30 अप्रैल 2023

हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत के एक महत्वपूर्ण मामले में पुलिस को आम जनता के प्रति व्यवहार सही रखने की जरूरत बताई है। कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को इस आशय का मेमो जारी करने को आदेशित किया कि किसी भी मामले के अन्वेषण के दौरान पुलिस का व्यवहार संभ्रांत नागरिकों के प्रति कैसा होना चाहिए। जस्टिस दीपक तिवारी ने सुशील कुमार अग्रवाल की अग्रिम जमानत पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान आवेदक के अधिवक्ता अनिल तावडकर ने कोर्ट को बताया कि आवेदक के विरुद्ध भूमि विवाद में पैसों के लेन देन पर धारा 420, 34 के अंतर्गत सिटी कोतवाली रायगढ़ में अपराध पंजीबद्ध किया गया। मामले की जांच के बहाने 4 अक्टूबर 2022 को दोपहर 2.30 बजे 10-12 पुलिस वाले आवेदक के घर में घुसकर अमर्यादित व्यवहार किए। एक घंटे से अधिक समय तक प्रार्थी के निवास में अंदर घुसकर पुलिसकर्मी छानबीन करते रहे। इस दौरान घर में सदस्य भयभीत होकर बैठे रहे। जो कि घर में लगे सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई। इसके बाद अग्रवाल ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की। कोर्ट ने इस प्रकार के कृत्य से सख्त नाराज होते हुए डीजीपी को आदेश दिया कि टीम के सभी पुलिसकर्मियों के व्यवहार की जांच करें और यदि आवश्यकता हो तो अनुशासनात्मक कार्रवाई करें।

 

 

कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया कि पुलिस की छवि जनता और आम नागरिकों के प्रति सही होनी चाहिए। यह जरूरी है कि पब्लिक का विश्वास पुलिस से नहीं टूटे और डिपार्टमेंट की इमेज जनमानस के बीच सही बनी रहे। राज्य के किसी भी नागरिक के विरुद्ध इस प्रकार के कृत्यों की पुनरावृत्ति न हो ये सुनिश्चित किया जाए। कोर्ट ने सरकारी वकील को निर्देशित किया कि इस आदेश के प्रति और प्रकरण में प्रस्तुत फोटोग्राफ को आवश्यक कार्रवाई के लिए पुलिस महानिदेशक को प्रेषित करें।

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