प्रमोद मिश्रा, 04 जुलाई 2023
आंजनेय विश्वविद्यालय में सोमवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विधिवत पूजा-अर्चना कर मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अभिषेक अग्रवाल मौजूद रहे उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि शास्त्रों में गुरु के अर्थ को अंधकार दूर करके ज्ञान का प्रकाश देने वाला कहा गया है। गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु: देवो महेश्वरा: गुरु साक्षात परम ब्रह्मा, तस्मै श्री गुरुवे नम:। गुरु के बिना ज्ञान मिल ही नहीं सकता गुरु हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले होते हैं। गुरु की कृपा से ईश्वर का साक्षात्कार संभव हो पाता है और गुरु की कृपा के अभाव में कुछ भी संभव नहीं हो पाता।
विश्वविद्यालय के महानिदेशक डॉ. बीसी. जैन ने कहा कि गुरु का दर्जा हमारे जीवन में भगवान के समान होता है। जो हमें उचित मार्ग दिखाने का कार्य करते है और हमारे जीवन को सफल करने में माता-पिता की तरह भूमिका निभाते है।
कार्यक्रम में कुलपति डॉ. टी रामाराव ने संबोधित करते हुए कहा कि हम सब शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हुए है, गुरु अपनेे विद्यार्थियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्हें नई सोच और दृष्टिकोण प्रदान करने का कार्य एक गुरु ही करता है। इस कर्तव्य को हमे ईमानदारी से निभाना चाहिए हैं। गुरु को हमारे समाज महत्वपूर्ण संस्था का दर्जा देती है। वे शिष्य के जीवन में प्रभावी प्रेरणा स्रोत हैं और उन्हें ज्ञान और संस्कार देता हैं। गुरु के दिए संस्कार शिष्य को आगे बढ़ने में मददगार साबित होते हैं।
कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. रुपाली चौधरी, प्राचार्य डॉ. निधी शुक्ला एवं विश्वविद्यालय के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकगण और विद्यार्थी उपस्थित रहे।