मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने दी बड़ी सौगातें : राज्य के श्रद्धालुओं के लिए अयोध्या धाम में माता कौशल्या धाम और तिरूपति, जगन्नाथ पुरी में बनेगा छत्तीसगढ़ धाम, पद्मश्री प्राप्त कलाकारों को मिलेगी प्रतिमाह 25 हजार रूपए पेंशन की राशि, ‘प्रधानमंत्री श्री रामलला गाथा केन्द्र‘ का होगा निर्माण, 5 शक्तिपीठों का विकास करेगी सरकार

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 15 फरवरी 2024

मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने संस्कृति विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा में पद्मश्री प्राप्त कलाकारों को प्रतिमाह 25 हजार रूपए पेंशन दिए जाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि ‘प्रधानमंत्री अंतर्राष्ट्रीय लोककला महोत्सव‘ के नाम से राज्य के तीन स्थानों- रायपुर, सिरपुर, चक्रधर महाराज की भूमि रायगढ़ में भव्य महोत्सव का आयोजन करेंगे। इस आयोजन में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कलाकरों को आमंत्रित कर छत्तीसगढ़ की पहचान पूरे देश में एक सांस्कृतिक रूप से बनेगी। उन्होंने कहा कि ‘राजिम कुंभ कल्प‘ मेला को भव्य रूप प्रदान करने बजट में 37 करोड़ रूपए, सिरपुर का सांस्कृति विकास के लिए 1 करोड़ 28 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद जी के रायपुर में व्यतीत जीवन काल को चिरस्मरणीय बनाने उनके निवास स्थान वर्तमान डे-भवन को स्वामी विवेकानंद स्मारक के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए बजट में 4 करोड़ 80 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। नवा रायपुर स्थित पुरखौती मुक्तांगन परिसर में प्रदेश का राजकीय मानव संग्रहालय की स्थापना के लिए 8 करोड़ 64 लाख रूपए का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 28 जिला मुख्यालयों एवं मुख्य पर्यटन स्थलों में गढ़कलेवा का विस्तार कर छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खान-पान व्यंजनों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जाएगी। इसके लिए बजट में 2 करोड़ 12 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश में कलाकार कल्याण कोषण योजना के तहत राज्य के ख्याति प्राप्त किन्तु अर्थाभावग्रस्त साहित्यकारों एवं कलाकारों और उनके परिजनों के लंबी तथा गंभीर बीमारी, दुर्घटना अथवा दैवीय विपत्ती के स्थिति में दी जाने वाली आर्थिक सहायता को 25 हजार रूपए से बढ़ाकर 50 हजार रूपए कर दी गई है, वहीं निधन होने पर 25 हजार की आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 1 लाख रूपए किया गया है। कलाकारों के मासिक पेंशन को 2000 रूपए से बढ़ाकर 5000 रूपए प्रतिमाह कर दिया गया है। गोड़ी भाषा के सरंक्षण एवं संवर्धन के लिए 2 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।

 

 

 

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मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने पर्यटन विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि प्रदेशवासियों को श्री रामलला दर्शन योजना के तहत अयोध्या धाम की निःशुल्क यात्रा करायी जाएगी। इसके लिए बजट में प्रावधान किया गया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में प्रभु श्रीराम की गाथा को प्रदर्शित करते हुए ‘प्रधानमंत्री श्री रामलला गाथा केन्द्र‘ का निर्माण किया जाएगा। अयोध्या धाम में राज्य के श्रद्धालुओं के लिए छत्तीसगढ़ माता कौशल्या धाम भवन का निर्माण कराया जाएगा। इसी प्रकार तिरूपति, जगन्नाथ पुरी में भी छत्तीसगढ़ धाम बनाया जाएगा। राजिम पंचकोशी परिक्रमा परिपथ विकास हेतु 100 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि गिरौदपुरी धाम में छाता पहाड़ को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसी प्रकार गुरू बालक दास शहादत स्थल बांधा मुंगेली का पर्यटन विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैनपाट को छत्तीसगढ़ के शिमला के नाम से जाना जाता है और इसे शिमला-मनाली के मालरोड के तर्ज पर हिल स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में पांच शक्तिपीठों- कुदरगढ़ जिला सूरजपुर, चंद्रहासिनी चंन्द्रपुर जिला-सक्ती, महामाया रतनपुर जिला-बिलासपुर, दंतेश्वरी जिला दंतेवाड़ा और बम्लेशवरी डोंगरगढ़ जिला राजनांदगांव को चारधाम की तर्ज पर विकसित करने के लिए योजना तैयार की जा रही है। इस योजना पर लगभग 112 करोड़ 16 लाख रूपए की लागत संभावित है। इस वर्ष बजट में 5 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व के विभाग के अनुदान मांगों के संबंध में बस्तर के मांझी एवं चालकियों के सम्मान निधि राशि क्रमशः 2000 रूपए से बढ़ाकर 2500 रूपए एवं 1500 रूपए से बढ़ाकर 2000 रूपए करने की घोषणा की। इसी प्रकार बस्तर के कार्यकारिणी मेम्बरीनों के मानदेय भी प्रतिमाह 1100 से बढ़ाकर 1500 रूपए किया जाएगा। मेम्बरीनों के 50 साधारण सदस्यों को 1500 से बढ़ाकर 2000 रूपए वाषिक मानदेय दिया जाएगा। बस्तर दशहरा के 80 परगनों में 80 चालकी मेम्बर, काछनदेवी, रैलादेवी गुरूमाय 10 सदस्य कोठीपुजारी के 6 सदस्य, मुण्डाबाज वादक के 30 सदस्य रथ संचालन संवाहक 7 सदस्य के लिए 1500 रूपए वार्षिक सम्मान निधि की स्वीकृति प्रदान की गई है। छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को कैलाश मानसरोवर की यात्रा हेतु प्रति यात्री 50 हजार रूपए आर्थिक सहायता अनुदान राशि को बढ़ाकर 1 लाख रूपए दिया जाएगा। इसी प्रकार सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा के लिए वास्तविक व्यय का 50 प्रतिशत तक आर्थिक सहायता अनुदान दिया जाएगा।

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