प्रमोद मिश्रा, रायपुर, 21 जुलाई 2023
छत्तीसगढ़ में मेडिकल सीटों पर प्रवेश के लिए कामन काउंसलिंग की प्रक्रिया नहीं होगी। मेडिकल सीटों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया चिकित्सा शिक्षा विभाग (डीएमई) द्वारा की जाएगी। 25 जुलाई से पंजीयन की प्रक्रिया शुरू होगी। जो तीन अगस्त तक चलेगी। इसे लेकर डीएमई एक-दो दिनों में शेड्यूल जारी कर देगा।
चिकित्सा शिक्षा विभाग की तरफ से शेड्यूल जल्द होंगे जारी
बता दें राष्ट्रीय व राज्य कोटे की सीटों पर होने वाली अलग-अलग काउंसलिंग की व्यवस्था में इस वर्ष बदलाव की कवायद थी। इसके लिए जून में एनएमसी ने छत्तीसगढ़ समेत सभी राज्यों के चिकित्सा शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर कामन काउंसलिंग को लेकर समहति मांगी थी।
इसमें राज्य चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कामन काउंसलिंग व्यवस्था को लेकर एनएमसी को पत्र लिखकर अपनी सहमति दे दी। लेकिन व्यवस्था लागू नहीं होने की वजह से प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर सीटों के लिए काउंसलिंग अलग-अलग की जा रही है। राज्य कोटे की सीटों में प्रवेश के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रक्रिया पूरी कर ली है।
राज्य कोटे की 82 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश
राज्य के 13 मेडिकल कालेजों व छह डेंटल कालेजों की सीटों के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया होगी। डीएमई कार्यालय राज्य कोटे की 82 फीसदी सीटों के लिए काउंसलिंग करेगी। 25 जुलाई से नीट क्वालिफाइड छात्र आनलाइन पंजीयन कर सकेंगे। पंजीयन के बाद मेरिट सूची जारी की जाएगी।
मेरिट के बाद छात्रों को च्वाइस फिलिंग के लिए समय दिया जाएगा। इसके बाद आवंटन सूची जारी होगी। डीएमई कार्यालय के अधिकारियों के अनुसार आवंटन सूची में चयनित छात्रों को तय समय में संबंधित मेडिकल कालेजों में प्रवेश लेना होगा। आल इंडिया कोटे की सीटों में प्रवेश के लिए 20 जुलाई से रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुकी है।
मेडिकल प्रवेश काउंसलिंग कमेटी के अध्यक्ष डा. अरविंद नेरल ने कहा, कामन काउंसलिंग नहीं होगी। राज्य कोटे की मेडिकल सीटों पर प्रवेश चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा किया जा रहा है। 25 जुलाई से आनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हो रही है।
प्रदेश के शासकीय कालेजों में एमबीबीएस की सीटें
कालेज – सीटें
रायपुर – 230
बिलासपुर – 230
रायगढ़ – 100
अंबिकापुर- 125
कांकेर – 125
महासमुंद – 125
राजनांदगांव – 125
जगदलपुर – 125
दुर्ग – 200
कोरबा – 125
निजी मेडिकल कालेजों की सीटें
रिम्स – 150
श्री शंकराचार्य – 150
श्री बालाजी – 150