ब्यूरो चीफ
देहरादून, 6 फ़रवरी 2024|विधानसभा सत्र के दूसरे दिन आज सरकार समान नागरिक संहिता (Uniform Civil code) से संबंधित विधेयक सदन में पेश कर दिया गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भारतीय संविधान की एक प्रति के साथ देहरादून स्थित अपने आवास से रवाना हुए थे। उन्होंने सदन की कार्यवाही के दौरान यूसीसी विधेयक पेश किया।
उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी बिल पर बीजेपी सांसद डॉ. सुकांत मजूमदार का कहना है कि अगर राज्य सरकार को लगता है कि इसे (यूसीसी) लागू करने की जरूरत है तो इसे लाना चाहिए।
समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पर समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन का कहना है, अगर कोई कानून बनाया जाता है जो कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ है, तो हम उससे सहमत नहीं होंगे… वे कब तक वोटों का ध्रुवीकरण करते रहेंगे, लोग अब इससे तंग आ चुके हैं।”
सीएम धामी द्वारा राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश करने के बाद राज्य विधानसभा के अंदर विधायकों द्वारा “वंदे मातरम और जय श्री राम” के नारे लगाए गए।
समान नागरिक संहिता के प्रमुख बिंदु
1- तलाक के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा ।
2-तलाक के बाद भरण पोषण का नियम एक होगा ।
3-गोद लेने के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा ।
4-संपत्ति बटवारे में लड़की का समान हक सभी धर्मों में लागू होगा ।
5-अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं होगा ।
6-सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष अनिवार्य होगी ।
7-लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण जरूरी होगा ।
8- प्रदेश की जनजातियां इस कानून से बाहर होंगी ।
9-एक पति पत्नी का नियम सब पर लागू होगा, बहुपत्नी प्रथा होगी समाप्त।
मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस मामले में काफी सोच- विचार के बाद अपना पक्ष रख रही है। पार्टी को डर बहुसंख्यक वोट बैंक के नाराज होने का है। वहीं, मुस्लिम नेताओं की ओर से खुलकर इस मामले में बयान सामने आ रहे हैं। धार्मिक नेताओं के भी बयान सामने आ रहे हैं। धामी सरकार को यूसीसी लागू होने के परिणाम की चेतावनी देने वाले देहरादून के शहर काजी का एक बार फिर बयान सामने आया है। उन्होंने इसे धर्म विशेष यानी मुस्लिमों के खिलाफ बताने की कोशिश की है।