प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 13 जुलाई 2023
छत्तीसगढ़ में चुनाव में में महज अब 3 से 4 महीने का वक्त बचा है, ऐसे में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी चुनाव से पहले बड़ा फैसला ले रही है । पहले प्रदेश अध्यक्ष पद से मोहन मरकाम को हटाकर दीपक बैज को जिम्मेदारी दी गई । लेकिन, अब खबर है कि कल मोहन मरकाम मंत्री पद की शपथ लेंगे । कल राजभवन में सुबह 11:30 बजे से शपथ ग्रहण का कार्यक्रम रखा गया है । ऐसे में माना जा रहा है कि मोहन मरकाम को स्कूल शिक्षा का विभाग तो मिलेगा ही साथ ही स्वास्थ्य गत कारणों से रविंद्र चौबे के एक विभाग की जिम्मेदारी भी मोहन मरकाम को दी जा सकती है । मीडिया24 न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे की स्वास्थ्य उतनी अच्छी नहीं है साथ ही उनके पास बहुत सारे विभाग हैं, ऐसे में हो सकता है की पंचायत मंत्री की जिम्मेदारी मोहन मरकाम को दे दी जाए ।
और किनके मंत्री पद जाने के है चांस?
मीडिया24 को मिली जानकारी के मुताबिक मंत्री रूद्र गुरु और मंत्री अनिला भेड़िया से भी पार्टी कभी भी इस्तीफा ले सकती है । वैसे मंत्री रूद्र गुरु की अपनी समाज में पकड़ के कारण पार्टी उनसे इस्तीफे लेने पर विचार कर रही है लेकिन अनिला भेड़िया का मंत्री पद जाना सुनिश्चित है । ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि आज देर शाम या रात में इन मंत्रियों का इस्तीफा भी पार्टी ले सकती है ।
मोहन मरकाम को कमतर नहीं आंक रही पार्टी
दरअसल, जब से कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में बनी है, तब से ही मोहन मरकाम बतौर पार्टी अध्यक्ष जिम्मेदारी निभाते रहे हैं, ऐसे में पार्टी संगठन में उनकी पकड़ काफी मजबूत है । ऐसे में पार्टी नहीं चाहती कि किसी भी तरीके से मोहन मरकाम को असंतुष्ट किया जाए । अब ऐसे में मोहन मरकाम को कैबिनेट मंत्री बनाकर पार्टी उनको बड़ा तोहफा देगी ।
किसकी किस्मत खुल सकती है?
पार्टी अगर अनिला भेड़िया से उनकी मंत्री पद की कुर्सी छीनती है, तो देवती कर्मा की किस्मत खुल सकती है और उनको मंत्री पद की कमान दी जा सकती है, लेकिन इसमें सबसे रोड़ा यही है कि बस्तर से कितने मंत्री इस कैबिनेट में आएंगे, क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष भी बस्तर के और मंत्री कवासी लखमा भी बस्तर के साथ ही अब जब मोहन मरकाम का मंत्री बनना तय है, तो देवती कर्मा को पार्टी मंत्री पद देने में विचार जरूर करेगी, क्योंकि जातिगत समीकरण और पूर्व में विधायक रहने का लाभ तो उनके पास है लेकिन बस्तर क्षेत्र से ज्यादा इतने बड़े चेहरे होना उनके पक्ष में नहीं है । ऐसे में अनिला भेड़िया की जगह दूसरे को मौका देने की बात की जाए, तो अनिता योगेंद्र शर्मा की किस्मत भी खुल सकती है, लेकिन उनके में जाति व्यवस्था बड़ा रोड़ा बन सकती है । बाकी जितने भी कांग्रेस की महिला विधायक है, सभी पहली बार विधानसभा में जीत कर आईं हैं । ऐसे में किसकी किस्मत का ताला खुलता है, देखने वाली बात होगी ।
रुद्र गुरु को हटाने का रिस्क लेगी क्या पार्टी?
प्रदेश के पीएचई मंत्री रूद्र गुरु को लेकर भी अटकलें तेज है कि उनकी भी मंत्री पद की कुर्सी जा सकती है । ऐसे में अगर उनको मंत्री पद से निकाला जाए, तो कोई एससी समाज के ही चेहरे को पार्टी मंत्री पद की कुर्सी दे सकती है । समीकरण यह भी है कि पार्टी उत्तरी गणपत जांगड़े को महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री पद दे दे और किसी आदिवासी समाज के विधायक को PHE मंत्री बना दिया जाए । लेकिन, दूसरा समीकरण यह भी कहता है कि चुनाव में जब महज तीन महीने का वक्त बचा है, ऐसे में पार्टी गुरु रूद्र को हटाकर सतनामी समाज के लिए गलत संदेश नहीं देना चाहती । खैर पार्टी का निर्णय क्या होता है । देखना महत्वपूर्ण होगा ।