बालोद: छत्तीसगढ़ सरकार की पहल, हरेली पर सी-मार्ट से गेड़ी खरीद सकेंगे लोग

छत्तीसगढ़

प्रमोद मिश्रा, 10 जुलाई 2023

छत्तीसगढ़ी संस्कृति का पहला त्योहार हरेली आने वाला है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में जिस तरह से छत्तीसगढ़ी त्योहारों को तवज्जो दी गई उसका अब परिणाम यह दिखने लगा है कि बालोद शहर के हाईटेक सी-मार्ट में पारंपरिक गेड़ी बिकने लगी है। कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप बालोद जिले के सी-मार्ट में इस बार हरेली तिहार हेतु आम-नागरिकों के लिए गेड़ी विक्रय के लिए उपलब्ध कराया गया है।

बता दें कि हरेली त्योहार के साथ गेड़ी चढ़ने की परंपरा अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है। त्योहार के दिन ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग सभी परिवारों द्वारा गेड़ी का निर्माण किया जाता है, परिवार के बच्चे और युवा गेड़ी का जमकर आनंद लेते हैं। गेड़ी चढ़कर ग्रामीण-जन और कृषक-समाज वर्षा ऋतु का स्वागत करता है। वर्षा ऋतु के दौरान गांवों में सभी तरफ कीचड़ होता है, लेकिन गेड़ी चढ़कर कहीं भी आसानी से आया-जाया जा सकता है।

 

 

बांस से बनाई जाती है गेड़ियां
गेड़ियां बांस से बनाई जाती हैं। दो बांस में बराबरी दूरी पर कील लगाई जाती है। एक और बांस के टुकड़ों को बीच से फाड़कर उसे दो भागों में बांटा जाता है, उसे रस्सी से फिर से जोड़कर दो पउवा बनाया जाता है। यह पउवा असल में पैरदान होता है, जिसे लंबाई में पहले काटे गए दो बांसों में लगाई गई कीलों के ऊपर बांध दिया जाता है। गेड़ी पर चलते समय रच-रच की ध्वनि निकलती है, जो वातावरण को और आनंददायक बना देती है।

जानिए गेड़ी का एक पक्ष
बालोद कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने बताया कि हरेली के पर्व में गेड़ी का अपना अलग महत्व है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप जिले में हरेली पर्व की तैयारियां जोरों पर हैं उन्होंने आगे बताया कि गेड़ी के पीछे एक महत्वपूर्ण पक्ष है जिसका प्रचलन वर्षा ऋतु में होता है। वर्षा के कारण गांव के अनेक जगह कीचड़ भर जाता है, इस समय गेड़ी पर बच्चे चढ़कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर आते जाते हैं उसमें कीचड़ लग जाने का भय नहीं होता। बच्चे गेड़ी के सहारे कहीं से भी आ जा सकते हैं।

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