प्रमोद मिश्रा
अंबिकापुर, 16 दिसंबर 2023। छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के साथ ही सरकारी जमीन को दबाकर बैठे लोगों के कब्जों से जमीन को मुक्त कराने की कार्रवाई शुरू हो गई है। जिला प्रशासन ने उत्तर छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थल मैनपाट से 111.488 हेक्टेयर सरकारी जमीन को कब्जामुक्त कराया है। आरोप है कि बीते पांच वर्षों से भूपेश सरकार में खाद्य एवं संस्कृति मंत्री रहे अमरजीत भगत के समर्थकों ने शासकीय जमीन को अपने नाम पर करा लिया था।
पूर्व में इसकी शिकायत की गई थी, लेकिन प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की गई। इधर, भाजपा के सत्ता में आने के बाद कलेक्टर कुंदन कुमार ने इस भूमि को कब्जामुक्त करवाया। बता दें कि कुल 48 लोगों ने अलग-अलग खसरा नंबर की उक्त जमीन को अपने नाम करा ली थी। सीतापुर विधानसभा क्षेत्र के मैनपाट सहित सीतापुर और बतौली में भी सैकड़ो एकड़ शासकीय भूमि कब्जा करने का मामला सामने आया है, जिस पर भी कार्रवाई हो रही है।
प्रदेश के विख्यात पर्यटन केंद्र मैनपाट में प्रशासन की कार्रवाई, चार पटवारियों को नोटिस
पिछले चार-पांच वर्षों के भीतर उक्त गड़बड़ी की गई थी। तत्कालीन चार पटवारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। शासकीय जमीन को राजस्व अभिलेखों में अपने नाम करा लेने की और भी शिकायतें हैं। सभी की जांच चल रही है। जिन्होंने कपटपूर्वक कब्जा किया होगा, उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। -रवि राही, एसडीएम सीतापुर
जांच में गड़बड़ी की पुष्टि पर लगभग 112 हेक्टेयर जमीन शासकीय मद में दर्ज करा दी गई है। स्कूल के खेल मैदान, रास्ता मद के अलावा वन विभाग की जमीन भी इसमें शामिल है। -कुंदन कुमार, कलेक्टर सरगुजा जज बेटे ने लौटाई थी कोरवा की भूमि मंत्री रहते हुए अमरजीत भगत पर जमीन कब्जाने का भी आरोप लगा था।
मंत्री के जज पुत्र आशीष भगत ने जशपुर जिले में कोरवा आदिवासियों की 25 एकड़ भूमि अपने नाम पर करवा ली थी। भाजपा सरकार में मंत्री रहे गणेशराम भगत ने इस विषय को उठाया। हंगामा मचने के बाद भगत के पुत्र ने उक्त भूमि को लौटा दिया था।