मोदी सरकार को 9 साल पूरे होने पर कांग्रेस ने पूछे ये 9 सवाल….

छत्तीसगढ़

प्रमोद मिश्रा , 27मई 2023

प्रमोद तिवारी सांसद राज्य सभा ने रायपुर में पत्रकार वार्ता ले कर मोदी सरकार के 9 साल हमला किया है। कांग्रेस ने मोदी सरकार से 9 सवाल पूछे हैं। कांग्रेस ने सरकार से अर्थव्यवस्था, कृषि और किसान, भ्रष्टाचार, चीन और राष्ट्रीय सुरक्षा समेत 9 सवाल पूछे हैं।

अर्थव्यवस्था ऐसा क्यों है कि देश में महंगाई और बेरोजगारी आसमान छू रही है? क्यों अमीर और अमीर हुए हैं और गरीब और गरीब? सार्वजनिक संपत्तियों को मोदी जी के मित्रों को क्यों बेचा जा रहा है? आर्थिक विषमताएं क्यों बढ़ रही है?
2014 के बाद से सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई है, जबकि इस अवधि में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से 70 डॉलर प्रति बैरल गिर गई हैं। युवा बेरोजगारी, 30-40 प्रतिशत तक बढ़ गई है, वहीं गरीबों के लिए वेतन वृद्धि निगेटिव रही है। यह एक विनाशकारी रिकॉर्ड है। नोटबंदी और जीएसटी ने काले धन को तो खत्म नहीं किया उल्टा छोटे व्यवसायों को नष्ट कर दिया। हाल ही में घोषित नोटबंदी 20 ने आपकी सरकार के बेरहम दू ष्टिकोण की याद को ताजा कर दिया है।

2 कृषि और किसान

ऐसा क्यों है कि काले कृषि कानूनों को रद्द करते समय किसान संगठनों के साथ हुए समझौतों को अभी तक लागू नहीं किया गया है? एमएसपी की गारंटी क्यों नहीं दी गई? पिछले 3 सालों में भी किसानों की आय क्यों दोगुनी नहीं हुई?

कृषि को अपने चुने हुए मित्रों के हवाले करने के आपके प्रयास को एक व्यापक किसान आंदोलन ने विफल कर दिया। फिर भी आपकी सरकार फसलों के लाभकारी मूल्य निर्धारण के लिए किसानों की प्रमुख मांग को ठुकरा रही है। एक किसान की औसत आय 27 रुपये प्रतिदिन है, जबकि कृषि वस्तुओं पर जीएसटी ने हमारे अन्नदाताओं पर बोझ और बढ़ा दिया है। साथ ही उर्वरक जैसी वस्तुओं पर सब्सिडी में भी कटौती की गई है।

भ्रष्टाचार / मित्रवाद
ऐसा क्यों है कि अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए एलआईसी और एसबीआई में जमा जनता के खून पसीने की कमाई को दांव पर लगा दिया? आप चोरों को क्यों भागने दे रहे हैं? आप भाजपा शासित राज्यों में हुए भ्रष्टाचार पर चुप क्यों हैं और क्यों देशवासियों को कष्ट झेलने को मजबूर कर रहे हैं?

मोदानी मेगास्कैम से सामने आया कि कैसे एलआईसी और एसबीआई जैसी राष्ट्रीय संपत्ति अडानी जैसी जोखिम भरी कंपनियों में निवेश करने और उसे ऋण देने के लिए करोड़ों पॉलिसीधारकों और जमाकर्ताओं की बचत को जोखमि में डाल रही है। अडानी का एकाधिकार बिजली और उड़ानों के लिए उच्च कीमतों में योगदान दे रहा है। रिसर्च से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में एकाधिकार महंगाई को बढ़ा रहा है। इस बीच, आपके करीबी डिफॉल्टर्स और स्कैमर्स को उनकी

. उन्हें मोदी वाशिग मशीन द्वारा साफ किया जाता है।

चीन और राष्ट्रीय सुरक्षा

ऐसा क्यों है कि चीन को साल आँख दिखाने की बात करने वाले प्रधानमंत्री ने उसे 2020 में क्लीनचिट दे दी. जबकि यह आज भी हमारी जमीन पर कब्जा करके बैठा है? चीन के साथ 18 बैठकें हुई है, फिर भी वह क्यो हुए हमारी पवित्र भूमि से वापस नहीं जा है?

 

 

 

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2020 से चीन द्वारा निर्वाचित 1.500 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर आपकी चुप्पी राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर आपकी विफलता को क्या करती है। यहाँ तक कि जब चीन अधिक आक्रामक हो रहा है और हमारी संप्रभुता को लेकर अनुचित मांग रखता है, तब भी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। आपकी सरकार के सता में आने के नौ साल बाद भी कोई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति नहीं है। रक्षा खर्च कई दशकों के निचले स्तर पर है। ये कारण अलोकप्रिय अग्निपथ योजना जैसे विनाशकारी कदमों की ओर ले जाते हैं, जो प्रशिक्षण मानकों को कम करके और यूनिट की एकता को खतरे में डालते है। साथ ही इससे हमारे सशस्त्र बलों को कमजोर होने का जोखिम रहता है।

