प्रमोद मिश्रा
कसडोल/रायपुर, 26 अक्टूबर 2023
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के कसडोल विधानसभा सीट से मुकाबला काफी दिलचस्प हो सकता है । दरअसल, कांग्रेस पार्टी से दावेदारी करने वाले गोरेलाल साहू ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ने का प्लान बना लिया है । आज गोरेलाल साहू ने कसडोल विधानसभा से नामांकन फॉर्म भी खरीदा है । माना जा रहा है कि कसडोल विधानसभा से गोरेलाल साहू निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतर सकते हैं ।
कसडोल विधानसभा से कांग्रेस ने विधायक शकुंतला साहू का टिकट काटकर तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष संदीप साहू को चुनावी मैदान में उतारा है । वहीं भाजपा ने धनीराम धीवर को अपना प्रत्याशी बनाया है । कसडोल विधानसभा में मुकाबला काफी दिलचस्प हो सकता है यदि गोरेलाल साहू चुनावी मैदान में उतरते हैं । कसडोल विधानसभा के खैरा (कटगी) के रहने वाले हैं ।
गोरेलाल साहू ने कांग्रेस पार्टी से दावेदारी भी लगातार कर रहे थे । बकायदा, प्रचार वाहन लगाकर कांग्रेस पार्टी के लिए प्रचार करने वाले गोरेलाल साहू अपनी टिकट कन्फर्म होने के किए आश्वस्त थे । लेकिन, पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार नहीं बनाया । मीडिया 24 से बातचीत में गोरेलाल साहू ने कहा कि वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे ।
क्या रहे चुनाव परिणाम?
2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल मिलाकर 333341 मतदाता थे, जिन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी शकुंतला साहू को 121422 वोट देकर जिताया था । उधर, बीजेपी उम्मीदवार गौरीशंकर अग्रवाल को 73004 वोट हासिल हो सके थे, और वह 48418 वोटों से हार गए थे ।
2013 में कसडोल विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी गौरीशंकर अग्रवाल को जीत हासिल हुई थी, और उन्होंने 93629 वोट हासिल किए थे । इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार राजकमल सिंघानिया को 70701 वोट मिल सके थे, और वह 22928 वोटों के अंतर से दूसरे स्थान पर रहे थे ।
वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी राजकमल सिंघानिया ने कुल 77661 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी, और बीजेपी उम्मीदवार योगेश चंद्राकर दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें 50455 मतदाताओं का समर्थन हासिल हो सका था, और वह 27206 वोटों के अंतर से विधानसभा चुनाव हार गए थे ।
क्या कहता है जातिगत समीकरण?
कसडोल विधानसभा सीट के जातिगत समीकरण की बात करे, तो यहां सतनामी समाज सबसे ज्यादा है । सतनामी समाज के बाद सबसे ज्यादा तेली और कुर्मी अधिक हैं । कसडोल विधानसभा में सबसे ज्यादा OBC वोटर हैं । कसडोल में लगभग 45 फीसदी OBC, 30 फीसदी SC, 15 फीसदी ST और 10 फीसदी अन्य मतदाता हैं. इसलिए इस सीट में जीत हार का फैसला ओबीसी वर्ग के वोटों पर निर्भर करता है । जानकारी के मुताबिक लगभग 90 हजार के करीब साहू वोट हैं, जो प्रत्याशी के जीत और हार को फिक्स करते हैं । वहीं मछुआरा समाज से भी तकरीबन 46,000 वोटर हैं । इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने साहू समाज का उम्मीदवार उतारा है, तो भाजपा ने मछुआरा समाज के व्यक्ति को टिकट दिया है ।
कैसा रहा गोरेलाल साहू का राजनीतिक कैरियर?
ग्राम कटगी के पास खैरा के रहने वाले गोरेलाल साहू लगातार 5 बार सरपंच रहे हैं, तो वहीं वर्तमान में जिला पंचायत बलौदाबाजार के सभापति भी हैं । गोरेलाल साहू की पत्नी वर्तमान में खैरा की सरपंच रहने के साथ जनपद पंचायत कसडोल की सरपंच संघ की अध्यक्ष भी हैं ।