Biparjoy Cyclone: CG से गुजरने वाली पोरबंदर-शालीमार एक्सप्रेस सहित तीन ट्रेनें रद्द; रेलवे ने जारी किया अलर्ट

छत्तीसगढ़

प्रमोद मिश्रा, 13 जून 2023

मौसम विभाग के अनुसार, पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’ बढ़ रहा है। यह सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है। तूफान के बुधवार या गुरुवार को गुजरात के तट से टकराने की संभावना है। इसका प्रभाव छत्तीसगढ़ से होकर गुजरने वाली ट्रेनों पर भी पड़ेगा। इसे देखते हुए रेलवे ने 12905 पोरबंदर-शालीमार एक्सप्रेस 14 से 17 जून तक के लिए निरस्त कर दी है। इसके अलावा दो अन्य ट्रेनों को भी शार्ट टर्मिनेट किया गया है। साथ ही रेलवे ने तूफान को लेकर अलर्ट भी जारी किया है।

रेलवे ने 12950 संतरागाछी-पोरबंदर एक्सप्रेस को अहमदाबाद स्टेशन में शॉर्ट टर्मिनेट कर दिया है। यह ट्रेन बिलासपुर में भी रद्द रहेगी। इसी तरह ट्रेन नंबर 22906 शालीमार-ओखा एक्सप्रेस भी 13 जून को सुंदरनगर में शॉर्ट टर्मिनेट हो जाएगी। हालांकि यह ट्रेन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन से नहीं गुजरती। इसी तरह बिलासपुर रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली 22829 भुज-शालीमार एक्सप्रेस 13 जून को अहमदाबाद स्टेशन से प्रारंभ होगी। ट्रेन नंबर 12940 पोरबंदर-संतरागाछी एक्सप्रेस 16 जून को अहमदाबाद रेलवे स्टेशन से शुरू होगी

 

 

कोचों के खिड़की-दरवाजे खुले रखने के निर्देश
जोनल रेलवे मुख्यालय में आपदा प्रबंधन कक्ष का सक्रिय होना और विभिन्न विभागों द्वारा 24 घंटे मैनिंग।
भावनगर, राजकोट, अहमदाबाद और गांधीधाम में मंडल मुख्यालयों पर आपातकालीन नियंत्रण कक्षों का संचालन।
कई स्थानों पर हवा की गति की नियमित निगरानी और 50 किमी प्रति घंटे से अधिक हवा का वेग होने पर ट्रेनों को नियंत्रित करने या रोकने के निर्देश।
स्टेशनों पर एनीमोमीटर लगाए गए हैं और हर घंटे के आधार पर हवा की गति की रीडिंग ली जा रही है।
वास्तविक समय की निगरानी और समन्वय के लिए ऑनलाइन समूहों का गठन।
mausam.imd.gov.in वेबसाइट पर चक्रवात से संबंधित जानकारी की निरंतर निगरानी।
आपातकालीन निकासी के लिए पर्याप्त डीजल लोकोमोटिव और कोचिंग रेक की उपलब्धता।
डबल स्टैक कंटेनरों के लदान पर रोक और उनके संचलन पर प्रतिबंध।
पैसेंजर ट्रेनों के शेड्यूल की समीक्षा और चक्रवात की स्थिति के आधार पर जरूरी फैसले।

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राहत ट्रेन की तैयारी
चक्रवात/तूफान की स्थिति के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल के संबंध में लोको पायलटों और सहायक लोको पायलटों की काउंसलिंग। चालक दल के विश्राम के लिए बनाए गए विभिन्न रनिंग रूम में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं (भोजन, चिकित्सा आदि) की गई हैं।
हवा के मुक्त आवागमन के लिए कोचों के दरवाजे और खिड़कियां खुली रखने के निर्देश।
आरसीडी ईंधन की आवाजाही के लिए सड़क के बुनियादी ढांचे में बाधा आने की स्थिति में चक्रवात के बाद पूरी तरह से ईंधन वाले डीजल इंजनों और भरे हुए आरसीडी ईंधन टैंकों की सामान्य परिचालन में उपलब्धता की व्यवस्था।
वैकल्पिक संचार व्यवस्था
संचार विफलता के मामले में सैटेलाइट फोन, एफसीटी और डीओटी फोन सहित आपातकालीन नियंत्रण कक्ष।
साइट संचार के लिए वीएचएफ सेट उपलब्ध हैं ।
वैकल्पिक विद्युत व्यवस्था
सभी डिपो के टावर वैगन चालक व टीआरडी स्टाफ अलर्ट पर रहेगा।
अगर पावर ग्रिड की आपूर्ति बाधित होती है, तो ट्रेन सेवाएं डीजल ट्रैक्शन पर चलेंगी।
जंक्शन स्टेशनों, कंट्रोल रूम और प्रमुख कॉलोनियों, पंपों आदि पर बिजली की आपूर्ति विफल होने पर डीजी सेट के माध्यम से बिजली की आपूर्ति की जाएगी।
मटेरियल, मशीनरी और मैन पावर रिजर्व
जमीन के साथ-साथ पहियों पर सभी महत्वपूर्ण सामग्रियों जैसे मलबे, गिट्टी, खदान की धूल और खदान की धूल का स्टेशनवार विवरण तैयार किया गया है।
वैगनों में सामग्री की लोडिंग की व्यवस्था की गई है और रात में लोडिंग जारी रहेगी
पोकलेन, जेसीबी मशीन आदि किराए पर ली गई हैं और गोताखोरों के ठहरने की व्यवस्था की गई है।
भारी अर्थ मूविंग मशीनरी, ट्रक, रस्सी, चेन आरी, पानी निकालने वाले पंप, पिकअप वैन आदि रखने वाली एजेंसियों के विवरण का आकलन किया गया है और उन्हें अलर्ट पर रखा गया है।
विभागीय और संविदात्मक दोनों प्रकार से जनशक्ति जुटाई गई है ।
बेहतर समन्वय के लिए द्वारिका, जामनगर और सुरेंद्रनगर स्टेशनों पर विभिन्न शाखाओं के पर्यवेक्षकों वाली 3 टीमों का गठन किया गया है।
ट्रैक और पुलों की लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है।
सीओपी और एफओबी की निगरानी करना :पूर्व सर्वेक्षण और सीटों की आवश्यक सुरक्षा की जा चुकी है। सभी स्टेशन प्लेटफार्म शेल्टर को उचित रूप से सुरक्षित किया गया है ।
पुलों (60 किमी प्रति घंटे की अधिकतम हवा की गति) पर आवागमन के लिए यातायात प्रतिबंध लगाने के लिए हवा के वेग को प्रति घंटे के आधार पर मापा और निगरानी की जा रही है। मानसून सावधानियों को भी पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
सुरक्षा के लिए विशेष निर्देश, जिसमें एलसी बूम बंद करना और पोर्टा केबिन से काम करने वाले एलसी से कर्मचारियों की वापसी शामिल है।
ओएचई और पारेषण लाइनों की निगरानी और निरीक्षण, बिजली अधिकारियों के साथ संपर्क, और अतिरिक्त बिजली उपकरणों का प्रावधान।

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