5 सामाजिक सद्भाव ऐसा क्यों है कि आप चुनावी फायदे के लिए जानबूझकर बंटवारे की राजनीति को हवा दे रहे हैं और समाज में डर का माहौल बना रहे हैं? नागरिकता संशोधन अधिनियम और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर ने धर्म के आधार पर भेदभाव करने की कोशिश की, भले ही सभी धर्मों के नागरिकों ने प्रशासनिक गड़बड़ी की कीमत चुकानी पड़ी हो। आपकी पार्टी के सदस्यों ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और कमजोर वर्गों के खिलाफ

हिंसा को भड़काया। इससे कारण 2014 के बाद से नफरत से संबंधित अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई

है। आप चुनावी लाभ के लिए विभाजन को प्रोत्साहित करते हैं और हिंसा की उन घटनाओं पर

अक्सर चुप रहते हैं, जो उग्र हो जाती हैं। दिल्ली, मणिपुर और अन्य स्थानों पर हिंसा के मामलों में

आपने ऐसा ही किया ।

सामाजिक न्याय

ऐसा क्यों है कि आपकी दमनकारी सरकार सामाजिक न्याय की नींव को ध्वस्त कर रही है? महिलाओं, दलितों, एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर आप चुप क्यों हैं? जाति जनगणना की मांग को क्यों नजरअंदाज कर रहे हैं?
2014 के बाद से दलितों के खिलाफ अत्याचारों में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ये आंकड़े दलितों के प्रति आपके प्रेम को दिखाने के लिए काफी हैं। जातिगत जनगणना या 2011 की सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना के आंकड़े जारी करने से इंकार करना दर्शाता है कि आप ओबीसी सशक्तिकरण को लेकर कितने गंभीर हैं। वन अधिकार अधिनियम को कमजोर करना आदिवासी समुदाय के प्रति आपकी संवेदनहीनता को दिखाता है आपने धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए बहुत जरूरी छात्रवृत्ति कम कर दी है। महिलाओं के खिलाफ अपराध 2013 में 3.1 लाख से बढ़कर 2021

में 4.2 लाख हो गए हैं।

क्यों है कि पिछले सालों में संवैधानिक और लोकतात्रिक संस्थाओं को कमजोर किया गया विपक्षी दलों और नेताओं के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई क्यों की जा रही है? क्या जनता द्वारा चुनी हुई विपक्षी दलों की कई सरकारें गिराई गई? अरुणाचल प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और मणिपुर का दुरुपयोग करके चुनी हुई सरकारों को गिराना लोकतंत्र के प्रति आपके सम्मान को दर्शाता है। जांच एजेंसियों का पुरुप्रयोग किया जा रहा है। 2014 के बाद से सीबीआई और ईडी के 95 प्रतिशत मामले उन राजनेताओं के खिलाफ है, जो विपक्षी दलों के हैं। जब से आप प्रधानमंत्री बने है, संसद की बैठक के दिन लगातार कम हो रहे हैं. जैसे जब आप गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब विधानसभा की बैठक

भी कम होती थी

8 जनकल्याण की योजनाएं ऐसा क्यों है कि बजट में कहाती करके मनरेगा जैसी जनकल्याण की योजनाओं को कमजोर किया गया गरीब आदिवासी एवं जरूरतमंदों के सपनों को क्यों कुचला जा रहा है?

अधिनियम की महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद, आपने कभी भी यूपीए के समय की इन महत्त्वपूर्ण COVID–19 महामारी के दौरान देश के गरीबों को राहत देने में मनरेगा और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजनाओं पर भरोसा नहीं जताया। यहां तक आपने संसद में मनरेगा का मजाक भी उड़ाया। क्या कर दी हैं? आपकी बहुचर्धित उज्ज्वला योजना विफलती की है बहुत कम लोग 1,103 रुपए प्रति सिलेंडर के हिसाब से रसोई गैस खरीद पा रही है क्योंकि बच्चों के कुपोषण में वृद्धि हुई है और खुले में शौच मुक्त जिलों के दावे स्पष्ट रूप से वास्तविकताओं से बहुत दूर हैं।

कोरोना मिसमैनेजमेंट
ऐसा क्यों है कि कोरोना के कारण 40 लाख लोगों की मौत के बाद उनके परिवारों को मुआवजा देने से मना कर दिया गया? क्यों अचानक लॉकडाउन करके लाखों कामगार साथियों को घर जाने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया?

आपकी सरकार ने कोविङ-19 को लेकर राहुल गांधी की शुरुआती चेतावनियों को नज़रअंदाज किया। फिर जब हालात बिगड़े तब दुनिया का सबसे सख्त लॉकडाउन लगाया गया। जिससे हमारी तिमाही जीडीपी 21 प्रतिशत गिर गई और एक खतरनाक मानवीय संकट पैदा हो गया। 4 करोड प्रवासी श्रमिक भाई-बहन सड़कों पर आ गए। पहली लहर के बाद समय से पहले ही जीत की घोषणा कर दी गई। इस वजह से विनाशकारी दूसरी लहर के लिए ठीक से तैयारी नहीं हुई और भारत गंभीर रूप से प्रभावित हुआ। WHO के अनुसार पर्याप्त ऑक्सीजन, दवाइयों और हॉस्पिटल बेड्स की कमी के कारण भारत में COVID-19 से सबसे अधिक 47 लाख लोगों की मौत हुई है। इस बीच आपकी सरकार ने आंकड़ों में हेराफेरी की। यह दावा किया गया कि ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मौत नहीं हुई है। साथ ही ये भी कहा गया कि इसकी कोई जानकारी नहीं है कि महामारी में कितने प्रवासी, पुलिस कर्मी और फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स मारे गए।

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