14 May 2025, Wed 12:57:56 AM
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विधानसभा चुनाव : सप्ताह के चार दिन अपने गृहक्षेत्र में रहेंगे डिप्टी सीएम, बढ़ाएंगे जनसंपर्क

प्रदेश के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव शनिवार को अंबिकापुर पहुंचे। उन्होंने इस दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि अब वे सप्ताह में चार दिन अपने गृहक्षेत्र अंबिकापुर व सरगुजा जिले में रहेंगे। उन्होंने तय किया है कि वे प्रत्येक सप्ताह में मंगलवार, बुधवार व गुरूवार को रायपुर या प्रदेश के अन्य स्थानों पर या दिल्ली के प्रवास पर रहेंगे। शेष चार दिन अर्थात् शुक्रवार, शनिवार, रविवार व सोमवार को अंबिकापुर व सरगुजा जिले में रहेंगे। इस दौरान वे लोगों से जनसंपर्क करेंगे और क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हांगे।

एंटी इनकंबेंसी का डर
टीएस सिंहदेव अंबिकापुर विधानसभा से वर्ष 2018 में लगातार तीसरी बार विधायक बनें हैं। वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद सामान्य हुई अंबिकापुर सीट से टीएस सिंहदेव पहली बार चुनाव मैदान में उतरे। उन्होंने बमुश्किल 948 मतों से भाजपा प्रत्याशी अनुराग सिंहदेव से जीत हासिल की। इसके बाद टीएस सिंहदेव ने न सिर्फ क्षेत्र में अपनी जीवंत सक्रियता बढ़ाई, बल्कि वे जन सामान्य के लिए सुलभ हो गए। वर्ष 2013 में अपने दूसरे चुनाव में सिंहदेव ने भाजपा के अनुराग सिंहदेव को 19558 मतों से हराया। बतौर विधानसभा नेता प्रतिपक्ष के कार्य करने के बाद भी क्षेत्र में उनका जनसंपर्क लगातार होता रहा।

तीसरी बार 2018 में वे चुनाव मैदान में उतरे तो वे मुख्यमंत्री के सबसे प्रबल दावेदार माने गए और तीसरे चुनाव में उन्होंने भाजपा के अनुराग सिंहदेव को 3,9624 मतों से हराया। टीएस सिंहदेव तीसरे कार्यकाल में पंचायत व ग्रामीण विकास व स्वास्थ्य मंत्री बने। इसके बाद क्षेत्र में उनका जनसंपर्क पहले की तुलना में बहुत कम हो गया। वे पहले की तरह जनसुलभ भी नहीं रहे। कार्यकाल के ढाई साल बाद दिल्ली व रायपुर की राजनीति में उलझे रहने के कारण उनका अंबिकापुर प्रवास व जनसंपर्क कार्यक्रम पहले से भी कम हो गया। जाहिर है कि इससे टीएस सिंहदेव लोगों के लिए पहले की तरह सुलभ भी नहीं रहे। इसे लेकर क्षेत्र के लोगों में सिंहदेव को लेकर पहले जैसी धारणा नहीं रही। चुनाव में सौ दिन भी नहीं बचे हैं, ऐसे में सिंहदेव में एंटी इन्कंबेंसी का डर होना लाजिमी है तो उन्होंने तय किया है कि वे सप्ताह में चार दिन अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र व जिले में रहेंगे।

कार्यकर्ताओं में निराशा होगी बड़ी चुनौती
हाल में डिप्टी सीएम बने टीएस सिंहदेव अब चुनावी मोड में नजर आएंगे। अपनी ही सरकार में साढ़े चार साल तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उनकी तनातनी किसी से छिपी नहीं रही। साढ़े चार साल तक अपनी ही सरकार में कार्यकर्ता न सिर्फ उपेक्षा का शिकार रहे, बल्कि उन्हें प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी। डिप्टी सीएम बनाए जाने के बाद जनता में यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि भूपेश व टीएस की जोड़ी पहले की तरह जय-वीरू की जोड़ी है जो चुनाव मैदान में साथ उतरेगी।

 

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यह प्रमोशन डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को खुश कर सकता है, लेकिन उनके कार्यकर्ता में अब वो जोश नहीं है, जो पहले दिखा करता था। साढ़े चार साल तक कार्यकर्ताओं की भी नहीं सुनी गई, जो जनता से सीधे संपर्क में रहते हैं। अब जनता की बारी है तो कार्यकर्ताओं की निराशा बड़ी चुनौती बनी हुई है। कांग्रेस के लिए अंबिकापुर में भाजपा से बढ़त के लिए संतोषजनक तथ्य यह है कि अब तक यहां से भाजपा कोई जिताउ या बड़ा नाम सामने नहीं ला पाई है जो डिप्टी सीएम के मुकाबले में उन्हें कड़ी टक्कर दे सके।

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