छग टीचर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री द्वारा शासकीय शिक्षकों व कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में वृद्धि कर केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर 42 प्रतिशत करने व गृह भाड़ा भत्ता को सातवें वेतनमान के अनुरूप प्रदान करने के निर्णय का स्वागत किया है। साथ ही स्पष्ट किया है कि शिक्षक एलबी संवर्ग के एक सूत्रीय मांग पर कोई निर्णय नहीं लिए जाने से छग शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले 31 जुलाई से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।
शिक्षक संघर्ष मोर्चा में शामिल टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष रमेश कुमार चंद्रवंशी ने कहा कि वर्तमान विधानसभा के अंतिम सत्र की बैठक में एक सूत्रीय मांग पूर्व सेवा अवधि की गणना कर प्रथम नियुक्ति तिथि से सही वेतन का निर्धारण कर सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करने, क्रमोन्नत वेतनमान, पुरानी पेंशन का निर्धारण एवं कुल बीस वर्ष की सेवा में पूर्ण पेंशन दिए जाने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिला समेत प्रदेशभर में कार्यरत एक लाख अस्सी हजार शिक्षक आगामी 31 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रारंभ करेंगे, जो मांग पूर्ण होने तक जारी रहेगा।
कर्मचारियों को लाखों रुपये का नुकसान
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि कोरोना काल का बहाना बनाकर प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को दिए जाए वाला मंहगाई भत्ता को केंद्र द्वारा देय तिथि से देने की बजाय घोषणा तिथि से देने की गलत परंपरा का शुरुवात की गई, जो कोरोना काल की समाप्ति के बाद भी आज तक जारी है।
विधानसभा में 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता की वृद्धि के समय भी देय तिथि से दिए जाने का कहीं कोई उल्लेख नहीं किया गया है। देय तिथि से मंहगाई भत्ता की गणना नहीं किए जाने से सभी शासकीय कर्मचारियों को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने संघर्ष मोर्चा के बैनर में आगामी 31 जुलाई से प्रारंभ होने वाले अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए जिले के समस्त शिक्षक एलबी संवर्ग अर्थात सहायक शिक्षक, शिक्षक, प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक प्रधान पाठक और व्याख्याताओं को निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार रहने का आवहन किया है। आगामी 31 जुलाई से जिले के सभी शिक्षकों के हड़ताल पर जाने की सूचना जिला प्रशासन को 12 जुलाई को दी जा चुकी है।