बस्तर: मेकाज में तैनात सुरक्षाकर्मियों की ग्रेच्युटी खा गई कंपनी, गार्डों ने बस्तर कलेक्टर से लगाई न्याय की गुहार

छत्तीसगढ़

प्रमोद मिश्रा, 11 सितम्बर 2023

मेकाज में सुरक्षा का काम करने वाली पुरानी कंपनी सीडीओ ने सुरक्षाकर्मियों से कई वर्षो तक काम तो करवाया, लेकिन ग्रेज्यूटी के पैसे नहीं जमा करवाये। जिसके चलते टेंडर के बदलते ही अब पुरानी कंपनी से सुरक्षाकर्मी अपने पैसों को दिलवाने के लिए बस्तर कलेक्टर से गुहार लगा रहे हैं। साथ ही कंपनी के लाइसेंस को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।

सुरक्षा गार्डों की ओर से बस्तर कलेक्टर को दी गई शिकायत में कहा गया है कि मैसर्स सीडीओ सिक्योरिटी एवं पब्लिक हेल्पलाइन सर्विसेस भिलाई जिला दुर्ग की कंपनी में पिछले कई वर्षों से संस्था की अनुबंधित इकाइयों में सुरक्षा पर्यवेक्षक सुरक्षाकर्मी के रूप में लगातार अपनी-अपनी सेवाएं देते आए हैं। उपरोक्त संस्था का काम बस्तर में जून 2023 बंद हो गया और कंपनी में काम करने वाले सभी सुरक्षा गार्डों को 31 मई 2023 को संस्था से कार्य मुक्त कर दिया गया था। सभी ने कंपनी के लिए पांच साल से ज्यादा काम किया है, ऐसे में उन्हें ग्रेज्यूटी मिलनी चाहिए। लेकिन कंपनी देने से इंकार कर रही है।


सुरक्षा गार्डों ने कलेक्टर को सौंपे गये शिकायती पत्र में ग्रेज्यूटी का हिसाब भी दिया है। जो हिसाब कलेक्टर को सौंपा गया है, उसमे बताया गया है कि करीब 147 सुरक्षा गार्डों की ग्रेज्यूटी के 62 लाख रुपये से ज्यादा का भुगतान कंपनी ने पेंडिंग कर दिया है। सुरक्षा गार्डों ने कलेक्टर से मांग की है कि छत्तीसगढ़ निजी सुरक्षा एजेंसी अधिनियम 2005 (2012) के तहत छत्तीसगढ़ शासन गृह (सी- अनुभाग) विभाग, मंत्रालय, महानदी भवन अटल नगर नया रायपुर छत्तीसगढ़ के द्वारा प्रदेश के समस्त जिलो में सुरक्षा सेवा प्रदान करने के लिए अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) प्रदान की जाती है, ऐसे में उपरोक्त कंपनी का लाइसेंस निरस्त करवाने की प्रक्रिया करवाई जाये।

इसके अलावा उक्त संस्था ने स्व. बलीराम कश्यप स्मृति मेडिकल कॉलेज डिमरापाल जगदलपुर में कार्य किया है, जहां पर संस्था के द्वारा सुरक्षा निधी एवं अन्य लंबित राशि है को संस्थान प्रबंधन को निर्देशित कर रूकवाया जाए। साथ ही संस्थान प्रबंधन को संस्था के ऊपर कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किये जाने का निवेदन किया है।

ये है ग्रेच्युटी का नियम
उपदान (ग्रेच्युटी) भुगतान अधिनियम 1972 के प्रवधानों के अनुसार यदि कोई कर्मचारी किसी एक संस्था में 4 साल 6 महिना या उससे अधिक लगातार काम करता है तो वह उपदान भुगतान का हकदार होता है।

 

 

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