प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 09 सितम्बर 2023
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय वेबीनार में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का दिन अक्षरों के अलख जगाने का दिन है। अक्षर ज्ञान की महत्ता बताने का दिन है। अक्षर ज्ञान के प्रकाश से अपने और समाज के जीवन में सुख और समृद्धि फैलाने का संकल्प लेने का दिन है। वास्तव में अक्षर ज्ञान वह पहला द्वार है जहां से ज्ञान के अनंत रास्ते खुलते है। राज्य स्तरीय वेबीनार का आयोजन राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण एवं राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में किया गया। वेबीनार में 15 हजार से अधिक व्यक्ति शामिल हुए।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि साक्षरता से शिक्षा और शिक्षा से विकास का सीधा संबंध है आज का दिन देश में साक्षरता के वर्तमान सोपान पर गर्व करने का दिन है। लगभग एक चौथाई आबादी को साक्षर बनाने के बारे में चिंतन और प्रण करने का दिन है। इसके लिए व्यक्तिगत रूचि और सामूहिक प्रयासों की बड़ी आवश्यकता है। व्यापक जनभागीदारी से यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम चलाया जाएगा यह अभियान 5 वर्ष तक चलेगा। इस कार्यक्रम में अशिक्षित व्यक्तियों को बुनियादी साक्षरता एवं अंक ज्ञान प्रदान करने के साथ उन्हें जीवन में आने वाले कुशलता के बारे में भी प्रशिक्षित किया जाए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नवाचारी कार्यक्रमों की देश में लगातार सराहना की जा रही है। हमें प्रदेश के एक चौथाई असाक्षरों को साक्षर किए जाने की दिशा में निरंतर कार्य करना है। उन्होंने प्रदेशवासियों को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की शुभकामनाएं भी दी।
स्कूल शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि साक्षरता वह शक्ति है जिससे हम बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। शिक्षा हमारे जीवन में बदलाव लाती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रौढ़ शिक्षा और जीवन पर्यन्त शिक्षा को महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि अब प्रौढ़ शिक्षा के स्थान पर “सबके लिए शिक्षा” का उपयोग किया जायेगा। भारत सरकार द्वारा प्रदेश में नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के क्रियान्वयन की स्वीकृति प्रदान की गई है। मंत्री श्री चौबे ने प्रदेश के सभी नागरिकों, शिक्षा विभाग के लोक शिक्षण, समग्र शिक्षा, एससीईआरटी व राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण सहित सभी निकायों, शिक्षकों से अनुरोध किया है कि वे स्वयंसेवी भावना से स्वयंसेवी शिक्षक बनकर शिक्षा से वंचित व्यक्तियों को शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए अपना अमूल्य योगदान दें।
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन ने कहा कि साक्षरता किसी भी देश के विकास के लिए बहुत जरूरी है। देश के जितने ज्यादा नागरिक साक्षर होंगे, देश उतनी उन्नति कर सकता है। साक्षरता के इसी महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत, सामुदायिक और सामाजिक रूप से पूरे विश्व का ध्यान साक्षरता की ओर केन्द्रित करना है। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2023 की थीम ‘‘परिवर्तन के दौर में साक्षरता को बढ़ावा देना: टिकाऊ और शांतिपूर्ण समाजों की नींव का निर्माण करना’’ (Promoting literacy for a word in transition: Building the foundation for sustainable and peaceful societies) है। जिसे ध्यान में रखकर हमें कार्य करना है। प्रदेश में साक्षरता कार्यक्रम को मिशन मोड में तथा नवाचारी तरीके से कार्य करने का गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने विभाग के सभी निकायों से समन्वय के साथ अपने आसपास के अशिक्षित को साक्षर बनाने के लिए प्रतिदिन एक से दो घण्टे का समय देकर सक्रिय योगदान करने कहा।
स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष सचिव, एससीईआरटी एवं राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक श्री राजेश सिंह राणा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का निर्णय यूनेस्को द्वारा लिया गया। उन्होंने कहा कि सभी के लिए शिक्षा पर केन्द्रित योजना उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2022-27 के दौरान क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। नव भारत साक्षरता कार्यक्रम अंतर्गत प्रदेश में प्रथम वर्ष पाँच लाख असाक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य प्रदान किया गया है। उन्होंने जिला साक्षरता मिशन के साथ ही मैदानी अमले एवं स्वयंसेवकों के सहयोग से लक्ष्य हासिल करने की अपील की।
वेबीनार में एनसीईआरटी नई दिल्ली की राष्ट्रीय साक्षरता केन्द्र प्रकोष्ठ प्रभारी प्रोफेसर उषा शर्मा विशेष रूप से उपस्थित थी। उन्होंने कहा कि 15 वर्ष आयु समूह के लोगों के लिए सरकार ने एक मुहिम छेड़ी है। उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मंशानुरूप बुनियादी साक्षरता और अंक ज्ञान जीवन कौशल जैसे-डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, चुनावी साक्षरता, विधिक साक्षरता, बुनियादी शिक्षा, सतत् शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता को शामिल किया गया है। उन्होंने इन विषयों पर विस्तार से जानकारी दी।
वेबीनार में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक प्रशांत कुमार पांडेय, सहायक संचालक दिनेश कुमार टांक, एससीईआरटी की एससीएल प्रकोष्ठ प्रभारी प्रीति सिंह, एवं जिलों के डीईओ, डीपीओ, डीएमसी, शिक्षकगण, स्वयंसेवी शिक्षक एवं शिक्षार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रशांत कुमार पांडेय ने व आभार प्रदर्शन प्रीति सिंह ने किया।