चरणदास महंत पर दर्ज हुई FIR : PM नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयान देना पड़ सकता है भारी, इलेक्शन कमीशन के निर्देश के बाद धारा 506 के तहत दर्ज हुआ मामला

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 06 अप्रैल 2024

छत्तीसगढ़ में विधानसभा के अध्यक्ष और सक्ति विधानसभा के विधायक चरणदास महंत की मुस्किले बढ़ सकती है । दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए गए आपत्तिजनक भाषण को लेकर उनके खिलाफ राजनांदगांव कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज किया है ।

 

 

सार्वजनिक मंच से दिये गये इस संबोधन के बाद भाजपा ने तीखी नाराजगी जतायी थी। ओम पाठक सदस्य, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सचिव केन्द्रीय अनुशासन समिति भारतीय जनता पार्टी ने भारत निर्वाचन आयोग को शिकायत प्रेषित कर आदर्श आचरण संहिता के तहत उचित कार्यवाही करने हेतु मांग की थी। शिकायत पत्र में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के विरूद्ध हेट स्पीच किए जाने के सबंध में शिकायत के साथ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 499, 503 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123 (2) एवं आदर्श आचरण संहिता की कंडिका 3.8.2 के तहत कार्यवाही किए जाने हेतु भारतीय जनता पार्टी द्वारा पत्र आयोग को प्रेषित किया गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ हेट स्पीच मामले में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत मुश्किल में फंस गये हैं। चुनाव आयोग के निर्देश पर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया गया है। चुनाव आयोग ने आज शाम में ही छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को मामले में कार्रवाई के निर्देश दिये थे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने इस मामले में राजनांदगांव के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह कलेक्टर को कार्रवाई के पत्र भेजा था। शाम में भेजे गये पत्र के बाद रात होते-होते जिला प्रशासन ने FIR दर्ज करा दिया। राजनांदगांव के तहसीलदार अतुल विश्वकर्मा की शिकायत पर कोतवाली में ये मामला दर्ज किया गया है।

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हालांकि फिलहाल पुलिस ने इस मामले में चरणदास महंत के खिलाफ धारा 506 के तहत मामला दर्ज किया है। तहसीलदार सह सहायक रिटर्निंग आफिसर की दर्ज करायी गयी शिकायत में प्रथम दृष्टिया प्रधानमंत्री मोदी का सर लाठी से फोड़ने और उनको क्षति पहुंचाने की धमकी देना का मामला सही पाया गया है, जिसके बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है।

क्या है धारा 506?

जो कोई भी आपराधिक धमकी का अपराध करता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है।
यदि धमकी मृत्यु या गंभीर चोट, आदि के लिए है – और यदि धमकी मौत या गंभीर चोट पहुंचाने, या आग से किसी संपत्ति का विनाश कारित करने के लिए, या मृत्युदंड या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध कारित करने के लिए, या सात वर्ष तक की अवधि के कारावास से दंडनीय अपराध कारित करने के लिए, या किसी महिला पर अपवित्रता का आरोप लगाने के लिए हो, तो अपराधी को किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है।

लागू अपराध

1. आपराधिक धमकी
सजा – 2 वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों।
यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
2. यदि धमकी मृत्यु या गंभीर चोट पहुंचाने, आदि के लिए है।
सजा – 7 वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों
यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

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यह अपराध पीड़ित व्यक्ति के द्वारा समझौता करने योग्य है।

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