प्रमोद मिश्रा, 25 अक्टूबर 2023
दुर्ग। भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय
ने सवाल किया कि जातिगत जनगणना का ढोल पीटने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के नेता पहले प्रदेश को यह बताएँ कि आरक्षण के लिए कराई गई जातिगत जनगणना को सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही है? कांग्रेस के नेता प्रदेश को इस बात का जवाब भी दें कि प्रदेश की भूपेश सरकार द्वारा कराई गई जातिगत जनगणना को मापदंड बनाकर सभी वर्गों को टिकट वितरण में कितनी हिस्सेदारी दी गई है? प्रदेश सरकार के पास उपलब्ध क्वांटीफायबल डाटा आखिर प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक क्यों नहीं किया? सरोज पांडेय ने कहा कि क्वांटीफायबल डाटा दबाकर बैठी प्रदेश सरकार ने एक तो आरक्षण के नाम पर प्रदेश के आदिवासी, अजा, पिछड़े वर्गों के साथ अन्याय करने का काम किया ही है, अब कांग्रेस के टिकट वितरण में अपने ही नेता राहुल गांधी को किनारे कर दिया गया है। मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस के नेता जातिगत जनगणना को लेकर सलेक्टिव पॉलिटिक्स कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना का जुमला उछालकर कांग्रेस दरअसल जनता को बरगलाने का काम कर रही है। यही कांग्रेस का राजनीतिक चरित्र है। कर्नाटक में भी सन 2013 में कराई गई जातिगत जनगणना को वहाँ की कांग्रेस सरकार दबाकर बैठी है।
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के हर वर्ग को कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने आरक्षण के नाम पर धोखा दिया है। अजा वर्ग का आरक्षण 16 प्रतिशत से घटकर 13 प्रतिशत करने का इरादा किसका है? भूपेश बघेल सरकार ने जो विधेयक पारित कराया, उसमें अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षण में कटौती कर दी। भूपेश बघेल सरकार ने आरक्षण विधेयक में जानबूझकर ऐसे पेंच फँसाए हैं कि न तो आदिवासियों को आरक्षण का लाभ मिल पाए, न पिछड़े वर्ग को इसका लाभ मिल पाए और न ही अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ मिल पाए। क्या यही राजनीतिक पाखण्ड कांग्रेस के टिकट वितरण में रचा गया है? क्वांटिफ़ायबल डाटा कांग्रेस की भूपेश सरकार ने न राज्यपाल को सौंपा और न ही विधानसभा के पटल पर रखा।
सुश्री सरोज पांडेय ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री बघेल बताएँ कि छत्तीसगढ़ में आरक्षण के नाम पर उन्होंने अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और सामान्य हर वर्ग की जनता के साथ जैसा छलावा किया है, क्या वही छलावा उनकी सरपरस्ती में कांग्रेस की टिकटों के वितरण में कांग्रेस के लोगों के साथ भी उन्होंने किया है? जब भी मुख्यमंत्री बघेल से क्वांटीफायबल डाटा को सार्वजनिक करने के बारे में सवाल किया जाता है तो वे यह कहकर मीडिया से सवाल करते हैं कि उस डाटा से आपको क्या करना है? वह हमने अपने लिए कराया है। सुश्री सरोज पांडेय ने कटाक्ष किया कि जातिगत जनगणना करा लिए जाने के मुख्यमंत्री बघेल के दावे राजनीतिक शोशेबाजी अधिक प्रतीत हो रहे हैं