दक्षिण अफ्रीका से ग्रीस जाएंगे प्रधानमंत्री मोदी: भारतीय प्रधानमंत्री की 40 साल में यह पहली ग्रीस यात्रा, इस दौरे से दोनों देशों को क्या उम्मीदें?

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प्रमोद मिश्रा, 25 अगस्त 2023

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अगस्त को ग्रीस का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री अभी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने दक्षिण अफ्रीका में हैं। यहां पीएम मोदी ग्रीस के एक दिन के दौरे पर जाएंगे। पीएम ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस के निमंत्रण पर दक्षिणपूर्व यूरोपीय देश की आधिकारिक यात्रा करेंगे। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 40 साल में यह पहली ग्रीस यात्रा होगी।

पीएम मोदी के ग्रीस दौरे का कार्यक्रम क्या है? दौरे से क्या उम्मीदें हैं? पीएम की यात्रा की अहमियत क्या है? भारत के ग्रीस के साथ रिश्ते कैसे हैं? आइये समझते हैं…

 

 

पीएम मोदी के ग्रीस दौरे का कार्यक्रम क्या है?
पीएम मोदी की ग्रीस यात्रा उनके समकक्ष किरियाकोस मित्सोताकिस के निमंत्रण पर हो रही है। इस दौरान पीएम मोदी मित्सोताकिस के साथ बातचीत कर रिश्ते को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। बयान में कहा गया है कि वह दोनों देशों के व्यापारिक नेताओं के साथ-साथ भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी की ग्रीस यात्रा की योजना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 40 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी। इससे पहले भारत से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सितंबर 1983 में ग्रीस का दौरा किया था। इंदिरा के दौरे के बाद ग्रीक प्रधानमंत्री एंड्रियास पापंड्रेउ ने तीन बार भारत का दौरा किया। पहला दौरा नवंबर 1984 में इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार के लिए, दूसरी यात्रा जनवरी 1985 में परमाणु निरस्त्रीकरण पर एक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए और तीसरी बार जनवरी 1986 में गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में द्विपक्षीय राजकीय यात्रा पर आए थे।

दौरे से क्या उम्मीदें हैं?
ग्रीक प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के बाद कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है। दोनों नेता व्यापार और निवेश, शिपिंग, आव्रजन, संस्कृति और रक्षा सहयोग सहित विभिन्न मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

नई दिल्ली स्थित ग्रीस दूतावास में प्रभारी अधिकारी एलेक्जेंड्रोस बौडोरिस ने कहा, ‘हम वास्तव में यूरोप के लिए भारत के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करना चाहते हैं और इसके लिए तैयार हैं।’ उन्होंने एक व्यापक निजीकरण योजना की भी जानकारी दी जिसमें भारतीय निवेशकों के लिए गेटवे शुरू करने के लिए बंदरगाह और हवाई अड्डे और लॉजिस्टिक्स हब शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी की ग्रीस की यात्रा के एजेंडे में यहां पीरियस बंदरगाह के उपयोग का पता लगाना भी है।

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पीएम मोदी के ग्रीस दौरे की अहमियत क्या है?
दोनों देशों के रिश्ते हमेशा ही मधुर रहे हैं। पीएम की यात्रा उस समय हो रही है जब ग्रीस के पड़ोसी तुर्किये के साथ भारत के रिश्तों में कड़वाहट आई है। ग्रीस भी आतंकवाद का शिकार रहा है और उसे विदेशों से अपनी सीमाओं में आतंकवादियों की घुसपैठ का डर रहता है। ग्रीस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में विस्तार का समर्थन करते हुए इसमें स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी को पूर्ण समर्थन दिया है।

ग्रीस ने 2008 और 2016 में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह, एमटीसीआर, वासेनार व्यवस्था, ऑस्ट्रेलिया समूह में भारत का समर्थन किया। ग्रीस ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ), समुद्रीय कानून के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण (ITLOS), अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय निकायों के लिए भी भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया

