प्रमोद मिश्रा, 5 अक्टूबर 2023
सनातन धर्म में सर्वपिृत अमावस्या का विशेष महत्व है। इस तिथि के दिन ही श्राद्ध पक्ष का समापन होता है। इस वर्ष 14 अक्टूबर को सर्वपिृत अमावस्या है। इस दिन सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है। अतः तर्पण को लेकर साधक संशय में हैं। ज्योतिषियों की मानें तो आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर सूर्य ग्रहण लगेगा, लेकिन ग्रहण रात्रि काल में है। इसके लिए तर्पण में कोई व्यवधान नहीं आएगा। साधक पचांग द्वारा निर्धारित समय पर पितरों को तर्पण दे सकते हैं। हालांकि, ग्रहण के दौरान 4 राशियों को सावधान रहना होगा। अनदेखी करने से बड़ा नुकसान हो सकता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
अश्विन माह की अमावस्या तिथि 13 अक्टूबर को रात 09 बजकर 50 मिनट से शुरू होगी और 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 14 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या है। इस दिन किसी समय पितरों को जलांजलि दे सकते हैं।
सूर्य ग्रहण का समय
ज्योतिषियों की मानें तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन भारतीय समयानुसार रात 08 बजकर 34 मिनट से सूर्य ग्रहण शुरू होगा और देर रात 02 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा। भारत में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा। अतः सूतक मान्य नहीं होगा।
4 राशियों को रहना होगा सावधान
वर्तमान समय में सूर्य कन्या राशि में विराजमान हैं। इस दौरान सूर्य देव वृश्चिक राशि के आय भाव, धनु राशि के कारोबार भाव, मकर राशि के भाग्य भाव और सिंह राशि के धन भाव को देख रहे हैं। अतः सिंह, कन्या, वृश्चिक, धनु और मकर राशि के जातकों को सूर्य ग्रहण के दिन सावधान रहना होगा। इस दिन भूलकर भी निवेश न करें और न ही किसी को उधार दें। ग्रहण के समय राहु का प्रभाव बढ़ जाता है। अतः ग्रहण के दिन कोई भी शुभ कार्य न करें।