प्रमोद मिश्रा, छत्तीसगढ़, 21 मई 2023
2000 Rupee Currency Note: आरबीआई की ओर से 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने के फैसले का जमकर विरोध हो रहा है. इसे लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आग उगल रहे हैं. इन सबके बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2000 रुपये के नोट को वापस लेने के फैसले को थूक कर चाटने जैसा बताया है.
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने शनिवार (20 मई) को कर्नाटक में सिद्धारमैया की सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के बाद ये बात कही. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपने ही फैसले को सात साल बाद बदल रही है यह ‘थूक कर चाटने’ जैसा है.
अपने ही फैसले को सात साल बाद बदल रहे’
उन्होंने कहा कि अब 2000 रुपए के नोट बंद कर दिए हैं. इसमें गिनाएं क्या कारण है? आरबीआई से हम पूछना चाहते हैं, बंद क्यों किए हैं? वैसे तो आप ने 2019 से छापना बंद कर दिया, लेकिन आज 2023 है अब अचानक इसको बंद कर दिया. इसका कारण क्या है? मतलब यह है कि आप (केंद्र सरकार) अपने ही फैसले को सात साल बाद बदल रहे हैं. 2016 में इसे लागू किया अब 2023 से बंद कर दिया, मतलब यह ‘थूक कर चाटने’ जैसा है.
‘नोट छापने में लगते हैं करोड़ों रुपये’
उन्होंने कहा कि मीडिया को आरबीआई के गवर्नर से पूछना चाहिए कि क्यों बंद किए. शासकीय धन का ऐसे ही दुरुपयोग करेंगे. एक लेख के मुताबिक नोट छापने में 16-17 सौ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. देश के आयकर दाताओं के पैसे खर्च हो रहे हैं. आप जब चाहे तब खत्म कर देंगे और जब चाहे तब चालू कर देंगे. अब कौन से नोट चालू करेंगे या भी बता दें.
बघेल ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि क्या देश कैशलेस ट्रांजेक्शन की तरफ जा रहा है. उन्होंने आशंका जताई कि कहीं देश को क्रिप्टो करेंसी की ओर तो धकेला नहीं जा रहा है.