इतिहास से ऐसे जुड़ते हैं दोनों देश
भारत और ग्रीस के बीच सम्पर्क ऐतिहासिक भी है। विदेश मंत्रालय का एक दस्तावेज बताता है कि ग्रीस के साथ भारत का संपर्क 2500 साल पहले शुरू हुआ था। मौर्य राजाओं और ग्रीस के बीच व्यापार का प्रमाण सिक्कों और लेखों से मिलता है। 326 ईसा पूर्व में सिकंदर द ग्रेट ने भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी हिस्से पर हाइफैसिस (ब्यास नदी) तक आक्रमण किया। झेलम और चिनाब के बीच पौरवा के राजा पुरु और तक्षशिला पर शासन करने वाले आम्भी के साथ युद्ध किया। सिकंदर भारत में प्रवेश नहीं कर सका और दक्षिण की ओर मुड़कर बेबीलोन वापस चला गया। सिकंदर के समकालीन मौर्य राजवंश, चंद्रगुप्त और बाद में उनके पोते अशोक के अधीन पश्चिम में पंजाब और अफगानिस्तान तक फैलने वाला सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य बन गया। चाणक्य ने अपने अर्थशास्त्र में मेगस्थनीज नामक राजा के दरबार में यवन राजदूत के बारे में उल्लेख किया है।

दस्तावेज के अनुसार, गांधार कला को भारतीय और यूनानी प्रभावों का मिश्रण माना जाता है। ग्रीस ने 2021 में ग्रीक स्वतंत्रता संग्राम (1821-2021) की द्विशताब्दी मनाई जो ओटोमन शासन के खिलाफ ग्रीक क्रांति थी। इसी क्रांति के कारण अंततः आधुनिक ग्रीक राष्ट्र की स्थापना हुई थी।

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आजादी के बाद ऐसे विकसित हुए रिश्ते
मई 1950 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए। ग्रीस ने 1950 में दिल्ली में और भारत ने 1978 में एथेंस में अपना दूतावास खोला। पिछले सात दशकों में यह संबंध सुचारू रूप से आगे बढ़ा है। ग्रीस ने परमाणु निरस्त्रीकरण पर 1985 के छह-राष्ट्र दिल्ली घोषणा में भाग लिया।
मई 1998 में भारत के परमाणु परीक्षणों के बाद, जब अधिकांश पश्चिमी देश भारत के खिलाफ प्रतिबंधों पर विचार कर रहे थे, ग्रीक रक्षा मंत्री ने दिसंबर 1998 में भारत का दौरा किया। वे परीक्षणों के बाद भारत का दौरा करने वाले नाटो देश के पहले रक्षा मंत्री थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने 27 सितंबर 2019 को यूएनजीए कार्यक्रम के मौके पर अपने ग्रीक समकक्ष क्यारीकोस मित्सोताकिस से मुलाकात की थी। तब दोनों प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के बीच उत्कृष्ट संबंधों की पुष्टि की और कहा कि वे सबसे पुराने और सबसे अधिक आबादी वाले लोकतंत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
व्यापारिक संबंधों को मिल रही मजबूती
पिछले कुछ वर्षों में भारत-ग्रीस के आर्थिक रिश्ते और मजबूत हुए हैं। भारत से ग्रीस को कई वस्तुएं निर्यात की जाती हैं जिनमें खनिज, जैविक रसायन, प्लास्टिक, फल, सूखे मेवे, सब्जी मसाले, कॉफी, चाय, विद्युत मशीनरी और उपकरण और हिस्से आदि शामिल हैं।

2020-21 के दौरान दोनों देशों के बीच 615.72 मिलियन डॉलर का व्यापार हुआ। इसके पहले, 2019-20 में यह 569.24 मिलियन डॉलर, 2018-19 में 647.39 मिलियन डॉलर, 2017-18 में 529.98 मिलियन डॉलर, 2016-17 में 507.72 मिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था।

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