प्रमोद मिश्रा, 14 सितम्बर 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायगढ़ के कोड़ातराई में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विकास की दिशा में एक और बड़ा कदम उठा रहा है। आज छत्तीसगढ़ को 6400 करोड़ से भी अधिक रेल परियोजनाओं का उपहार मिल रहा है। छत्तीसगढ़ का सामर्थ्य ऊर्जा उत्पादन में बढ़ाने के लिए और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए आज अनेक नई योजनाओं का शुभारंभ हुआ है। आज यहां सिकलसेल काउंसिलिंग कार्ड भी बांटे गए।
पीएम मोदी ने कहा, आधुनिक विकास की तेज रफ्तार के साथ ही गरीब कल्याण की भी तेज रफ्तार का भारतीय मॉडल, आज पूरी दुनिया देख रही है। उसकी सराहना हो रही है। आप सभी ने देखा है कुछ दिन पहले जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान बड़े-बड़े देशों के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिल्ली आए थे। सभी भारत के विकास और गरीब कल्याण के प्रयासों से प्रभावित हुए हैं। आज दुनिया की बड़ी-बड़ी संस्थाएं भारत की सफलता से सीखने की बात कर रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि आज विकास में देश के हर राज्य को हर इलाके को बराबर की प्राथमिकता मिल रही है। जैसा कि उपमुख्यमंत्री सिंहदेव ने कहा कि हमें मिलकर देश को आगे बढ़ाना है। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ का यह इलाका भी इसका गवाह है।
पीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ हमारे लिए देश के विकास में पावर हाउस की तरह है। देश को भी आगे बढ़ाने की ऊर्जा तभी मिलेगी जब उसके पावर हाउस अपनी पूरी ताकत से काम करेंगे। इसी सोच के साथ बीते 9 वर्षों में हमने छत्तीसगढ़ के बहुमुखी विकास के लिए निरंतर काम किया है। उस विजन का उन नीतियों का परिणाम आज हमें देखने को मिल रहा है। आज छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की ओर से हर क्षेत्र में बड़ी योजनाएं पूरी की जा रही हैं। नई-नई परियोजनाओं की नींव रखी जा रही है। आप जानते हैं जुलाई में ही विकास परियोजनाओं के लिए मैं रायपुर आया था। उस दौरान विशाखापट्टनम से रायपुर इकोनामिक कॉरिडोर और रायपुर से धनबाद इकोनामिक कॉरिडोर जैसी परियोजनाओं का शिलान्यास किया था।
कई आम नेशनल हाईवे का उपहार भी दिया था और अब आज छत्तीसगढ़ के रेल विकास का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। इस रेल नेटवर्क से बिलासपुर-मुंबई रेल लाइन के झारसुगुड़ा-बिलासपुर क्षेत्र की व्यस्तता कम होगी। इसी तरह अन्य रेल लाइन जो शुरू हो रही हैं। रेल कॉरिडोर बना रहे हैं। वह छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाई देंगे। जमीन पर काम पूरा होगा, तब छत्तीसगढ़ के लोगों को सुविधा होगी, साथ ही यहां रोजगार के नए-नए आयाम पैदा होंगे। केंद्र सरकार के प्रयास से देश के पावर हाउस के रूप में छत्तीसगढ़ की ताकत भी कई गुना बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि अपने देश को विकसित करना है। यह काम तभी होगा, जब विकास में हर देशवासी की बराबर भागीदारी होगी। हमें देश की ऊर्जा जरूरत को भी पूरा करना और अपने पर्यावरण की भी चिंता करनी है। इसी सोच के साथ सूरजपुर जिले में बंद पड़े कोयला खदान को एक टूरिज्म के रूप में विकसित किया गया है। कोरबा क्षेत्र में भी इसी तरह के इको पार्क विकसित करने का काम हो रहा है।
पीएम ने आगे कहा कि आज खदानों से निकले पानी से हजारों लोगों को सिंचाई और पेयजल की सुविधा मिल रही है। इन सभी प्रयासों से सीधा लाभ इस क्षेत्र के जनजाति समाज के लोगों को मिल रहा है। मेरा संकल्प है कि जंगल, जमीन की हिफाजत भी करें और और वन संपदा से खुशहाली के नए रास्ते भी खोलें। आज वन धन विकास योजना का लाभ लाखों आदिवासी युवाओं को मिल रहा है। इस साल दुनिया मिलेट्स साल भी मना रही है। आने वाले साल में हमारे मिलेट्स कितना बड़ा बाजार तैयार कर सकता है। यानी एक और देश की जनजाति परंपरा को नई पहचान मिल रही है तो दूसरी ओर प्रगति के नए रास्ते भी खुल रहे है।
सिकलसेल एनीमिया को कर सकते हैं नियंत्रिता: पीएम
आज यहां सिकलसेल एनीमिया के जो काउंसलिंग कार्ड बांटे गए हैं। वह भी वह भी विशेष कर जनजाति समाज के लिए एक बहुत बड़ा सेवा का काम है। सिकलसेल एनीमिया से सबसे ज्यादा हमारे आदिवासी भाई-बहन ही प्रभावित हैं। हम सब मिलकर सही जानकारी के साथ इस बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं। हमें सबका साथ सबका विकास के संकल्प से आगे बढ़ाना है। छत्तीसगढ़ के विकास यात्रा में भारत सरकार ने जो कदम उठाए हैं। वह सारे काम छत्तीसगढ़ को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। लोगों ने मोबाइल से लाइट जलाकर पीएम मोदी का स्वागत किया। इस दौरान पीएम ने खुली जीप में सवार होकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। मंच से लोगों को पोला तिहार पर्व की बधाई दी और बैल की प्रतिमा को प्रणाम किया।
रेल परियोजनाओं की दी सौगात
इससे पहले पीएम ने 6350 करोड़ की रेल परियोजनाएं देश को समर्पित की। साथ ही छत्तीसगढ़ के 9 जिलों में 50 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक का भी शिलान्यास किया। पेंड्रा रोड से अनूपपुर के बीच तीसरी रेल लाइन 50 किमी लंबी है। इसका निर्माण लगभग 516 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। साथ ही चांपा और जामगा रेलखंड के बीच 98 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन का निर्माण करीब 796 करोड़ की लागत से किया गया है। तलाईपल्ली कोयला खदान को एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन से जोड़ने वाली एमजीआर प्रणाली भी शामिल है। 2070 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित एमजीआर प्रणाली, कोयला खदानों से बिजली स्टेशनों तक कोयला परिवहन में सुधार के लिए बनाई गई है।