11 Jun 2025, Wed 10:20:50 AM
Breaking

Kanker: बेटे को जंजीर से बांधना मजबूरी, इलाज के लिए नहीं है पैसा; नेता से लेकर अधिकारी तक कोई नहीं मददगार

प्रमोद मिश्रा, भानुप्रतापपुर, 30 मई 2023

जिले के भानुप्रतापपुर क्षेत्र से एक भावुक करने वाली तस्वीर सामने आई है। गरीबी कैसे अभिशाप बन जाती है। यह देखने को मिला भानुप्रतापपुर विकासखंड के एक छोटे से गांव में। जहां बेटा मानसिक रूप से बीमार हुआ तो बूढे मां बाप ने गरीबी के कारण उसे जंजीर से बांध लिया है। भानुप्रतापपुर के ग्राम भेजा में दोनो हाथों में हथकड़ी नुमा जंजीर पैरो में बेड़ियां बंधा एक युवक गांव में जैसे तैसे बड़ी मुश्किल से चल पा रहा था। इस मंजर को जो भी व्यक्ति देखेगा। उसे यही लगेगा मुजरिम को हथकड़ी लगाई गई है। लेकिन उसकी हकीकत जानेंगे तो हैरत में पड़ जाएंगे। जब हमने उस युवक के बारे में पास मौजूद रही महिला से पूछा तो पता चला कि जंजीर से बांधा युवक उसका बेटा है। 30 साल का युवक मानसिक रूप से कमजोर है। इसलिए बेटे को बांधकर रखने के लिए वह मजबूर है। उनके पास इलाज करवाने के पैसे नहीं हैं। अगर उसे बांधकर न रखें तो वह उत्पात मचाना शुरू कर देता है।

छोटा बेटा 13 साल पहले काम करने गया पर वापस नहीं लौटा
बूढ़ी महिला सगरो बाई से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि बेटे रूप सिंह तेता 10 साल पहले अचानक दिमागी रूप से कमजोर होने लगा। उसके बाद वह कभी मानसिक रूप से ठीक नहीं हो पाया। महिला ने बताया उसके दो बेटे हैं। लेकिन एक छोटा बेटा सानू राम 13 साल पहले बोर गाड़ी में काम करने गया तो वह दोबारा घर नहीं आया और ना ही अबतक किसी प्रकार से कोई संपर्क हो पाया है। हांलाकि उसकी बूढ़ी मां को विश्वास है कि उसका बेटा कही ना कहीं सकुशल होगा। महिला ने बताया उसकी दो बेटियां भी हैं। जिनका विवाह हो चुका है। घर पर दोनों बूढे पति पत्नी रहते हैं और मजदूरी करते है और मानसिक रोगी रूप सिंह की देख रेख करते हैं। परिवार बेहद ही गरीब है जो कुछ रुपये उसके पास थे। वे बेटे के उपचार में पहले ही खर्च कर चुके हैं। अब आगे उपचार करवाना उसके लिए दूर की बात है। गरीबी ने इतना मजबूर बना दिया है कि अपनी औलाद को जंजीरों से बांधकर रखना पड़ रहा है।

पढ़ें   गौरेला पेंड्रा मरवाही : जिला स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का समापन 4 सितंबर को

शासन, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से नहीं मिला सहयोग
इस तरह के मानसिक रोगियों के लिए शासन प्रशासन की ओर से कई योजनाएं संचालित हैं। लेकिन क्षेत्र के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते रूप सिंह और उसके परिवार को कोई सहायता नहीं मिल पाई है। आर्थिक रूप से कमजोर और जानकारी के अभाव में एक युवा का जीवन खराब हो रहा है। परिवार में बचे बूढ़े मां और बाप का सहारा भी कोई नहीं है। क्षेत्र में कई सामाजिक संस्थाएं भी हैं, जो मानसिक रोगियों के इलाज में सहयोग करती हैं। लेकिन रूप सिंह की स्थिति के बारे में उन्हें अब तक जानकारी नहीं मिल पाई है। उम्मीद है इस खबर के माध्यम से रूप सिंह को किसी न किसी प्रकार से सहायता अवश्य मिलेगी।

Share

 

 

 

 

 

By Desk

You Missed